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सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर नहीं लगी रोक, फेक है वायरल सर्कुलर

महंगाई भत्ता या राहत को लेकर व्यय विभाग ने ऐसा कोई सर्कुलर जारी नहीं किया है.

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सोशल मीडिया पर एक सर्कुलर वायरल हो रहा है, जो वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) के अंतर्गत आने वाले व्यय विभाग के 'ऑफिस ज्ञापन (मेमोरेंडम)' जैसा लग रहा है.

3 जनवरी की तारीख वाले इस ज्ञापन में दावा किया गया है कि बढ़ते ओमिक्रॉन मामलों को देखते हुए, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) और पेंशनभोगियों की महंगाई राहत को स्थगित रखा जाएगा, ताकि आने वाली किसी भी अभूतपूर्व स्थिति से निपटा जा सके.

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हालांकि, हमें वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर ऐसा कोई ऑफिस मेमोरेंडम या सर्कुलर नहीं मिला. वेबसाइट के 'Dearness Allowance'(महंगाई भत्ते) वाले सेक्शन में 2021 में जारी हुए सिर्फ 2 सर्कुलर मिले.

इसके अलावा, इस सर्कुलर पर किसी 'आनंद प्रकाश' के साइन देखे जा सकते हैं. हमें इंडियन रेलवे का एक सर्कुलर भी मिला, जिसमें आनंद प्रकाश के साइन थे और दोनों साइन एक जैसे ही थे.

दावा

ऑनलाइन शेयर हो रहे सर्कुलर के मुताबिक, ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत को जुलाई तक के लिए सस्पेंड किया जाता है.

सर्कुलर में फाइनेंस (बजट) के एग्जेक्यूटिव डायरेक्टर आनंद प्रकाश के साइन हैं.

इसी दावे से की गई और पोस्ट के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

सबसे पहले हमने व्यय विभाग (Department of Expenditure) की वेबसाइट चेक की, ताकि ये देख सकें कि क्या हाल में ऐसा कोई सर्कुलर जारी किया गया है, जैसा कि दावा किया जा रहा है.

हमें 'महंगाई भत्ता' सेक्शन के तहत 2021 में जारी किए गए सिर्फ 2 सर्कुलर मिले.

इन दोनों सर्कुलरों में से किसी में भी महंगाई भत्ते को स्थगित करने की बात नहीं कही गई है.

हमने वायरल सर्कुलर को बारीकी से देखा और पाया कि इस पर वित्त (बजट) विभाग के कार्यकारी निदेशक आनंद प्रकाश के हस्ताक्षर थे. लेकिन, हमें व्यय विभाग के कर्मचारी पेज पर ऐसे किसी शख्स की प्रोफाइल नहीं मिली.

इसके बाद, हमने गूगल पर आनंद प्रकाश नाम को जॉब टाइटल के साथ सर्च करके देखा. रिजल्ट में हमें इंडियन रेलवे की वेबसाइट पर पोस्ट किया गया एक सर्कुलर मिला.

रेल मंत्रालय की ओर से 2020 में जारी किए गए इस सर्कुलर पर आनंद प्रकाश के वही साइन थे और उस पर तारीख भी लिखी हुई थी.

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दोनों साइन की आपस में तुलना करने पर, हमने पाया कि ऐसा संभव है कि शेयर किए जा रहे झूठे सर्कुलर में रेलवे के सर्कुलर पर किए गए साइन का इस्तेमाल किया गया हो.

मतलब साफ है कि एक फेक सर्कुलर शेयर कर ये झूठा दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता और पेंशनभोगियों को मिलने वाली महंगाई में राहत को जुलाई 2022 तक, बढ़ते ओमिक्रॉन मामलों को देखते हुए रोक दिया जाएगा.

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