सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक रॉकेट क्रैश होते देखते लोगों की भीड़ खड़ी है. इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वीडियो में हिंद महासागर में चीनी उपग्रह गिरता हुआ दिख रहा है.
हालांकि, कथित तौर पर चीनी रॉकेट के अवशेष 9 मई रविवार को हिंद महासागर में गिरे थे, लेकिन वायरल वीडियो अभी का नहीं, फरवरी का है.
वीडियो में दिख रही गिरती हुई चीज स्टारशिप SN9 प्रोटोटाइप है, जिसे एलन मस्क की कंपनी SpaceX ने बनाया था. ये रॉकेट परीक्षण के दौरान काफी ऊंचाई तक उड़ने के बाद लैंडिग करते समय विस्फोट कर गया था.
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने InVID के गूगल क्रोम एक्सटेंशन का इस्तेमाल करके वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा और उन फ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च किया.
हमें यूट्यूब पर 4 फरवरी को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला. इसे Infinite Space नाम के चैनल ने अपलोड किया था. यूट्यूब में अपलोड किया गया वीडियो वायरल वीडियो का बड़ा वर्जन है. इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है: SpaceX Starship SN9 लॉन्च, लैंडिंग, विस्फोट और दर्शकों का रिएक्शन!.''
हमने ‘SpaceX SN9 explosion’ कीवर्ड से सर्च करके देखा. हमें CNBC की एक रिपोर्ट मिली जिसमें बताया गया था कि SpaceX का प्रोटोटाइप सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था, हालांकि परीक्षण उड़ान के बाद लैंडिग करते समय इसमें विस्फोट हो गया.
सर्च रिजल्ट में SpaceX के यूट्यूब हैंडल पर 3 फरवरी को अपलोड की गई लाइव फुटेज भी मिली. जिसमें परीक्षण के दौरान हुई पूरी घटना क्रमवार देखी जा सकती है.
वायरल वीडियो और SpaceX के अपलोड किए गए वीडियो की ध्यान से जांच करने पर, हमने पाया कि दोनों ही वीडियो में कई समानताएं हैं.
उदाहरण के लिए, दोनों वीडियो में दिख रहे विजुअल एक जैसे हैं.
इसके अलावा, हमने ये भी देखा कि दोनों ही वीडियो में घटनाओं का क्रम एक जैसा ही है. इसे आप SpaceX की फुटेज में 11 मिनट 50 सेंकंट वाले टाइमफ्रेम में देख सकते हैं.बाएं वायरल वीडियो, दाएं SpaceX की लाइव फुटेज(फोटो:Alterd by The Quint)
चीनी रॉकेट का मलबा कहां और कब गिरा था?
Reuters पर 9 मई को पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के सबसे बड़े रॉकेट के अवशेष हिंद महासागर में गिरे और इसके वायुमंडल में फिर से प्रवेश करते ही इसका अधिकांश मलबा नष्ट हो गया.
चीनी रॉकेट लॉन्ग मार्च 5बी को 29 अप्रैल को चीन के हाइनान द्वीप से प्रक्षेपित किया गया था, जो चीन के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के प्रमुख मॉड्यूल को पृथ्वी की निचली कक्षा की ओर ले जा रहा था.
वैश्विक अटकलें थीं कि पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित रूप से दोबारा प्रवेश करने के बाद इसका मलबा कहां गिरेगा.
मतलब साफ है कि वायरल वीडियो को इस झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहा हिंद महासागर में गिरता मलबा चीन के रॉकेट का है.
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