सोशल मीडिया पर कांग्रेस के 2024 के चुनावी घोषणा पत्र (Congress Manifesto) का बताकर एक पोस्ट वायरल हो रही है. इस पोस्ट में कहा गया है कि कांग्रेस का घोषणा पत्र काफी डरावना है और ये PFI, जमात - ए - इस्लामी, मुस्लिम लीग जैसे कट्टरपंथी संगठनों के लक्ष्य के आधार पर बनाया गया है.
दावा क्या है?: लंबे चौड़े वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि कांग्रेस की सरकार अगर बनती है तो वो ट्रिपल तलाक को वापस लाएगी, मुस्लिमों को खास आरक्षण देगी, मुस्लिम जजों की संख्या बढ़ाएगी, स्कूलों में बुर्के का समर्थन करेगी, गोमास को वैध करेगी. ऐसे और भी कई दावे इस मैसेज में किए गए हैं.
पोस्ट में वायरल अन्य दावे -
इस दावे में आगे कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी ने बहुसंख्यकवाद को खत्म करने, गाजा और हमास का समर्थन करने और बुलडोजर कार्रवाई पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है.
इन दावों में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हुए यह भी कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी न्यायपालिका में मुस्लिम न्यायाधीशों को बढ़ाएगी, मॉब लिंचिंग को रोकेगी, गोमांस को वैध बनाएगी, और मुसलमानों के लिए लोन की एक अलग योजना लाएगी.
लेकिन..?: हमने कांग्रेस पार्टी के 2024 के चुनावी घोषणा पत्र को देखा और उसे वायरल पोस्ट से क्रॉस चेक किया, तो पाया कि पोस्ट में किए गए ज्यादातर दावे भ्रामक हैं.
हमनें सच का पता कैसे लगाया ?: हमने सबसे पहले घोषणापत्र को अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में पढ़ा, ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि दावे में कोई गलत अनुवाद तो नहीं किया गया है. अब पोस्ट में किए गए दावों का एक - एक कर सच जानते हैं, क्या सच है और क्या झूठ.
कांग्रेस ने तीन तलाक की वापसी का वादा किया है ?
वायरल पोस्ट के पहले बिंदु में दावा किया गया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो रद्द किए गए तीन तलाक कानून को वापस लाएगी और मुस्लिम पर्सनल लॉ को मजबूत करने के लिए काम करेगी.
हालांकि, कांग्रेस के घोषणापत्र में तीन तलाक कानून का कोई विशेष उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन इसमें कहा गया है, "हम व्यक्तिगत कानूनों में सुधार को बढ़ावा देंगे. यह सुधार उन समुदायों की भागीदारी और उनकी सहमति से किया जाना चाहिए."
यह इस बात की पुष्टि करता है कि कांग्रेस पार्टी ने प्रभावित समुदायों से सलाह लेते हुए व्यक्तिगत कानूनों में सुधार की दिशा में काम करने का वादा किया है, लेकिन यह दावा करना भ्रामक है कि वे तीन तलाक कानून दोबारा लागू करेंगे.
सरकारी और निजी सेक्टर की नौकरी में मुसलमानों को आरक्षण देने की बात कही है ?
घोषणापत्र में 'हिस्सेदारी न्याय' वाले एक सेक्शन में कांग्रेस ने गारंटी दी है कि वह "अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण पर 50% की सीमा बढ़ाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पारित करेगी. "
समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों के लिए 10% आरक्षण की गारंटी भी घोषणा पत्र में दी गई है.
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में किया लव जिहाद का समर्थन ?
'लव जिहाद' दक्षिणपंथी समूहों की तरफ से प्रचारित किया गया एक शब्द है, जिसके तहत आरोप लगाया जाता है कि मुस्लिम युवक हिंदू युवतियों का धर्म परिवर्तन कराने के इरादे से उन्हें प्यार के जाल में फंसाते हैं या शादी करते हैं. हालांकि, कांग्रेस के पूरे चुनावी घोषणा पत्र में कहीं भी 'लव जिहाद' शब्द का जिक्र नहीं किया गया है.
हां, पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में ये जरूर कहा है कि सरकार बनी तो ''किसी के भी खानपान, पहनावे, प्यार और शादी से जुड़े फैसले में बेवजह हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा.''
स्कूलों में बुर्का पहनने को समर्थन देगी कांग्रेस ?
पार्टी के घोषणा पत्र में अलग से बुर्का पहनने के अधिकार की बात भी नहीं कही गई है. पर यहां भी वही बात लागू होती है कि कांग्रेस ने 'खानपान, पहनावे में बेवजह हस्तक्षेप न करने' की बात कही है.
बहुलवाद को खत्म करेगी, हिंदू धर्म को खत्म करेगी कांग्रेस ?
कांग्रेस ने कहीं भी हिंदू धर्म को खत्म करने की बात नहीं कही है. यहां तक की पूरे घोषणा पत्र में कहीं हिंदू शब्द का जिक्र ही नहीं है. न ही बहुसंख्यकवाद या बहुलवाद को खत्म करने की बात कही गई है. हालांकि, गौर करने वाली बात ये है कि बहुसंख्यकवाद को खत्म करने और बहुसंख्यक समुदाय को खत्म करना बहुत अलग-अलग बातें हैं
कई बिंदुओं पर, कांग्रेस ने वर्तमान सरकार के सत्तावादी और बहुसंख्यकवादी होने के बारे में बात की है और कहा है कि देश के "इतिहास और लोकतांत्रिक परंपराओं" को देखते हुए तानाशाही और बहुसंख्यकवाद के लिए देश में कोई जगह नहीं है.
