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फर्जी महिला पत्रकारों के अकाउंट से दावा- किसानों ने की अश्लील हरकत

फेक अकाउंट से किसान आंदोलन में महिला पत्रकार के साथ छेड़छाड़ का दावा

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ट्विटर पर महिलाओं के नाम से बने कुछ अकाउंट्स से ट्वीट कर ये दावा किया जा रहा है कि किसान आंदोलन में महिलाओं के साथ अश्लील हरकत हुई. महिलाओं के नाम पर बने अकाउंट से ये मैसेज छेड़छाड़ के एक निजी अनुभव की तरह शेयर किया जा रहा है.

मैसेज है - कल जो मेरे साथ अश्लील हरकत हुई उसके सीधे-सीधे जिम्मेवार राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव हैं मैं दिल्ली पुलिस से मांग करती हूं इन दोनों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करें मैं एक पत्रकार नहीं महिला भी हूं.

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मैसेज पोस्ट करने वाले हैंडल अलग हैं. लेकिन पोस्ट एक ही है. शब्दशः छेड़छाड़ का एक ही अनुभव. मैसेज कॉपी-पेस्ट होने की वजह से इसकी सत्यता पर सवाल खड़े होते हैं. ये दावा करने वाले कुछ ट्विटर हैंडल्स की प्रोफाइल चेक करने पर सामने आया कि मैसेज शेयर करने वाले अकाउंट फेक हैं.

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने ट्रैक्टर रैली आयोजित की थी. इसके अगले दिन ट्विटर पर ट्रैक्टर रैली में हुई महिला पत्रकार के साथ कथित अश्लीलता से जुड़े ट्वीट अलग-अलग हैंडल्स से किए जाने लगे. वेबकूफ ने ऐसे दो ट्विटर अकाउंट्स की जांच की, जिनके ट्वीट पर बड़ी संख्या में यूजर्स रिएक्ट कर रहे हैं.

पहला अकाउंट- नेहा जोशी

सबसे पहले नेहा जोशी नाम के हैंडल से ये ट्वीट किया गया. इस ट्वीट को रिपोर्ट लिखे जाने तक 4 हजार से ज्यादा लाइक मिल चुके हैं.

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इस अकाउंट में इस्तेमाल की गई प्रोफाइल पिक्चर को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें Qurat Ul Ain Iqrar नाम की फेसबुक प्रोफाइल में भी यही फोटो मिली.

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बायो से पता चलता है कि Qurat एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल Arynews की पत्रकार हैं. उन्होंने नेहा जोशी के किसान आंदोलन से जुड़े ट्वीट का जवाब देते हुए इस प्रोफाइल को फेक भी बताया है.

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Qurat द्वारा लिए गए कई इंटरव्यू यूट्यूब पर उपलब्ध हैं. जिससे पुष्टि होती है कि वो एक पत्रकार हैं. ऐसे ही एक इंटरव्यू के विजुअल्स को प्रोफाइल पिक्चर से मिलाने पर स्पष्ट हो रहा है कि फोटो में Qurat ही हैं. उनकी फोटो का इस्तेमाल नेहा जोशी नाम की फेक आईडी बनाने के लिए किया गया.

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फेक प्रोफाइल पिक्चर के खुलासे के अगले ही दिन नेहा जोशी नाम के अकाउंट की डीपी बदल दी गई. खुद को एबीपी न्यूज और जी न्यूज की पूर्व पत्रकार बताने वाली नेहा जोशी का अकाउंट अक्टूबर 2020 में ही क्रिएट हुआ है.

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20 जनवरी के बाद दो बार इस अकाउंट का यूजर नेम बदला जा चुका है. अकाउंट के पिछले ट्वीट में आए अन्य यूजर्स के रिप्लाई में पुराना यूजर नेम देखा जा सकता है. 20 जनवरी को इस अकाउंट का यूजर नेम @news4india था. 26 जनवरी को nehajoshinews और 29 जनवरी को अकाउंट का यूजर नेम NehakiNews दिख रहा है.

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दूसरा अकाउंट- अनुष्का पांडे

इस ट्विटर हैंडल से भी 27 जनवरी को वही ट्वीट किया गया. - कल जो मेरे साथ अश्लील हरकत हुई उसके सीधे-सीधे जिम्मेवार राकेश टिकैत योगेंद्र यादव हैं मैं दिल्ली पुलिस से मांग करती हूं इन दोनों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करें मैं एक पत्रकार नहीं महिला भी हूं.

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14 दिसंबर, 2020 को इस अकाउंट से पहला ट्वीट हुआ था. अकाउंट क्रिएट होने के अगले ही दिन यानी 15 दिसंबर से ही इस हैंडल से किसान आंदोलन के विरोध में ही ट्वीट किए जा रहे हैं.

फॉलोअर बढ़ाने के लिए लगातार इस अकाउंट से रीट्वीट और फॉलो करने को लेकर ट्वीट होते हैं.

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अकाउंट में इस्तेमाल की गई प्रोफाइल पिक्चर को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें अनन्या सिह नाम की फेसबुक प्रोफाइल में भी यही फोटो मिली.

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अनन्या सिंह नाम की फेसबुक प्रोफाइल पर ये फोटो 9 मार्च, 2020 को अपलोड की गई है. कई फोटो स्टॉक वेबसाइट्स और ब्लॉग में हमें यह फोटो मिली. अमूमन इन सोर्सेस से फोटो फेक आईडी की प्रोफाइल पिक्चर बनाने के लिए ली जाती हैं.

ब्रेनली पर एक अन्य यूजर ने इसी फोटो को खुद का बताया है. शेयर चैट के एक अन्य नाम के अकाउंट पर भी हमें यही प्रोफाइल पिक्चर मिली. अनुष्का पांडे नाम का अकाउंट विश्वसनीय नहीं है. इसमें इस्तेमाल की गई प्रोफाइल पिक्चर कई फोटो स्टॉक वेबसाइट्स पर उपलब्ध है. इस फोटो को अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अलग-अलग नामों के अकाउंट में इस्तेमाल किया गया है.

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किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक सूचनाएं फैलाने के लिए चल रहे कॉपी-पेस्ट कैंपेन के तहत ऐसे कई मैसेज वायरल हो रहे हैं. इन मैसेजों में अलग-अलग नाम के अकाउंट्स से मैसेज को शब्दशः कॉपी कर निजी अनुभव की तरह शेयर किया जा रहा है. एक अन्य मैसेज है- आज रिपोर्टिंग करते समय इन तथाकथित किसानों का जो तांडव देखा वो अपने पत्रकारिता करियर में कभी नहीं देखा. आज इन्होंने ने मुझ पर भी ट्रैक्टर चढ़ाने और तलवार से हमले की कोशिश की.अश्लील हरकतें और बदसलूकी की गयी .माईक को छीनकर तोङने कि कोशिश की. ये किसान संगठन है या कोई और ?

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साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट अनिवाश जैन ने वेबकूफ से बातचीत में बताया - किसी भी दावे को लेकर एक ही मैसेज अलग-अलग अकाउंट्स से पोस्ट करना कॉपी-पेस्ट कैंपेन है. कोई भी विशेष नैरेटिव सेट करने के लिए ये कराया जाता है. आधिकारिक तौर पर तो नहीं, लेकिन कई एजेंसियां राजनीतिक पार्टियों और कंपनियों के लिए इस तरह कै कैंपेन चलाती हैं. ये तरीका एथिकल नहीं, लेकिन अब आम हो चुका है.

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