सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें बुर्का पहने महिलाएं दिख रही हैं. तस्वीरों को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में पाकिस्तान (Pakistan) के समर्थन में नारे लगाने पर इन छात्रों को डिग्री देने से इनकार कर दिया गया है.
फोटो ऐसे समय पर वायरल हो रही है जब हाल में टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान हुए भारत-पाक मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा था.
हालांकि, हमारी पड़ताल में सामने आया कि फोटो को लेकर किया जा रहा दावा झूठा है. वायरल हो रही फोटो कम से कम 2017 या उससे पहले की है. और ये फोटो उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ की है न की जम्मू-कश्मीर की.
इसके अलावा हमें ऐसी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट भी नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि कश्मीर में 100 मेडिकल छात्रों की डिग्री कैंसिल कर दी गई. हालांकि, कई राज्यों से पाकिस्तान की क्रिकेट मैच में जीत का जश्न मनाए जाने की खबरें सामने आई हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के आरोप में श्रीनगर से गिरफ्तार हुए कुछ छात्रों पर UAPA भी लगाया है.
दावा
फोटो के साथ शेयर हो रहा कैप्शन है - "पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की 100 सुंदरियां अब डॉक्टर नही बन पाएंगी सरकार ने डिग्री रद्द कर दी...!!"
पड़ताल में हमने क्या पाया?
हमने वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें BDC News में नवंबर 2017 में छपा एक आर्टिकल मिला. आर्टिकल का शीर्षक है, Muslim girls embrace education, aim high. आर्टिकल में यही फोटो है, कैप्शन से पता चलता है कि फोटो उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ स्थित दाऊदपुर के फातिमा गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राओं की है.
यहां से क्लू लेकर हमने इंस्टीट्यूट के सोशल मीडिया हैंडल्स खोजना शुरू किए. कॉलेज के फेसबुक पेज पर अपलोड की गई एक फोटो हमें मिली, हमने इस फोटो में दिख रही इमारत को वायरल फोटो से मिलाकर देखा.
अब हमने गूगल मैप पर उपलब्ध फातिमा गर्ल्स कॉलेज की फोटो सर्च कीं और इन तस्वीरों को BDS NEWS के आर्टिकल में छपी तस्वीर से मिलाकर देखा. क्योंकि ये तस्वीर वायरल फोटो की तुलना में ज्यादा क्लियर थी.
देखा जा सकता है कि दोनों तस्वीरों में दिख रही इमारत एक ही है.
नवंबर 2017 में फातिमा गर्ल्स कॉलेज एंड स्कूल ने अखबार की एक क्लिप शेयर की थी. इस क्लिप में वायरल फोटो देखी जा सकती है.
साफ है कि, उत्तर प्रदेश के कॉलेज की 4 साल पुरानी फोटो इस गलत दावे से शेयर की जा रही है कि श्रीनगर में 100 मेडिकल स्टूडेंट्स की डिग्री इसलिए रद्द कर दी गई, क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे.
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