सोशल मीडिया पर, मौजूदा किसान आंदोलन के दौरान किसान नेता वीएम सिंह के बयान वाला न्यूज एजेंसी ANI के एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि सिंह कांग्रेस नेता हैं.
हालांकि, हमें पता चला कि वह कांग्रेस का हिस्सा थे और उन्होंने उसके बैनर तले 2009 का लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन उन्होंने 2011 में पार्टी को छोड़ दिया था. हमने सिंह की टीम से भी संपर्क किया, जिसने इस बात की पुष्टि की कि वह फिलहाल किसी भी राजनीतिक दल का हिस्सा नहीं हैं.
दावा
सोशल मीडिया पर दावा किया गया, ''तथाकथित किसान सरदार वीएम सिंह से मिलिए. वह MSP को लेकर कानून चाहते हैं. वह एक कांग्रेस नेता हैं...वह पीलीभीत से लोकसभा उम्मीदवार थे...2009 में उनकी संपत्ति 6.32 बिलियन रुपये की थी. इतनी हिपोक्रिसी और शेमलेसनेस कहां से लाते हैं ये लोग.''
RSS विचारक एस गुरुमूर्ति ने भी ट्विटर पर ऐसा ही दावा किया.
राइट-विंग वेबसाइट OpIndia ने एक आर्टिकल पब्लिश किया, जिसका शीर्षक था, ''प्रदर्शन कर रहे और MSP पर आश्वासन मांग रहे 'किसान नेता' वीएम सिंह असल में एक कांग्रेस नेता हैं, जो 8 मामलों में आरोपी हैं, जिनकी संपत्ति करोड़ों की है.''
हमें क्या पता चला?
“VM Singh + Congress” के लिए सिंपल गूगल सर्च करने पर हमें पता चला कि सिंह कांग्रेस के नेता हुआ करते थे और उन्होंने इस पार्टी के टिकट पर पीलीभीत से 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि, उन्होंने 2011 में पार्टी छोड़ दी थी.
हमें सिंह की टीम के एक सदस्य ने भी बताया कि वह मौजूदा वक्त में किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हुए नहीं हैं.
‘’सिंह राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक और ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी के राष्ट्रीय संयोजक हैं, दोनों गैर-राजनीतिक संगठन हैं.’’वीएम सिंह की टीम के एक सदस्य
हमें 24 अप्रैल 2009 को द इकनॉमिक टाइम्स में छपी एक न्यूज रिपोर्ट भी मिली, जिसका शीर्षक था, ''कांग्रेस के वीएम सिंह ने घोषित की 631 करोड़ रुपये की संपत्ति, सबसे अमीर उम्मीदवार''
यह आर्टिकल 2009 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा था, जिसमें सिंह भारतीय जनता पार्टी नेता वरुण गांधी के खिलाफ खड़े थे. सिंह इस चुनाव में हार गए थे.
सिंह ने असफल रहते हुए उत्तर प्रदेश की पालिया (खेड़ी) सीट से ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर 2012 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था.
MyNeta वेबसाइट पर भी सिंह की घोषित संपत्ति 631 करोड़ रुपये की बताई गई. उन्होंने 2012 के बाद कोई भी विधानसभा या लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा.
ऐसे में, यह दावा कि किसान नेता वीएम सिंह कांग्रेस से जुड़े हुए हैं, गलत है.
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