सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बुर्का पहने कई महिलाओं और साड़ी में एक महिला के बीच बहस होते दिख रही है. वीडियो में लोग मलयालम में बात करते हुए दिख रहे हैं.
क्या है दावा?: वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि केरल में बिना बुर्के (Burqa) के बस में चढ़ने की वजह से मुस्लिम (Muslim) महिलाओं ने हिंदू महिला को परेशान किया.
Amy Mek नाम के X यूजर के शेयर किए गए इस वीडियो को आर्टिकल लिखते समय तक 12 लाख से ज्यादा व्यू मिल चुके हैं.
(ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)
सच क्या है?: वायरल दावा सच नहीं है.
पुलिस और बस में मौजूद एक छात्रा ने क्विंट से पुष्टि की है कि बस रुकवाने को लेकर ये बहस हुई थी.
वीडियो में बुर्के में जो महिलाएं दिख रही हैं वो कासरगोड में खानसा महिला कॉलेज की छात्राएं हैं. कॉलेज के बाहर निर्धारित बस स्टॉप पर बस न रुककर थोड़ा आगे रुकती थीं, इसलिए ये छात्राएं बस स्टॉप पर ही बसें रुकवाने को लेकर प्रोटेस्ट कर रही थीं.
जिस महिला ने साड़ी पहनी हुई है उसकी बहस हंगामा कर रही छात्राओं से हो गई.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: जरूरी कीवर्ड का इस्तेमाल कर सर्च करने पर हमें इस घटना से जुड़ी एक रिपोर्ट The News Minute पर मिली.
रिपोर्ट के मुताबिक, कासरगोड में खानसा महिला कॉलेज की छात्राओं और साड़ी वाली महिला के बीच विवाद हुआ था. ये विवाद कॉलेज के बस स्टॉप के सामने निजी बसों के नहीं रुकने को लेकर हुआ था.
हमने घटना के दौरान बस में मौजूद एक स्टूडेंट से भी संपर्क किया.
स्टूडेंट का क्या है कहना?: कॉलेज यूनियन की चेयरपर्सन मरियम नाहिफा ने हमें बताया कि ये झगड़ा कॉलेज के सामने बने नए बस स्टॉप पर निजी बसों के नहीं रुकने को लेकर हुआ था.
कॉलेज की कुछ छात्राएं बस के सामने खड़े होकर बसें न रुकने को लेकर प्रोटेस्ट कर रहे थे. हंगामा करने पर महिला की छात्राओं से बहस हो गई. उस महिला ने भी हमारे साथ दुर्व्यवहार किया.मरियम नाहिफा, खानसा महिला कॉलेज यूनियन की चेयरपर्सन
छात्रा ने बताया कि ये इसलिए हुआ क्योंकि कॉलेज के पास कोई बस स्टॉप नहीं था. और छात्राओं को नजदीकी स्टॉप तक पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता था.
उन्होंने इस स्थिति पर कॉलेज से गौर करने का अनुरोध किया था, जिस वजह से पंचायत से अनुरोध किया गया कि बसों के लिए नया स्टॉप बनाया जाए. नया बस स्टॉप बनाया गया, लेकिन कॉलेज के सामने बने बस स्टॉप पर बसें नहीं रुकीं.
क्या कहना है पुलिस का?: हमने स्थानीय कुंबला पुलिस थाने में संपर्क किया. यहां तैनात एसएचओ अनूब कुमार ई ने वही बताया जो नाहिफा ने बताया था. उन्होंने इस घटना में किसी भी सांप्रदायिक एंगल के होने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि बुर्का पहने महिलाएं खानसा महिला कॉलेज की छात्राएं थीं और अपने कॉलेज के निर्धारित बस स्टॉप पर बस नहीं रुकने को लेकर प्रोटेस्ट कर रही थीं.
उन्होंने बताया कि बस कॉलेज के नए बने स्टॉप पर इसलिए नहीं रुकीं क्योंकि उनके पास आरटीओ की परमिशन नहीं थी.
साड़ी वाली महिला बस ड्राइवर के खिलाफ छात्राओं के प्रोटेस्ट का विरोध कर रही थी.
कासरगोड साइबर सेल ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
गलत जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज: कासरगोड साइबर सेल के एक अधिकारी ने हमें पुष्टि की कि पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेकर X यूजर @AmyMek के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 A (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया है.
हमें इस एफआईआर की कॉपी भी मिली. हमने पाया कि ये एफआईआर 27 अक्टूबर को दर्ज की गई थी.
निष्कर्ष: ये साफ है कि घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. महिला और छात्राओं के बीच ये बहस बस के रूट को लेकर हुई थी.
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