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इंडिया गेट पर नहीं लिखे हैं 61,395 मुसलमानों के नाम

एक पोस्ट के मुताबिक इंडिया गेट पर कुल 95 हजार स्वतंत्रता सेनानियों के नाम हैं

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क्या है दावा?

सोशल मीडिया पर एक मैसेज तेजी से शेयर किया जा रहा है. इसके मुताबिक इंडिया गेट पर 95 हजार 300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखे हैं, जिसमें से 61,395 नाम मुसलमानों के हैं.

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इस पोस्ट में लिखा है कि दिल्ली के इंडिया गेट पर कुल 95 हजार स्वतंत्रता सेनानियों के नाम हैं. बाद में इसी पोस्ट में धर्म और वर्ग के आधार पर संख्या बताई जा रही है. इस पोस्ट में लिखा है,

  • मुसलमान-61 हजार 395
  • सिख-8 हजार 50
  • पिछड़े-14 हजार,480
  • दलित-10 हजार 777
  • सवर्ण-598
  • संघी-000

और कुछ बेशर्म लोग मुसलमानों को गद्दार कहते हैं, जबकि खुद उनका इतिहास अंग्रेजों की मुखबिरी करते गुजरा है.''

सही या गलत?

ये मैसेज झूठा है और कई सारी गलतियों से भरा हुआ है.

बता दें कि इंडिया गेट पर कुल 13 हजार 216 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम दर्ज हैं- ये सब वो हैं जो प्रथम विश्व युद्ध में दिवंगत हुए थे. इस वायरल पोस्ट में 95 हजार 300 लोगों का आंकड़ा है, जो सरासर गलत है और बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है.

ये डेटा ‘कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव कमीशन’ की वेबसाइट पर मिल सकता है. ये वेबसाइट उन लोगों के सम्मान में बनाया गया है, जो प्रथम विश्व युद्ध और द्वि‍तीय विश्व युद्ध में ब्रिटिश शासन की ओर से लड़े थे और मारे गए थे.

इंडिया गेट पर जो नाम दर्ज हैं, ऐसा नहीं है कि उनमें सिर्फ भारतीयों के ही नाम हैं. उसमें यूनाइटेड किंग्डम, ऑस्ट्रेलिया के उन सभी के नाम हैं, जो भारतीयों के साथ मिलकर युद्ध में लड़े थे.

वेबसाइट के मुताबिक, इंडिया गेट पर भारतीयों के कुल 12 हजार 260 नाम हैं. वहीं यूनाइटेड किंग्डम के 959 और ऑस्ट्रेलिया के 1 सैनिक का नाम शामिल है.

जैसा कि वायरल पोस्ट में धर्म और वर्ग के आधार पर लोगों के नाम लिखे हैं, उसके ठीक उलट इस वेबसाइट पर लिखा है कि इसका सिद्धांत है कि यहां किसी के साथ भी मिलिट्री रैंक, जाति या मजहब के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा.

हमें क्या मिला?

12 फरवरी 1931 को वॉर मेमॉरियल की ओर से जारी किए गए डेटा से ये साबित होता है कि वायरल पोस्ट गलत है.

इंडिया गेट के ऊपरी डिजाइन पर अगर आप देखें, तो पाएंगे की दो सूरज के आकार में गोले बने हुए हैं, जिस पर प्रथम विश्व युद्ध के शुरू होने और खत्म होने के साल लिखे हैं. बाईं ओर वाले गोले पर MCMXIV (1914) और दाई ओर वाले पर MCMXIX (1919) लिखा है. साथ ही बीच में बड़ा सा INDIA लिखा है.

ये इमारत विभाजन से पहले के भारत में 1914 से 1921 के बीच शहीद हुए 70 हजार सैनिकों के राष्ट्रीय स्मारक के तौर पर मौजूद है.

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