क्या है दावा?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में कई मुसलमान किसी दुकान के अंदर एक शख्स को मार रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि, “एमपी के देवास में रमजान में हिंदू दुकानदारों से दुकानें बंद रखने का फतवा जारी किया गया और जिसकी भी दुकान खुली मिली नमाज के बाद हमला किया जा रहा है. मेरे हिन्दू भाईयों इसे आगे भेजते रहो कानूनी कार्यवाही हो सके नहीं तो कल अपना भी जीवन दांव पर लग सकता है ध्यान रखें.”
ये वीडियो फेसबुक पर बीते कई दिनों से वायरल हो रही है.
दावा सही या गलत?
इस वीडियो के साथ किया जा रहा दावा सरासर गलत है. गलत होने के दो मुख्य कारण हैं.
पहला ये कि ये वीडियो मध्य प्रदेश का नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश के मेरठ का है. दूसरी वजह ये है कि ये वीडियो में जो भी घटना दिखाई दे रही है वो निजी दुश्मनी की वजह से हो रही है ना कि रमजान के दौरान दुकान खुली रखने की वजह से.
पड़ताल में क्या मिला?
गूगल पर इस वीडियो के एक स्क्रीनशॉट के रिवर्स सर्च इमेज करने से पता चला कि ये वीडियो ट्वीट किया गया था, जिसके मुताबिक मेरठ के भगत सिंह मार्केट में ये घटना हुई थी और पुलिस से कार्रवाई की मांग की गई थी.
उत्तर प्रदेश और मेरठ पुलिस ने इस ट्वीट का जवाब दिया था कि उन्होंने इसका संज्ञान ले लिया है और केस दर्ज कर लिया है.
हिंदी अखबार पत्रिका के मुताबिक, ये घटना 22 मई की रात को भगत सिंह मार्केट के पास देवराज कलेक्शन्स नाम की दुकान में घटी थी.
वीडियो में दिखाई गई मारपीट एक निजी कलह की वजह से हुई. इस लड़ाई ने बाद में सांप्रदायिक रंग ले लिया. जिनके बीच लड़ाई हुई उनमें से एक सचिन नाम का युवक है जो एक दुकान पर काम करता है और दूसरा समर नाम का युवक है जो दूसरे संप्रदाय से है. इनके बीच हुई लड़ाई के बाद में समर अपने भाई के साथ लोहे की रॉड लेकर सचिन को मारने आया था.
हमला करने वाले पुलिस के आने से पहले ही फरार हो गए. इसके बाद इलाके में तनाव बढ़ गया. और अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
द क्विंट ने कोतवाली पुलिस स्टेशन के सर्कल ऑफिसर से बात की तो पता चला कि दोनों मुख्य आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं और जल्द ही कोर्ट में पेश किए जाएंगे.
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