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किसानों के प्रदर्शन से जोड़कर वायरल है अमृतसर का पुराना वीडियो

पंजाब पुलिस ने पुष्टि की है कि वीडियो 6 महीने पुराना है, किसान आंदोलन से इसका कोई संबंध नहीं

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें कुछ लोगों को एक घर में युवक-युवतियों का वीडियो बनाते हुए देखा जा सकता है. वीडियो रिकॉर्ड करने वाला शख्स घर में रुके लोगों से सवाल पूछ रहा है और आरोप लगा रहा है कि यहां अवैध देह व्यापार का काम चल रहा है. वीडियो में दिख रही महिलाएं अपना चेहरा छुपा रही हैं.

दावा: इस वीडियो को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा की सीमा पर चल रहे हालिया किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest 2024) से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.

पंजाब पुलिस ने पुष्टि की है कि वीडियो 6 महीने पुराना है, किसान आंदोलन से इसका कोई संबंध नहीं

इस पोस्ट का आर्काइव यहां देख सकते हैं.

(फोटो - Altered by Quint Hindi)

हमें अपने व्हाट्सएप टिपलाइन पर भी इस दावे के वेरिफिकेशन को लेकर सवाल पूछे गए.

(यही दावा करते अन्य पोस्ट्स के आर्काइव यहां, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.)

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क्या ये सच है ? नहीं, यह दावा गलत है. वीडियो अमृतसर के कम्बो थाना क्षेत्र में सितंबर 2023 में रिकॉर्ड किया गया था. इस वीडियो का हाल में चल रहे किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है. स्थानीय पुलिस अधिकारियों और अमृतसर के स्थानीय पत्रकार ने 'वेबकूफ' टीम से बातचीत में ये पुष्टि की है कि घटना 6 महीने पुरानी है और इसका हाल में चल रहे किसानों के प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है.

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हमनें सच का पता कैसे लगाया ? वीडियो में पंजाबी में जो आवाज सुनाई दे रही है, उसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा, "राम तीर्थ रोड, पिंड (गांव) महाल, थाना कम्बो वाली पुलिस को कुछ शर्म आनी चाहिए, यहां सरेआम धंधा चल रहा है, शराबें पी जा रही हैं."

  • कम्बो थाना अमृतसर के महाल गांव के राम तीर्थ रोड पर है, जैसा कि वीडियो में कहा जा रहा है.

  • हमने वीडियो का पूरा संदर्भ जानने के लिए अमृतसर के कम्बो थाने के अधिकारियों से संपर्क किया, जहां पुष्टि की गई कि घटना का किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है.

  • थाने में पदस्थ अधिकारी ने बताया कि ये घटना सितंबर 2023 की है और ये आपसी झगड़े का मामला था.

  • पुलिस ने मुताबिक, चूंकि मामले में शिकायतकर्ता और दूसरे पक्ष के बीच समझौता हो गया था, इसलिए मामले को लेकर कोई FIR या रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी.

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स्थानीय पत्रकार ने क्या कहा ? : हमने अमृतसर के स्थानीय पत्रकार अनुज शर्मा से संपर्क किया. उन्होंने भी टीम वेबकूफ से इस बात की पुष्टि की कि वीडियो का किसानों के प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है.

  • उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो में शिकायतकर्ता ने अवैध देह व्यापार के आरोप लगाए थे. आरोप लगाने वाले और आरोपित पक्ष दोनों में बाद में समझौता हो गया था और पुलिस ने भी इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं की थी.

हमें ऐसी कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि हाल में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों को देह - व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

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निष्कर्ष: वायरल वीडियो अमृतसर का है और इसका हाल में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है.

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