राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार 3 मार्च को ट्विटर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सवाल पूछते हुए दावा किया कि भारत के पहले पांच शिक्षा मंत्री केवल "एक समुदाय" के थे.
हालांकि, उनका दावा गलत है क्योंकि भारत सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार, भारत के दूसरे शिक्षा मंत्री डॉ. केएल श्रीमाली थे, जो एक हिंदू थे और वे लगातार दो बार इस पद पर रहे.
दावा
अपने ट्वीट में मोदी ने लिखा, "राहुल गांधी बतायें कि देश के पहले पांच शिक्षा मंत्री केवल एक ही समुदाय से क्यों बनाये गये? भारत का विकृत इतिहास पढ़ाये जाने और भगवान राम का अस्तित्व नकारने के लिये क्या कांग्रेस माफी मांगेगी?"
अन्य यूजर्स ने ट्विटर और फेसबुक पर ऐसे ही दावे किए
पड़ताल में हमने क्या पाया
भारत के शिक्षा मंत्री की वेबसाइट में मौजूद लिस्ट के मुताबिक, भारत के पहले पांच शिक्षा मंत्री थे:
- मौलाना अब्दुल कलाम आजाद (1947-1958)
- डॉ. केएल श्रीमाली (1958-1962)
- डॉ. केएल श्रीमाली (1962-1963)
- हुमायूं कबीर (सितंबर1963-नवंबर 1963)
- एम सी छागला (1963-1966)
मतलब साफ है कि भारत के पहले 5 शिक्षा मंत्री एक ही समुदाय से नहीं थे. भारत के दूसरे शिक्षा मंत्री डॉ. केएल श्रीमाली, एक हिंदू थे. और उन्होंने 1958 से 1963 तक लगातार दो बार इस पद पर अपनी सेवाएं दीं. सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा गलत है.
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