पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा से जोड़कर, सोशल मीडिया पर एक घायल महिला की पुरानी फोटो को फिर से शेयर किया जा रहा है.
हालांकि, हमने पाया कि ये घटना बंगाल में नहीं, बल्कि नवंबर 2020 में बांग्लादेश के चटगांव में हुई थी.
दावा
फोटो शेयर कर दावे में लिखा जा रहा है: “आबरू लूट गयीं बंगाल की...क्या ये महिला नहीं, क्या बंगाल की बेटी नहीं, क्या बंगाली और महिला केवल ममता ही है । धिक्कार उन को जो महिला है और ममता का अब भी बेशर्मी से समर्थन कर रही है”
(नोट: ये फोटो आपको विचलित कर सकती हैं)
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने वायरल फोटो को रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें ‘Bharat Samachar 24X7’ वेबसाइट पर नवंबर 2020 को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल फोटो को इस्तेमाल किया गया था.
रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें फेसबुक और ट्विटर पर किए गए पोस्ट भी मिले जिनमें वायरल फोटो का इस्तेमाल किया गया था. ये पोस्ट 4 नवंबर 2020 को किए गए थे. पोस्ट में बताया गया था कि ये घटना बांग्लादेश के चटगांव की है. साथ ही ये भी बताया गया था कि एक हिंदू परिवार पर कथित रूप से हमला किया गया था.
एक अन्य ट्विटर यूजर ने दावा किया था कि ये घटना 3 नवंबर 2020 की है और ये मामला जमीन हथियाने से जुड़ा था. यूजर ने आरोप लगाया कि रूबल ने परिवार पर हमला किया था.
पोस्ट के मुताबिक एक पीड़ित की पहचान रतन के तौर पर हुई है.
इसके बाद, हमने घटना से जुड़े कीवर्ड्स को बांग्ला में सर्च करके देखा. हमें Chattogram Pratidin पर पब्लिश एक रिपोर्ट मिली. जिसके मुताबिक परिवार के तीन सदस्यों रतन कुमार नाथ, उनकी बहू पुतुल नाथ और भतीजी मुक्ता रानी नाथ पर हथाजारी इलाके में हमला कर घायल कर दिया गया था.
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि 1 नवंबर 2020 को रूबल, शाकिब, अरमान, उसमान, मुर्शीद के अलावा करीब 7 और लोगों ने घर के कुछ हिस्सों को तोड़ना शुरू कर दिया था.
मतलब साफ है कि बांग्लादेश में हुई एक घटना में घायल महिला की पुरानी फोटो पश्चिम बंगाल की बताकर गलत दावे से शेयर की जा रही है.
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