बुलडोजर चलाने पर रोक लगाएगी कांग्रेस ?
दावे का यह हिस्सा सच है. हालांकि, कांग्रेस के घोषणापत्र में स्पष्ट रूप से बुलडोजर एक्शन और मॉब लिंचिंग पर "प्रतिबंध लगाने" की बात नहीं कही गई है. इसमें मॉब लिंचिंग जैसे उपायों का "मजबूती से विरोध" करने और बुलडोजर न्याय के "हथियारीकरण को समाप्त" करने का वादा किया गया है. यानी ये कहा गया है कि अपराधियों को कानून के तहत सजा मिलेगी, ना कि बुलडोजर के जरिए.
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में किया हमास का समर्थन?
कांग्रेस पार्टी ने विदेश नीति पर भारत के रुख में हुए हालिया बदलाव पर आपत्ति जताई है. खासकर "गाजा में चल रहे संघर्ष को लेकर". कांग्रेस ने गाजा का जिक्र करते हुए वादा किया है कि वह भारत की छवि फिर से "शांति और संयम की आवाज के रूप में" स्थापित करेगी. यहां हमास का कोई जिक्र नहीं है, साफ है कि दावे का ये हिस्सा भ्रामक है. आसान शब्दों में कहें तो कांग्रेस ने गाजा को लेकर शांति का पक्षधर होने की बात कही है, पर हमास का समर्थन नहीं किया है. इनडायरेक्टली गाजा का समर्थन किया है.
न्यायपालिका में मुस्लिम जजों की संख्या बढ़ाएगी कांग्रेस ?
घोषणा पत्र में सिर्फ मुस्लिम समुदाय के जजों की संख्या बढ़ाने की बात नहीं कही गई है. SC, ST, OBC और अल्पसंख्यक वर्ग से आने वाले जजों की संख्या हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बढ़ाने की बात कही गई है. जाहिर है अल्पसंख्यक वर्ग में मुस्लिम वर्ग भी शामिल है. साथ ही जज के पदों पर ज्यादा महिला न्यायाधीशों की नियुक्त करने की बात भी कही गई है. यहां बता दें कि अल्पसंख्यक वर्ग में सिर्फ मुस्लिम समुदाय नहीं, जैन, पारसी, सिख और ईसाई समुदाय भी आते हैं.
कांग्रेस ने कही सांप्रदायिक हिंसा विधेयक लाकर मॉब लिंचिंग को खत्म करने की बात ?
कांग्रेस के घोषणापत्र में सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ किसी विधेयक का जिक्र नहीं है, इसलिए यह दावा भ्रामक है. हां, घोषणा पत्र में "नफरती भाषणों, नफरत भरे अपराधों और सांप्रदायिक विवादों से सख्ती से निपटने की बात कही गई है.
गोमांस को वैध करेगी कांग्रेस ?
घोषणापत्र में कांग्रेस ने कहीं भी नहीं कहा है कि गौमांस को वैध करेगी. जैसा कि हमने पहले पड़ताल में बताया, कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि खान पान, पहनावे जैसे निजी फैसलों पर बेवजह हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा.
मुसलमानों के लिए अलग से ऋण योजना शुरू करेगी कांग्रेस ?
कांग्रेस ने वादा किया है कि सरकार बनने पर SC, ST, OBC और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए 7.5 लाख रुपए तक का कोलैट्रल फ्री लोन दिया जाएगा. कोलैट्रल फ्री लोन यानी कि वो लोन जिसमें कोई संपत्ति या वस्तु गिरवी नहीं रखनी होती है.
धारा 370 को वापस लेने और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा ?
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि, "कश्मीर में फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा. लेकिन कांग्रेस ने कश्मीर में धारा 370 बहाल करने की बात नहीं कही है. कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का मतलब धारा 370 को बहाल करना नहीं है.
कश्मीर की पिछली स्थिति को देखते हुए केंद्रीय मानवाधिकार आयोग, सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक मुस्लिम व्यक्तियों की नियुक्ति करेंगे?
कांग्रेस के घोषणा पत्र में कहीं भी इन संवैधानिक संस्थाओं में मुस्लिमों की नियुक्ति का वादा नहीं किया गया है. ये जरूर कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग, SC - ST वर्ग और महिलाओं की नियुक्त बढ़ाई जाएगी.
मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए एक अलग कानून लागू करने की बात ?
ऐसा कोई दावा कांग्रेस ने घोषणा पत्र में नहीं किया है. ऐसे दावे पहले भी किए जाते रहे हैं कि मुसलमानों के खिलाफ अत्याचार को रोकने और हिंदुओं को जेल में डालने के लिए UPA सरकार एक कानून लेकर आई थी. पर सच्चाई ये है कि इस कानून का मकसद सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ अपराध रोकने का नहीं, बल्कि हर राज्य के भाषाई और धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकना था. ये पड़ताल पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें.
निष्कर्ष: कांग्रेस के 2024 के चुनावी घोषणा पत्र को लेकर शेयर किया जा रहा पोस्ट तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है. कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में मुसलमानों के लिए अलग से ऐसी किसी भी योजना, कानून या सुविधा का जिक्र नहीं है जैसा कि वायरल मैसेज में दिखाया गया है. पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों को लेकर किए गए वादों को मुसलमानों के लिए गए वादों का बताकर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है. कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में गोमास, लव जिहाद, बुर्के का समर्थन भी नहीं किया है.
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