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टूलकिट मामले में BJP ने झूठ बोलकर कांग्रेस को फंसाने की कोशिश की?

कांग्रेस प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर तैयार किए गए डॉक्यूमेंट से छेड़छाड़ हुई है

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18 मई को बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी पर एक लेटर शेयर कर आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के बहाने संगठित तौर पर पीएम मोदी की इमेज को नुकसान पहुंचाने के लिए कैंपेन चलाया जा रहा है. कई बीजेपी नेताओं ने ट्विटर पर एक लेटर शेयर कर कहा कि कांग्रेस का एजेंडा भारत के प्रति नफरत से प्रेरित है.

बीजेपी नेताओं ने जो डॉक्युमेंट ट्विटर पर शेयर किया उसका टाइटल है - ‘Cornering Narendra Modi and BJP on COVID management’ हिंदी अनुवाद - कोविड मैनेजमेंट को लेकर नरेंद्र मोदी और बीजेपी का घेराव. सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे लेटरहेड में कांग्रेस पार्टी लिखा दिख रहा है.

वायरल लेटर में कुंभ को ‘धर्म के नाम पर राजनीति से प्रेरित एक समारोह’ और ‘ईद को खुशनुमा सोशल गैदरिंग’ की तरह दिखाने को कहा गया है.

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वायरल लेटर में आगे कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के लिए ‘इंडियन स्ट्रेन’ और ‘मोदी स्ट्रेन’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने को कहा गया है. साथ ही सोशल मीडिया पर बीजेपी नेताओं के लिए ‘गुमशुदा’ अमित शाह, ‘क्वारेंटीन’ जयशंकर, ‘साइडलाइन’ राजनाथ सिंह जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने को कहा गया है.

ट्विटर पर जैसे ही #CongressToolkitExposed टॉप पर ट्रेंड करना शुरू हुआ. केंद्र सरकार के मंत्रियों ने भी इसे शेयर करना शुरू कर दिया. ये डॉक्युमेंट स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन, शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रेल मंत्री पीयूष गोयल, बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा, शोभा करंदलाजे, राज्यवर्धन सिंह राठौर समेत कई नेताओं ने शेयर किया.

कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स और दक्षिणपंथी वेबसाइट्स ऑप इंडिया और स्वराज्य ने भी इसे शेयर किया .

गौर करने वाली बात ये है कि सोशल मीडिया पर शेयर हो रही कथित टूलकिट 8 पन्नों की है. जबकि कांग्रेस का असली सेंट्रल विस्टा डॉक्युमेंट 6 पन्नों का है.

इसपर कांग्रेस का क्या कहना है?

ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के रिसर्च डिपार्टमेंट के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव गौड़ा ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी कोविड मिसमैनेजमेंट से जुड़ी एक फेक ‘टूलकिट’ को फैला रही है.

द क्विंट से बातचीत में भी राजीव गौड़ा ने यही कहा. उन्होंने आगे कहा कि किसी ने सेंट्रल विस्टा से जुड़े एक असली डॉक्युमेंट से छेड़छाड़ की है.

पहले उन्होंने सेंट्रल विस्टा से जुड़ा कांग्रेस पार्टी का असली डॉक्युमेंट लिया, फिर उससे छे़ड़छाड़ कर एक फेक डॉक्युमेंट तैयार किया. हालांकि, यहां भी उन्होंने अपना काम 100% नहीं किया. पार्टी के असली डॉक्युमेंट और वायरल हो रहे लेटर के टोन, टेन्योर और फॉरमेट में कई अंतर दिख रहे हैं. उन्होंने काफी चतुराई से सेंट्रल विस्टा डॉक्युमेंट की कुछ लाइनें लेकर उन्हें फेक डॉक्युमेंट के सेक्शन 6 में पेस्ट कर दिया.
राजीव गौड़ा, कांग्रेस
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राजीव गौड़ा ने 6 पन्नों का वो डॉक्युमेंट शेयर किया, जो सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के मुद्दे पर कांग्रेस ने तैयार किया था. गौड़ा का आरोप है कि या तो इसे बीजेपी ने चुराया है या फिर उन तक किसी ने लीक किया है.

बीजेपी और कांग्रेस के डॉक्युमेंट में क्या है फर्क

हमने दोनों पार्टियों के डॉक्युमेंट की तुलना करने के लिए, कांग्रेस के एक अन्य डॉक्युमेंट का इस्तेमाल किया. हमने देखा कि कांग्रेस अपने रिसर्च वर्क में एक जैसे फॉर्मैट का इस्तेमाल करती है. सेंट्रल विस्टा से संबंधित डॉक्युमेंट में भी वैसा ही फॉर्मैट और फॉन्ट इस्तेमाल किया गया है, लेकिन जिसे बीजेपी ने शेयर किया है उसके फॉर्मेट में गई भिन्नताएं थीं.

