भारत में लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) के लिए दूसरे चरण का मतदान पूरा हो चुका है, ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. वीडियो में एक शख्स को मतदान केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को जमीन पर फेंकते हुए देखा जा सकता है, जिसके बाद अधिकारी और पुलिस अधिकारी उसे पकड़ते हैं.
वीडियो को लोकसभा चुनावों से जोड़कर अलग-अलग दावों के साथ शेयर किया जा रहा है. यूजर्स ने "Election2024", "LokSabhaElections2024", जैसे हैशटैग का भी इस्तेमाल किया है.
हमें अपने WhatsApp Tipline पर इस बारे में एक सवाल भी मिला था.
क्या यह सच है?: वीडियो हाल का नहीं है और मैसूर के चामुंडेश्वरी निर्वाचन क्षेत्र का है, जहां मई 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान EVM मशीन को नुकसान पहुंचाने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि विजयनगर पुलिस, जिसने उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति मानसिक तौर पर असमान्य था और जांच के बाद उसे रिहा कर दिया गया.
हमनें सच का पता कैसे लगाया ?: सबसे पहले हमने वीडियो को कई स्क्रीनशॉट में बांट दिया और उनमें से कुछ पर Google रिवर्स इमेज सर्च किया.
12 मई 2023 को Star of Mysore (SOM) नाम के न्यूज संस्थान की एक रिपोर्ट में इस वायरल वीडियो से मिलते-जुलते विजुअल्स दिखाए गए थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, विजयनगर पुलिस ने 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान मैसूर के चामुंडेश्वरी निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले हूटागल्ली में एक पोलिंग बूथ पर मतपत्र नियंत्रण इकाई (Ballot Control Unit) में तोड़फोड़ करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था.
गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान हुटागल्ली में रहने वाले 48 वर्षीय व्यक्ति शिवमूर्ति के रूप में हुई.
वोट डालने के लिए मतदान केंद्र में गए शिवमूर्ति ने रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए और पर्ची प्राप्त की.
उन्होंने बैलेट यूनिट को उठाकर जबरदस्ती जमीन पर फेंक दिया. इसके बाद, बूथ के बाहर तैनात एक मतदान कर्मचारी, पुलिसकर्मी और सशस्त्र अर्धसैनिक बल के जवानों ने स्थिति को नियंत्रित किया और उन्हें बाहर निकाला.
इस बीच, विजयनगर पुलिस, जिसने इस व्यक्ति को हिरासत में लिया था, उन्होंने कहा कि वह मानसिक रूप से अस्थिर था और उसे जांच के बाद छोड़ दिया गया था.
कन्नड़ भाषा के अखबार विजयवाणी ने यही वीडियो 12 मई 2023 को अपने Youtube चैनल पर अपलोड किया था. इस वीडियो का टाइटल था, "वोट देने जाते समय जिस शख्स ने तोड़ दी EVM मशीन; (Google अनुवाद का इस्तेमाल करके कन्नड़ से हिंदी में अनुवादित)
The Hindu में 12 मई 2023 को एक रिपोर्ट छपी थी, जिसका टाइटल था, "मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के शक में एक व्यक्ति ने EVM नियंत्रण इकाई को क्षतिग्रस्त कर दिया था."
10 मई को वोटिंग करने आए शिवमूर्ति नाम के एक व्यक्ति पर पुलिस को शक था कि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ्य है, इसलिए उसने मैसूर में EVM नियंत्रण इकाई को नुकसान पहुंचाया.
DCP (कानून और व्यवस्था) मुथुराज ने द हिंदू को बताया कि माना जाता है कि वह व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ्य था, और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 84 (विकृत दिमाग वाले व्यक्ति का कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह एक गैर-संज्ञेय अपराध (Non-cognizable offense) है और आरोपी को जमानत दे दी गई है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 10 मई को हुए थे और नतीजे 13 मई को घोषित किये गये थे.
निष्कर्ष: कर्नाटक के एक पुराने वीडियो को मौजूदा लोकसभा चुनाव से जोड़ कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
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