एक वायरल फोटो में दो युवक हाथ में जली हुई किताबें पकड़े हुए दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि ये फोटो त्रिपुरा (Tripura) में हाल में हुई हिंसक घटना की है. हमारी पड़ताल में सामने आया कि फोटो इसी साल जून में ली गई है. जब दिल्ली के कालिंदी कुंज में स्थित रोहिंग्या शरणार्थी कैंप में आग लगने की घटना हुई थी. ये फोटो लेने वाले फोटो जर्नलिस्ट मो. महरबान ने क्विंट से बातचीत में ये पुष्टि की कि फोटो जून 2021 में ली गई थी.
दावा
सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर ये फोटो त्रिपुरा में हुए दंगों की बताकर शेयर की जा रही है.
पड़ताल में हमने क्या पाया?
वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें इसी साल जून में किए गए कुछ पोस्ट मिले. जून में किए गए ट्वीट में इस फोटो को दिल्ली के रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप में लगी आग का बताया गया.
हमने फोटोग्राफर मो. महरबान से संपर्क किया.. क्विंट से बातचीत में उन्होंने बताया कि फोटो दिल्ली में ली गई थी.
मैंने ये फोटो 12 और 13 जून की दरम्यानी रात को दिल्ली के कंजनजंग स्थित रोहिग्या रिफ्यूजी कैंप में ली थी. इस दौरान मस्जिद के एक हिस्से में भी आग लग गई थी, जहां रखे धार्मिक ग्रंथ कुरान की कुछ प्रतियां भी जल गई थीं. फोटो में लोग आग में जल गई कुरान की प्रतियां ही बाहर लाते दिख रहे हैं.मो. महरबान, फोटो जर्नलिस्ट
हमने मामले से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स खोजनी शुरू कीं. अल जजीरा की एक रिपोर्ट हमें मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, नई दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके में रोहिंग्या कैंप में आग लगने से 55 शेल्टर बर्बाद हो गए थे. क्विंट ने इस घटना के बाद एक ग्राउंड रिपोर्ट भी की थी.
साफ है कि दिल्ली की रोहिंग्या बस्ती में लगी आग की फोटो को सोशल मीडिया पर त्रिपुरा हिंसा से जोड़कर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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