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EVM हैकिंग से जुड़ा 5 साल पुराना गलत दावा, हाल का बताकर वायरल

यह वीडियो 2019 के लोकसभा चुनाव का है और इसमें रिजर्व EVM को चंदौली में ले जाते हुए दिखाया गया है.

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इंटरनेट पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चंदौली का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) ले जा रहे कई लोगों को देखा जा सकता है. यह वीडियो हाल ही का बताया जा रहा है.

दावा : वीडियो शेयर करने वालों ने दावा किया है कि चंदौली में एक दुकान के अंदर 300 से ज्यादा EVM पकड़ी गईं.

यह वीडियो 2019 के लोकसभा चुनाव का है और इसमें रिजर्व EVM को चंदौली में ले जाते हुए दिखाया गया है.

पोस्ट का आर्काइव यहां पाया जा सकता है.

(सोर्स: X/ स्क्रीनशॉट)

वीडियो को प्लेटफॉर्म पर 39 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है. इसी तरह के दावों के अन्य आर्काइव यहां, यहां और यहां देखें जा सकते हैं.

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सच्चाई क्या है?: यह वीडियो चंदौली का जरूर है, लेकिन यह वीडियो 2019 से इंटरनेट पर मौजूद है. यह वीडियो किसी हालिया चुनाव का नहीं है.

  • स्थानीय प्रशासन के मुताबिक वीडियो में 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) ले जाते हुए दिखाया गया है.

  • भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के प्रवक्ता ने भी 2019 में EVM के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ से इनकार किया था.

हमनें सच्चाई का पता कैसे लगाया ?: हमने वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया तो हमें वही वीडियो मिला जो 'FekuExpress2.0' नाम के फेसबुक पेज पर शेयर किया गया था.

वीडियो को 20 मई 2019 को एक कैप्शन के साथ अपलोड किया गया था जिसमें कहा गया था, "लोकतंत्र की हत्या! स्थानीय लोगों ने एक दुकान के अंदर रखे 300 से ज्यादा EVM पकड़े. स्थान - चंदौली, यूपी."

स्थानीय प्रशासन ने क्या कहा?: चंदौली के जिला मजिस्ट्रेट (DM) ने X पर ऐसे ही एक वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया दी और इन दावों का खंडन किया था.

उन्होंने पुष्टि की कि वीडियो 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान लिया गया था.

DM ने कहा कि, "राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में VVPAT को शिफ्ट किया जा रहा है." उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अनियमितता की सूचना नहीं मिली है.

स्थानीय पुलिस की प्रतिक्रिया: चंदौली पुलिस ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर एक पोस्ट शेयर कर लोगों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी खबरों के झांसे में न आने का अनुरोध किया था.

  • पोस्ट के कैप्शन में आगे बताया गया है कि वायरल दावा फैलाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा.

  • इसमें EVM वीडियो के बारे में न्यूज की कई क्लिपिंग मौजूद थीं.

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EVM से छेड़छाड़ के आरोप: इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, देश के कुछ हिस्सों में EVM से छेड़छाड़ के आरोप लगे थे.

रिपोर्ट में चंदौली के वायरल वीडियो का जिक्र किया गया है.

इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी का एक बयान था, जिसमें कहा गया था कि चुनाव में इस्तेमाल की गई सभी EVM को सुरक्षा के तहत सील कर दिया गया था.

ECI के प्रवक्ता ने 2019 में दावों को खारिज कर दिया था: इलेक्शन कमीशन के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे वीडियो को लेकर कुछ तथ्य शेयर किए थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 19 मई 2019 को चंदौली में सातवें चरण का मतदान पूरा होने के बाद, मतदान किए गए EVM और VVPAT को वर्तमान उम्मीदवार/प्रतिनिधि की मौजूदगी में सुरक्षित रखा गया था.

20 मई 2019 को, तहसील मुख्यालय पर रिजर्व के रूप में रखी गई वोटिंग में इस्तेमाल नहीं की गईं EVM और VVPAT को अतिरिक्त स्ट्रांगरूम में ले जाया जा रहा था. यहीं पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया.

निष्कर्ष: यह स्पष्ट है कि एक पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. जिसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक दुकान के अंदर लगभग 300 ईवीएम पकड़ी गईं.

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