पश्चिम बंगाल के चुनाव होने वाले हैं और ऐसे समय न्यूजपेपर की क्लिपिंग वायरल हो रही है. इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बीजेपी के एक नेता के घर से 66 फेक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) जब्त की गईं हैं.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि ये वायरल क्लिपिंग राजस्थान में अजमेर जिले के ब्यावर से संबंधित है न कि पश्चिम बंगाल से. इसके अलावा, एक स्थानीय रिपोर्टर ने भी पुष्टि की कि ये एक पुरानी खबर है.
दावा
फोटो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि, ''बंगाल में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने की पूरी तैयारी हो चुकी है भाइयों.''
कई यूजर्स ने इसी दावे के साथ फोटो फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किया है.
पड़ताल में हमने क्या पाया
2018 के इन पोस्ट में न्यूजपेपर की फोटो अभी शेयर हो रही वायरल फोटो से ज्यादा साफ है. इसलिए, हमने उसे आसानी से पढ़ लिया, जिसमें लिखा था कि ये रिपोर्ट राजस्थान में अजमेर जिले के ब्यावर की है.
खबर से जुड़े जरूरी कीवर्ड गूगल पर सर्च करने पर हमें Patrika की 4 दिसंबर 2018 की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें ब्यावर की घटना के बारे में बताया गया था. आर्टिकल के मुताबिक, ''पुलिस ने पकड़ी 66 प्रतीकात्मक ईवीएम प्रचार सामग्री''
इस रिपोर्ट के मुताबिक " इनमें जैतारण क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार सुरेंद्र गोयल का चुनाव चिन्ह और नाम लिखा हुआ था."
क्विंट की वेबकूफ टीम से बातचीत में एक स्थानीय रिपोर्टर ने बताया कि वायरल हो रही न्यूजपेपर क्लिपिंग पुरानी है और अजमेर जिले के ब्यावर से संबंधित है.
वायरल हो रही क्लिपिंग में लिखा हुआ है कि सुरेंद्र गोयल BJP के पूर्व मंत्री थे. उन्होंने 2018 में राजस्थान विधनसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था.
इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक गोयल ने 2018 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जैतारण क्षेत्र से चुनाव लड़ा था.
मतलब साफ है कि राजस्थान में जब्त की गईं फेक ईवीएम पर खबर की न्यूजपेपर की पुरानी क्लिपिंग को इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि ये घटना पश्चिम बंगाल की है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)