ADVERTISEMENTREMOVE AD

दारुल उलूम ने खाने की चीजों में केमिकल मिलाने से जुड़ा 'फतवा' नहीं किया जारी

फर्जी ट्वीट का ये स्क्रीनशॉट 2020 से वायरल होता आ रहा है, जिसे पहले भी खारिज किया जा चुका है

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सोशल मीडिया पर एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर कर दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के देवबंद में दारुल उलूम मदरसे ने एक फतवा जारी किया है जिसमें मुस्लिमों (Muslim) से कहा गया है कि वो हिंदू समुदाय के लोगों को बीमार करने के लिए, खाने की चीजों में केमिकल मिलाकर बेचें.

हालांकि, हमने पाया कि ये स्क्रीनशॉट एक फर्जी ट्विटर अकाउंट से पोस्ट किया गया था, जिसे ट्विटर ने सस्पेंड कर दिया है. ये स्क्रीनशॉट 2020 से वायरल होता रहा है, जिसकी पड़ताल पहले भी की जा चुकी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दावा

वायरल स्क्रीनशॉट में दारुल उलम देवबंद मदरसे के नाम से फरमान बताते हुए लिखा गया है कि तमाम मुस्लिम भाइयों से बताया जा रहा है कि हिंदू बस्तियों और गांवों में केमिकल मिलाकर घटिया क्वालिटी के फल, सब्जी, दूध, पनीर, आइसक्रीम बेचें, ताकि वो और उनके बच्चे बीमार हो जाएं.

फर्जी ट्वीट का ये स्क्रीनशॉट 2020 से वायरल होता आ रहा है, जिसे पहले भी खारिज किया जा चुका है

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(फोटो: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

ये पोस्ट 2020 और 2021 में फेसबुक सहित दूसरे मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी काफी शेयर किया गया था. इनमें से कुछ के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.

0

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने वायरल स्क्रीनशॉट में दिख रही प्रोफाइल की जांच की, तो हमने पाया कि ये ट्विटर अकाउंट मौजूद नहीं है.

हमने वेबैक मशीन का इस्तेमाल कर प्रोफाइल के आर्काइव ढूंढने की कोशिश की और हमें ओरिजिनल ट्वीट का एक आर्काइव मिला.

फर्जी ट्वीट का ये स्क्रीनशॉट 2020 से वायरल होता आ रहा है, जिसे पहले भी खारिज किया जा चुका है

आर्काइव का लिंक देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Wayback Machine)

प्रोफाइल से जुड़े और आर्काइव देखने पर हमने पाया कि ये अकाउंट पहले @sekh_gayor के नाम से था.

फर्जी ट्वीट का ये स्क्रीनशॉट 2020 से वायरल होता आ रहा है, जिसे पहले भी खारिज किया जा चुका है

आर्काइव का लिंक देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Wayback Machine)

इसके बाद, हमने दारुल उलूम की वेबसाइट देखी और हमें ऐसा कोई फतवा नहीं मिला.

दावे से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स खोजने पर, हमें हिंदी वेबसाइटों पर मार्च 2020 में प्रकाशित कई आर्टिकल मिले, जिनमें बताया गया था कि संस्थान ने इस गलत सूचना से जुड़ी शिकायत दर्ज कराई थी.

हमने पाया कि यही दावा मार्च 2021 में भी शेयर किया गया था जिसे दूसरे फैक्ट चेकर्स ने खारिज कर दिया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मतलब साफ है कि एक फर्जी अकाउंट से किए गए ट्वीट का स्क्रीनशॉट इस गलत सांप्रदायिक दावे से शेयर किया गया कि दारुल उलूम मदरसे ने हिंदू समुदाय के लोगों को बीमार करने के लिए, मुस्लिमों से फतवा जारी कर कहा कि उनके इलाके में केमिकल मिली खाने की चीजें बेचें. ये दावा पूरी तरह से गलत है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं )

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×