टैंक पर सवार सैनिकों को अलविदा कहते दो बच्चों की एक फोटो रूस-यूक्रेन विवाद (Russia Ukraine Conflict) से जोड़कर शेयर की जा रही है.
ये दावा ऐसे समय में किया जा रहा है जब यूक्रेन के अलग-अलग क्षेत्रों में रूसी (Russia) और यूक्रेनी सेना के बीच लड़ाई छिड़ी हुई है.
हालांकि, हमने पाया कि इस फोटो का रूस और यूक्रेन (Ukraine) के बीच हालिया युद्ध से कोई संबंध नहीं है. ये फोटो 2016 की है.
दावा
वायरल फोटो का कैप्शन इंग्लिश में लिखा गया है जिसका अनुवाद इस प्रकार है, ''इस फोटो ने मेरी आंखों में आंसू ला दिए. दो छोटे यूक्रेन के बच्चे रूसियों से लड़ने के लिए सैनिकों को भेज रहे हैं. एक-दूसरे का हाथ पकड़े बच्चों में लड़की के हाथ में एक टैडी है, उसका भाई सलामी दे रहा है. देखो उसकी पीठ पर क्या है. ये तस्वीर हजार शब्द बोलती है.''
पड़ताल में हमने क्या पाया
फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ये फोटो यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर मिली, जिसे 2016 में अपलोड किया गया था.
इस फोटो का कैप्शन यूक्रेन की भाषा में था, जिसे गूगल ट्रासलेटर की मदद से अनुवाद करने पर उसका मतलब ये निकलता है, ''हमारे लिए प्रिय माता-पिता, प्यारे बच्चों, प्रियजनों, रिश्तेदारों; लेकिन किसी चीज के लिए प्यार की सभी धारणाएं एक शब्द 'होमलैंड' (सिसेरो) में समाहित हैं. एल्बम 'चिल्ड्रन ऑफ़ वॉर' के लेखक दिमित्री मुराव्स्की की अविश्वसनीय तस्वीरों के लिए धन्यवाद.''
इन तस्वीरों के लिए, शौकिया फोटोग्राफर और यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के लिए वॉलंटियर करने वाले दिमित्री मुराव्स्की को क्रेडिट दिया गया था.
हमें ये फोटो मुराव्स्की की फेसबुक प्रोफाइल पर भी मिली जिसे 22 मार्च 2016 को पोस्ट किया गया था. इस एल्बम में कई दूसरी फोटो भी थीं, जिनमें बच्चे आर्म्ड फोर्स की वर्दी पहने लोगों के बातचीत करते दिख रहे हैं.
हमें यही फोटो यूक्रेन की न्यूज वेबसाइटों पर भी मिलीं, जिन्हें 2016 में पब्लिश किया गया था.
मतलब साफ है, सैनिकों को अलविदा करते बच्चों की एक पुरानी फोटो यूक्रेन-रूस जंग से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
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