कोरोना महामारी की शुरुआत के करीब तीन साल बाद, चीन में एक बार फिर कोविड (Covid) से जुड़े मामलों में वृ्द्धि देखी जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसकी वजह से चीन (China) में बीमारी की चपेट में आए लोगों से हॉस्पिटल फुल हो रहे हैं और कई मौतें भी हुई हैं.
कोविड के ओमिक्रॉन वैरिएंट के सबलीनिएज वैरिएंट BF.7 को चीन में आई कोरोना की इस लहर की वजह बताया जा रहा है. ''भारत में भी इस वैरिएंट के मामले सामने आने'' से जुड़ी डर पैदा करने वाली हेडलाइन की वजह से दहशत फैल रही है.
ये सच है कि भारत में इस वैरिएंट के 4 मामले दर्ज किए गए थे. लेकिन उनमें से कोई भी मामला अब सक्रिय नहीं है. बता दें कि इस वैरिएंट से जुड़ा पहला मामला जुलाई में दर्ज किया गया था.
कई न्यूज ऑर्गनाइजेशन ने भारत में इन 4 मामलों के बारे में बताते हुए स्टोरी चलाईं. जहां कुछ हेडलाइन्स में ये बताया गया था कि BF.7 वैरिएंट के सिर्फ 4 मामले देश में दर्ज किए गए हैं. तो वहीं कुछ में इसे ''चाइना वैरिएंट'' कहा गया था.
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तो क्या ये वैरिएंट भारत में नया है?: स्वास्थ्य मंत्रालय में एक सोर्स ने क्विंट से पुष्टि की कि भारत में BF.7 वैरिएंट से जुड़ा पहला मामला इसी साल जुलाई में मिला था.
सितंबर में भी इस वैरिएंट का एक और मामला ओडिशा में सामने आया था. सूचना और जनसंपर्क विभाग के मुताबिक, वो सख्स अब ठीक हो गया है और अमेरिका के लिए रवाना भी हो चुका है.
साथ ही, ये भी बताया गया है कि पिछले तीन महीनों में ओडिशा में इस वैरिएंट का कोई अन्य मामला सामने नहीं आया है.
तब इस वैरिएंट के दो और मामले गुजरात में सामने आए थे. ये दोनों घर पर ही ठीक हो गए थे.
इस वैरिएंट की वजह से इन दोनों राज्यों में न तो बीमारी की गंभीरता बढ़ी और न ही संक्रामकता.
हालांकि, एक्सपर्ट्स ने चेताया है कि BF.7 वैरिएंट की वजह से कुछ और भी देशों में मामलों में वृद्धि हो सकती है.
BF.7 के बारे में हमें क्या पता है?: BF.7, BA.5 ओमिक्रॉन वैरिएंट का सबलीनिएज है, न कि कोई अलग वैरिएंट. इसे भी ओमिक्रॉन के दूसरे सबवैरिएंट की तरह ही 'वैरिएंट ऑफ कन्सर्न' माना जाएगा.
BF.7 की वजह से वही सामान्य लक्षण उभरते हैं, जो ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से होते हैं. जैसे कि गले में खराश, नाक बहना और खांसी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, BF.7 तेजी से फैलता है. इसका इनक्यूबेशन पीरियड बहुत कम होता है. यानी इससे संक्रमित शख्स को इसके लक्षण बहुत जल्दी दिखने लगते हैं. ये लोगों को आसानी से संक्रमित कर सकता है. इससे वो लोग भी आसानी से संक्रमित हो सकते हैं जिन्हें पहले कभी कोविड हो चुका है.
स्टडी की मानें तो अगर किसी को वैक्सीन लग चुकी है, तब भी BA.5 ओमिक्रॉन सबवैरिएंट उसे अपनी गिरफ्त में ले सकता है. ऐसा BF.7 पर भी लागू होता है.
हालांकि, अच्छी बात ये है कि वैक्सीन अब भी गंभीर बीमारी और मौत के खतरे को कम करती है.
स्वास्थ्य मंत्रालय का क्या है कहना?: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने 21 दिसंबर को एक समीक्षा बैठक करके सबी संबंधित अधिकारियों को निगरानी के निर्देश दिए हैं.
इसके एक दिन पहले मंत्रालय ने राज्यों को भी निर्देश दिए थे कि वो जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाएं.
नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल ने लोगों से मास्क पहनने की अपील की है. साथ ही, कोरोना वैक्सीन की एहतियाती डोज लेने की सलाह दी है.
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