ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्या Eknath Shinde ने चढ़ाई मस्जिद में केसरिया चादर? क्या है पूरा सच?

Eknath Shinde इस वीडियो में महाराष्ट्र में कल्याण के पास मौजूद मलंगगड किले के एक मंदिर में दिख रहे हैं.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

महाराष्ट्र (Maharashtra) सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे से वायरल हो रहा है कि उन्होंने मस्जिद में भगवा रंग की चादर चढ़ाई है.

दावे में कहा गया है कि शिंदे हरे रंग की चादर की जगह भगवा चादर चढ़ाकर पीएम नरेंद्र मोदी से एक कदम आगे निकल गए.

(ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.)

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सच क्या है?: वीडियो मजार के अंदर का है, जो कि महाराष्ट्र के मलंग गढ़ किले के थाने जिले में है. शिंदे 5 फरवरी को यहां पहुंचे थे.

  • हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग दशकों से इस स्थल पर आते रहे हैं. एक तरफ जहां मुस्लिम समुदाय इस स्थान को हाजी मलंद दरगाह मानता है तो दूसरी तरफ हिंदू इसे मच्छिंद्रनाथ मंदिर कहते हैं.

  • शिव सेना नेता अनंद डिघे ने 1986 में दावा किया था कि ये दरगाह नहीं मंदिर है, इसके बाद से ही ये एक विवादित स्थल है.

  • सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा भ्रामक है, क्योंकि ये पहला मौका नहीं है जब इस दरगाह पर केसरिया रंग की चादर चढ़ाई गई. हमें इंटरनेट पर ऐसे कई पुराने वीडियो मिले, जिसमें लोगों को केसरिया चादर मजार पर चढ़ाते देखा जा सकता है.

हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने वीडियो के कीफ्रेम निकालकर उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे हमें शिंदे के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से 5 फरवरी 2023 को हुआ ट्वीट मिला.

  • इस ट्वीट में शिंदे की चार तस्वीरें थीं और लोकेशन मच्छिंद्रनाथ मंदिर बताई गई है.

  • कैप्शन में लिखा है कि शिंदे मलंग गढ़ यात्रा के दौरान मंदिर गए थे.

शिंदे की यात्रा पर न्यूज रिपोर्ट्स: Outlook, The Print और Lokstatta पर ठाणे में धार्मिक स्थल पहुंचे शिंदे की यात्रा के बारे रिपोर्ट पब्लिश की गई हैं.

  • हमें न्यूज एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) की 5 फरवरी 2023 को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली.

  • इसके मुताबिक, माघ पूर्णिमा के मौके पर ठाणे के कल्याण के पास मौजूद मलंगगड किले में एक मेले का आयोजन किया गया था, जहां शिंदे ने 'महाआरती' की थी.

क्या ये पवित्र स्थान मंदिर है ? : केंद्र और राज्य सरकार की वेबसाइट के मुताबिक ये दरगाह बाबा मलंग को समर्पित है, जो कि 12वीं सदी में भारत आए एक सूफी संत थे.

  • हाजी मलंग, एक सर्वधर्म आस्था में विश्वास रखने वाली परंपरा है, ये उन दरगाहों में से एक थी जहां हिंदू करंदेकर परिवार के लोग और मुस्लिम मुतवल्ली, दोनों ही यहां के अनुष्ठानों में भाग लेते रहे हैं'' ये महाराष्ट्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा हाजी मलंग दरगाह का विवरण है. आगे का विवरण आप वेबसाइट पर जाकर पढ़ सकते हैं.

  • हमें Sabrang पर 1999 में पब्लिश एक रिपोर्ट मिली. इसके मुताबिक, ठाणे के शिवसेना नेता और शिंदे के राजनीतिक गुरू अनंत दिघे ने दावा किया था कि ये जगह 700 साल पुरानी है और ये मच्छिंद्रनाथ मंदिर है.

  • दिघे ने 3 फरवरी 1996 को माघ पूर्णिमा के मौके पर राज्य के तत्कालीन सीएम मनोहर जोशी और हजारों शिवसैनिकों के साथ यहां आरती करने भी आए थे.

  • आर्टिकल में आगे ये भी बताया गया है कि दिघे और उनके समर्थक हर साल ईद के मौके पर भी इस तीर्थ स्थान पर जाते थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुप्रीम कोर्ट का 1954 का फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने 1954 में एक फैसले में इस जगह को दरगाह बताया था.

  • फैसले में ये भी कहा गया था कि सभी धर्मों के लोगों ने दरगाह में प्रार्थना की है.

स्थानीय लोगों का क्या है कहना?: हमने स्थानीय लोगों से भी बात की, जिन्होंने इस दावे को गलत बताया.

  • एक स्थानीय शख्स ने बताया, ''इस दरगाह में हिंदू और मुस्लिम दोनों आते हैं. हिंदू समुदाय के लोग इस मंदिर कहते हैं और यहां केसरिया चादर चढ़ाते हैं और आरती करते हैं. वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग यहां हरी चादर चढ़ाते हैं.''

  • हमें ऐसे कई वीडियो और फोटो मिलीं जिनमें लोगों को यहां केसरिया चादर और आरती करते देखा जा सकता है.

  • हमें ऐसे वीडियो भी मिले जिनमें लोगों को यहां हरी चादर चढ़ाते देखा जा सकता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

निष्कर्ष: ये दावा भ्रामक है कि शिंदे ने पहली बार यहां भगवा चादर चढ़ाई है. दशकों से इस पवित्र स्थल पर हिंदू और मुस्लिम दोनों आते रहे हैं.

(एडिटर नोट : पहले स्टोरी में ऋुटिवश मजार को मंदिर बता दिया गया था. हालांकि, हमने पाया कि इस स्थल पर कई समुदाय के लोग आते रहे हैं. ऋुटि के लिए हमें खेद है)

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×