कांग्रेस के सेंट्रल विस्टा डॉक्युमेंट और बीजेपी द्वारा शेयर किए गए डॉक्युमेंट के बीच साफतौर पर तीन अंतर देखे जा सकते हैं.

  • पहला अंतर - दोनों लेटर्स के फॉन्ट में स्पष्ट अंतर दिख रहा है. दोनों लेटर्स में M अलग-अलग फॉन्ट में है.
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  • दूसरा अंतर - कोविड मिसमैनेजमेंट से संबंधित डॉक्युमेंट में, सेंट्रल विस्टा वाले डॉक्युमेंट की तुलना में हल्का सा पतला फॉन्ट इस्तेमाल किया गया है. यहां तक कि पेज नंबर '1' जिस तरह से लिखा है वो भी समान नहीं है.
  • तीसरा अंतर - दोनों में दिए गए रिफरेंस लिंक के अलाइनमेंट में भी फर्क देखा जा सकता है. कोविड मिसमैनेजमेंट के पेज में दिख रहे यूआरएल और सीरियल नंबर के बीच काफी जगह है. लेकिन सेंट्रल विस्टा वाले डॉक्युमेंट में ऐसा नहीं है.

हमने मार्च 2021 में पार्टी के तैयार किए गए एक डॉक्युमेंट में देखा कि पार्टी एक तरह के फॉर्मैट का ही इस्तेमाल करती है, जो कोविड मिसमैनेजमेंट वाले डॉक्युमेंट के फॉर्मैट जैसा नहीं है.

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फिर संबित पात्रा ने डॉक्युमेंट को लेकर जो प्रूफ’ शेयर किया, उसका क्या?

संबित पात्रा ने 19 मई को कांग्रेस की कथित टूलकिट को लेकर कुछ अन्य जानकारी भी इस सबूत की तरह शेयर की कि टूलकिट कांग्रेस की है है. इस स्क्रीनशॉट में डॉक्युमेंट तैयार करने वाली सौम्या वर्मा का नाम है और डॉक्युमेंट की फाइल का नाम Central_Vista_Vanity_Project_AICC_Research_1_.pdf’ भी था.

संबित पात्रा की शेयर की गई डिटेल्स का हमने उस फाइल की डिटेल्स से मिलान किया जो राजीव गौड़ा ने उपलब्ध कराया. दोनों में फाइल के नाम, पेजों की संख्या, पीडीएफ वर्जन और ऑथर के नाम से जुड़ी एक जैसी डिटेल्स थीं. फाइल की मेटाडेटा डिटेल्स से ये भी पता चला कि डॉक्युमेंट राजीव गौड़ा ने 7 मई को शेयर किया था.

गौड़ा ने हमें बताया कि पात्रा ने जो डॉक्युमेंट से जुड़ी डिटेल्स शेयर कीं, वो ओरिजनल डॉक्युमेंट की ही डिटेल्स थीं. उन्होंने आगे बताया कहा कि ‘इस डॉक्युमेंट को रिसर्च की हेड सौम्या वर्मा ने तैयार किया है. और अब बीजेपी ने उन्हें निशाने पर लेने के लिए एक हैशटैग लॉन्च किया है.’ गौड़ा ने इस बात की पुष्टि ट्विटर पर भी की.

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अगर ये टूलकिट है तो क्या किसी ने इसे फॉलो किया?

बीजेपी नेताओं का कहना है कि इस टूलकिट का उद्देश्य 'सरकार-विरोधी' और 'भारत-विरोधी' नैरेटिव बनाना था. इसके लिए, कुछ खास शब्दों का बार-बार इस्तेमाल किया गया है जैसे 'सुपर स्प्रेडर कुंभ'. मंत्रियों को टारगेट करने के लिए 'मिसिंग' अमित शाह, 'क्वारंटीन्ड' जयशंकर जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. और नए कोविड स्ट्रेन को दर्शाने के लिए 'मोदी स्ट्रेन' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है.

लेकिन, ट्विटर पर अब तक ऐसा कोई संगठित कैंपेन या ट्रेंड नहीं दिखा. हमने वायरल लेटर में दिए गए उन शब्दों के इस्तेमाल को ट्विटर पर ट्रैक किया. जिससे पुष्टि हो सके कि ऐसा कोई कैंपेन चल रहा है या नहीं.

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1. 'सुपर स्प्रेडर कुंभ जैसे शब्दों का इस्तेमाल'

इंटरनेट पर बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए सिर्फ कुछ पोस्ट करने से काम नहीं चलता. आमतौर पर, किसी नैरेटिव को पुश करने के लिए, सैकड़ों-हजारों एक जैसे कीवर्ड और पोस्ट के साथ-साथ लुभाने वाली शब्दावली का इस्तेमाल किया जाता है.

