भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले दस दिनों से लगातार दिल्ली में COVID-19 के रोजाना 500 से ज्यादा केस आ रहे हैं. दिल्ली में अब कोरोना वायरस के 16,281 कंफर्म केस हैं, जिसमें से 7,500 ठीक हो चुके हैं.
इसी बीच, एक अस्पताल में COVID-19 वॉर्ड में अनहाईजीनिक हालात दिखाता एक वीडियो इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है कि ये दिल्ली का है. वीडियो में उसी वॉर्ड में शवों को रखे देखा जा सकता है, जहां बीमार मरीज हैं.
हालांकि, वेबकूफ की टीम ने पाया कि ये वीडियो दिल्ली का नहीं, बल्कि मुंबई के KEM (किंग एडवर्ड्स मेमोरियल) अस्पताल का है.
दावा
वायरल वीडियो एक अस्पताल के COVID-19 वॉर्ड में शूट किया गया है और इसमें मरीजों के बगल में शवों को देखा जा सकता है. वीडियो में एक व्यक्ति अस्पताल की लापरवाही और मरीजों के लिए बेड की कमी की शिकायत करता सुना जा सकता है.
वीडियो के साथ दावे में लिखा है: “केजरवाल कुछ तो शर्म करो....... हद हो गई भाई। नहीं समलता तो बताओ राष्ट्रपति शासन लागू करने का अनुरोध करें.”
इसी भ्रामक कैप्शन के साथ ये वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर वायरल हो गया है.
इस खबर को लिखे जाने तक, राजेंद्र शर्मा नाम के एक यूजर के पोस्ट पर 4,90,000 से ज्यादा व्यूज आ चुके थे और 20 हजार से ज्यादा शेयर हो चुका था.
हमें जांच में क्या मिला?
वीडियो को ध्यान से देखने पर, 11 सेकेंड पर एक व्यक्ति को KEM अस्पताल कहते सुना जा सकता है. KEM अस्पताल, मुंबई में टीचिंग और मेडिकल केयर अस्पताल है.
इसके बाद, हमने गूगल पर ‘KEM अस्पताल में COVID वॉर्ड में शव’ कीवर्ड्स के साथ सर्च किया, जिसके बाद हमें कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं.
हमने KEM अस्पताल के डीन, हेमंत देशमुख से भी संपर्क किया, जिन्होंने कंफर्म किया कि ये वीडियो मुंबई के ही अस्पताल का है. उन्होंने हमें बीएमसी की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज के बारे में भी बताया, जिसमें लिखा है कि ये स्थिति अस्पताल के स्टाफ के हड़ताल पर जाने के बाद पैदा हुई.
“मंगलवार, 26 मई 2020 को, KEM अस्पताल के कर्मचारी कुछ मुद्दों को लेकर अचानक हड़ताल पर चले गए. हालांकि, हड़ताल को प्रशासन के बीच-बचाव के बाद वापस ले लिया गया. हड़ताल के दौरान, ये प्राकृतिक है कि अस्पताल का हाईजीन और मरीजों की देखभाल प्रभावित हुई होगी.”प्रेस रिलीज में लिखा है
प्रेस रिलीज में आगे लिखा है कि वीडियो तब रिकॉर्ड किया गया था, जब कर्मचारी हड़ताल पर थे, अब अस्पताल में ऐसे हालात नहीं हैं.
इससे साफ होता है कि मुंबई का एक वीडियो दिल्ली सरकार की छवि को बदनाम करने के लिए शेयर किया जा रहा है.
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