दावा
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने एक ट्वीट में दावा किया कि स्विट्जरलैंड में मैटरहॉर्न पर्वत तिरंगे की रौशनी में इसलिए जगमगाया, क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) टैबलेट की सप्लाई की. ये ट्वीट वायरल हो गया है.
इस स्टोरी को पब्लिश किए जाने तक इसे ढाई हजार रिट्वीट्स और 13 हजार लाइक्स मिल चुके थे.
ट्विटर और फेसबुक पर कई यूजर्स ने इस फोटो को इसी दावे के साथ शेयर किया.
सच या झूठ?
वायरल हो रही ये फोटो सही है. मैटरहॉर्न पर्वत पर वाकई रौशनी की मदद से भारतीय तिरंगा बनाया गया था, लेकिन जिस दावे के साथ फोटो शेयर की जा रही है, वो गलत है. ऐसा COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में सभी भारतीयों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए किया गया था और इसका HCQ सप्लाई से कोई लेना-देना नहीं था.
क्या है सच्चाई?
इस घटना को द क्विंट समेत कई न्यूज ऑर्गनाइजेशन ने रिपोर्ट किया था. स्विट्जरलैंड में भारतीय एंबेसी ने सोशल मीडिया पर बताया था कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीयों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए स्विट्जरलैंड के जरमैट में मैटरहॉर्न पर्वत पर भारतीय तिरंगा दर्शाया गया.
जरमैट टूरिज्म के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट ने भी इस फोटो को शेयर करते हुए लिखा, "स्विट्जरलैंड के लैंडमार्क, मैटरहॉर्न पर भारतीय तिरंगे से हम एकजुटता व्यक्त करने और सभी भारतीयों को उम्मीद और हिम्मत देना चाहते हैं."
जरमैट-मैटरहॉर्न टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर के वेरिफाइड इंस्टाग्राम हैंडल से भी इस फोटो को शेयर किया गया. फोटो के साथ कैप्शन लिखा था, "सभी भारतीयों को उम्मीद और हिम्मत."
उनकी वेबसाइट के मुताबिक, कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई के दौरान, मैटरहॉर्न को रोजाना रौशनी से जगमगाया जाता है. वेबसाइट पर बैनर में लिखा है, "रौशनी उम्मीद है! कोरोना वायरस महामारी के दौरान मैटरहॉर्न को रोजाना रौशन किया जाता है."
उनके इंस्टाग्राम और ट्विटर हैंडल से पता चलता है कि अभी तक इस पर्वत को कई देशों के झंडों से रौशन किया जा चुका है.
कब कौन से देश का झंडा रौशन किया गया, इसे लेकर वेबसाइट पर पूरी टाइमलाइन मौजूद है.
हमें फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट भी मिली, जिसमें लिखा है कि मैटरहॉर्न पर्वत को रोज अलग-अलग देशों की झंडों से रौशन किया जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, पर्वत पर रोजाना अलग-अलग देशों के झंडे स्विस लाइट आर्टिस्ट Gerry Hofstetter की वजह से रौशन हो रहे हैं.
जैसा कि देखा जा सकता है कि ये एकजुटता दिखाने के लिए किया गया था, और इसका HCQ सप्लाई से कुछ लेना-देना नहीं है. हालांकि, ये सच है कि भारत कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन सप्लाई करेगा.
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