सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स एक इमारत के मलबे में फंसे पिल्लों को बचाने की कोशिश करता नजर आता है. उस वीडियो को तुर्की में आए भूकंप से जोड़कर देखा जा रहा है.
क्या है दावा?: वीडियो को हाल में तुर्की (Turkey) और सीरिया (Syria) में आए भूकंप से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
6 फरवरी आए एक के बाद एक कई भूकंपों ने 23,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है.
सच क्या है?: ये वीडियो साल 2019 का है और राजस्थान के उदयपुर का है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: वीडियो को कुछ कीफ्रेम निकालकर उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 2019 का एक यूट्यूब वीडियो मिला.
वीडियो का टाइटल था, 'Mother dog helps rescuers dig for her buried puppies' (अनुवाद- मदर डॉग ने की दबे हुए पिल्लों की निकालने में बचावकर्मियों की मदद).
वीडियो को Animal Aid Unlimited ने 28 अगस्त 2019 को अपलोड किया था. ये भारत में एक NGO और स्ट्रीट एनिमल रेस्क्यू सेंटर है.
इस वीडियो के 1 मिनट 7वें सेकेंड के बाद से वायरल वीडियो वाला हिस्सा देखा जा सकता है.
हमने दोनों वीडियो की तुलना करने पर कई समानताएं देखीं. हालांकि, वायरल वीडियो ओरिजिनल वीडियो का फ्लिप्ड वर्जन था (यानी उसको फ्लिप कर दिया गया था.)
(नोट: सभी समानताएं देखने के लिए दाईं ओर स्वाइप करें.)
वीडियो डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, एनिमल एड का बचाव दल मलबे में फंसे पिल्लों को खोदने के लिए ऐसी जगह पर पहुंचा जहां एक घर ढ़ह गया था.
हमें इस कैंपेन के फेसबुक पेज पर भी यही वीडियो मिला.
क्या कहना है बचावकर्मियों का?: हमने Animal Aid Unlimited से जुड़े राज किशोर कुमार से संपर्क किया जिन्होंने वीडियो के तुर्की से संबंधित होने वाले दावे को गलत बताया और कहा कि ये वीडियो अगस्त 2019 का है.
उन्होंने बताया, ''हमें उदयपुर से पिल्लों की मदद के लिए कॉल आया और हम मदर डॉग की हेल्प के लिए लोकेशन पर पहुंचे. मदर डॉग भी अपने पिल्लों को बचाने के लिए हमारे साथ खोदने लगी.''
निष्कर्ष: साफ है कि उदयपुर का करीब 4 साल पुराना वीडियो तुर्की में आए भूकंप से जोड़कर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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