हालांकि, यहां ऐसा नहीं था. हमने 1 मई से 17 मई के बीच ट्विटर पर ऐसे ट्वीट्स खंगाले जिनमें 'Super Spreader Kumbh' शब्द का इस्तेमाल किया गया हो क्योंकि डॉक्युमेंट में मई 2021 लिखा है). हमें ऐसा कोई संगठित कैंपेन या ट्रेंड देखने को नहीं मिला. कुछ व्यंग्यात्मक जरूर मिले और कुछ यूजर्स ने कुंभ पर आपत्ति जताने वालो लोगों पर कटाक्ष करने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था, लेकिन ऐसा बड़े पैमाने पर देखने को नहीं मिला.

फैक्ट चेकिंग वेबसाइट AltNews ने भी टूलकिट से जुड़े ट्रेंड देखे, लेकिन ऐसा कोई सामूहिक प्रयास नहीं मिला.

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2. ‘मोदी स्ट्रेन और इंडियन स्ट्रेन जैसे टर्म को इस्तेमाल’

हमने फिर से 1 से 17 मई के बीच के ट्वीट देखे लेकिन हमें इस तरह का कोई ट्रेंड देखने को नहीं मिला. जबकि, इंडियन स्ट्रेन शब्द का इस्तेमाल भारतीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया दोनों ने काफी किया है. हालांकि, हमें 'मोदी स्ट्रेन' से जुड़ा ऐसा कोई रिजल्ट नहीं मिला.

3. मदद के लिए जवाब तभी जब किसी ने IYC को टैग किया हो’

इंडियन यूथ कांग्रेस के नेता श्रीनिवास बीवी ट्विटर पर SOS कॉल का जवाब देते रहे हैं, और उनकी ओर से दी जा रही कोविड संबंधित राहत का हवाला देते हुए, कथित टूलकिट में लिखा है कि 'लोगों को केवल तभी जवाब दें जब वे इंडियन यथ कांग्रेस के ट्विटर हैंडल को टैग करें'. लेकिन, नीचे दिए गए उदाहरणों से पता चलता है कि ऐसा नहीं है.

यहां ये आरोप भी खारिज हो रहा है कि 'मीडिया प्रोफेशनल', जर्नलिस्ट और इन्फ्लुएंसर' को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.

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4. 'क्वारंटीन जयशंकर और मिसिंग अमित शाह जैसे शब्दों का इस्तेमाल'

हमने ऐसे सोशल मीडिया पोस्ट सर्च किए जिनमें 'मिसिंग अमित शाह' शब्द का इस्तेमाल हुआ हो. हमें NSUI के जनरल सेक्रेटरी नागेश करियप्पा की ओर से फाइल की गई 'मिसिंग कम्प्लेंट' का हवाला देते हुए कुछ ट्वीट मिले. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि भयानक महामारी के बीच गृहमंत्री 'लापता' हो गए हैं. हमें 'क्वारंटीन जयशंकर', 'साइडनालाइन्ड राजनाथ सिंह' या 'इनसेंसिटिव निर्मला सीतारमण' जैसे फ्रेज से जुड़े सोशल मीडिया पोस्ट नहीं मिले.

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कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ दर्ज की है शिकायत

18 मई को कांग्रेस ने ट्वीट कर बताया कि पार्टी के सोशल मीडिया डिपार्टमेंट के चेयरमैन गौड़ा और रोहन गुप्ता ने बीजेपी नेताओं जेपी नड्डा, संबित पात्रा और अन्य के खिलाफ ''जालसाजी और फैब्रिकेटेड कंटेंट'' के लिए एफआईआर दर्ज कराई है.

हालांकि, वायरल हो रहा डॉक्युमेंट सही है या नहीं क्विंट इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता. लेकिन, फिर भी शेयर किए गए डॉक्युमेंट में कई विसंगतियां, ओरिजनल फॉर्मेट और इसके बीच का फर्क इस तरफ इशारा करते हैं कि वायरल ‘टूलकिट’ सही नहीं है.

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बीजेपी नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट सस्पेंड करने की मांग

कांग्रेस के सोशल मीडिया डिपार्टमेंट के चेयरमैन रोहन गुप्ता ने ट्वीट कर बताया कि पार्टी ने ट्विटर को मामले की जानकारी देकर उन बीजेपी नेताओं के अकाउंट सस्पेंड करने की मांग की है, जिन्होंने कांग्रेस का बताकर ‘फेक डॉक्युमेंट’ शेयर किया.

ट्विटर को लिखे ई-मेल में कांग्रेस ने डॉक्युमेंट से जुड़े ट्वीट्स को तत्काल हटाकर मामले की जांच करने और इसे शेयर करने वाले बीजेपी नेताओं के अकाउंट्स को परमानेंट सस्पेंड करने की मांग की है.

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