25 फरवरी को नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हिंसा के बीच, सोशल मीडिया पर अशोक नगर में एक मस्जिद से तोड़फोड़ का एक वीडियो शेयर किया जाने लगा. इस वीडियो में एक शख्स मस्जिद की मीनार पर चढ़कर भगवा झंडा और तिरंगा फैलाता दिखा, वहीं वीडियो में पीछे लोगों को नारे लगाते हुए सुना गया.
(नोट: वीडियो के भड़काऊ कंटेंट को ध्यान में रखते हुए द क्विंट ने इसका इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है.)
इसे काउंटर करने के लिए, कुछ लोगों ने दावा किया कि ये वीडियो पुराना है और 'बिहार के समस्तीपुर' का है.
बल्कि, दिल्ली पुलिस ने भी 'सफाई' पेश करते हुए कहा कि अशोक विहार में किसी मस्जिद में तोड़फोड़ नहीं हुई है (दो जगहों के एक जैसे नाम- अशोक विहार और अशोक नगर, के कारण पहले कंफ्यूजन हुई), लेकिन पुलिस ने इस घटना के बारे में कुछ नहीं कहा.
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टाइम्स नाउ ने अपने प्राइम टाइम बुलेटिन में पुलिस की बात चलाई और इस वीडियो को 'फेक' बताया.
दिल्ली के अशोक नगर में 25 फरवरी को क्या हुआ, ये पता लगाने के लिए द क्विंट वहां पहुंचा.
तोड़फोड़ और जलाई गई मस्जिद
ये घटना अशोक नगर की गली नंबर 5 में स्थित बड़ी मस्जिद में घटी. चश्मदीदों और मस्जिद के आसपास रहने वाले लोगों के मुताबिक, स्थानीय लोगों के घरों में आगजनी की गई और उन्हें लूटा गया.
द क्विंट से बात करते हुए, वहां रहने वाले 24 साल के दानिश ने बताया कि मंगलवार के दोपहर करीब 2:30 बजे मस्जिद में तोड़फोड़ हुई.
‘हम दोपहर 12 बजे से पुलिस को फोन कर रहे थे, लेकिन वो 2 बजे के बाद आए और सिर्फ 5-6 मिनट रुके. उनके जाने के बाद, मस्जिद में तोड़फोड़ हुई और उसे जला दिया गया.’दानिश, स्थानीय
मस्जिद की मीनार पर फहराए गए भगवा झंडे पर हनुमान की तस्वीर बनी है और उस पर लिखा है- जय श्री राम.
दानिश ने बताया कि मस्जिद के पीछे रहने वाले मुस्लिम परिवारों को टारगेट किया गया, और भीड़ ने उनके घरों पर हमला किया और लूटपाट की.
मंगलवार को, द वायर की जर्नलिस्ट नाओमी बार्टन ने साफ किया था कि ये घटना दिल्ली में हुई और मस्जिद में उनकी आंखों के सामने आग लगाई गई.
घरों में हमला और लूटपाट
एक और मुस्लिम परिवार ने क्विंट को दिखाया कि हिंसा के बाद उनके घरों के क्या हाल थे.
- 01/0325 फरवरी को अशोक नगर में घरों में हुई तोड़फोड़(फोटो: क्विंट हिंदी/ऐश्वर्या एस अय्यर)
- 02/03घरों में आग भी लगाई गई(फोटो: क्विंट हिंदी/ऐश्वर्या एस अय्यर)
- 03/03मुस्लिम घरों को बनाया गया टारगेट(फोटो: क्विंट हिंदी/ऐश्वर्या एस अय्यर)
एक दूसरे स्थानीय, गुलशन ने कहा, 'हम यहां पिछले 40 सालों से रह रहे हैं और कभी कोई हिंसा नहीं हुई. हमें लगता है कि इस इलाके को जानने वाला भी कोई इसमें शामिल था, नहीं तो उन्हें कैसे पता चलेगा कि ये घर मुस्लिम परिवारों के हैं?'
स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस इलाके में 95 फीसदी हिंदू परिवार और चार मुस्लिम घर हैं, जो लूटे गए और उन पर हमला किया गया. ये घर मस्जिद से सटी दीवार के पीछे हैं.
द क्विंट ने एक और शख्स से बात की, जो इस इलाके में करीब 35 सालों से रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि भीड़ 'बेकाबू' थी और 'जय श्री राम' और 'भारत माता की जय' के नारे लगा रही थी.
जीतेंद्र कुमार ने कहा, 'लोग जो भीड़ का हिस्सा था, वो यहां के स्थानीय नहीं हैं. मैंने उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मेरे साथ बदसलूकी की. वो 'जय श्री राम' के नारे लगा रहे थे, हमें पता चलता, इससे पहले ही उन्होंने मस्जिद में तोड़फोड़ शुरू कर दी.'
जर्नलिस्ट पर लगाए गए गलत आरोप
जर्नलिस्ट राणा अय्यूब ने भी मस्जिद में तोड़फोड़ का वीडियो ऑनलाइन शेयर किया था. लेकिन कई लोगों ने ये कहते हुए उन्हें टारगेट किया कि ये वीडियो पुराना है.
साफ है कि ये घटना पुरानी नहीं है, 25 फरवरी की ही है. अशोक नगर में एक नहीं बल्कि दो मस्जिदों में घुसकर तोड़फोड़ और हिंसा की गई.
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