दिल्ली में चल रहे G20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) के बीच सड़कों पर मार्च करते लोगों का एक वीडियो वायरल हो रहा है.
क्या है दावा?: वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि दिल्ली के मुस्लिमों ने धारा 144 लागू होने के बावजूद जुलूस निकाला और 'सांप्रदायिक नारेबाजी की'.
दावे में ये भी कहा गया कि एक तरफ जहां जन्माष्टमी की की शोभा यात्रा रद्द कर दी गई, वैसे में दूसरी तरफ ये जुलूस निकाला गया.
किसने किया है शेयर?: ये दावा कई सोशल मीडिया यूजर्स के साथ-साथ राइटविंग वेबसाइट Sudarshan TV में काम कर रहे सागर कुमार ने शेयर किया है.
सच क्या है?: वीडियो को गलत सांप्रदायिक एंगल से शेयर किया जा रहा है.
ये वीडियो G20 शिखर सम्मेलन से पहले का है. ये वीडियो दिल्ली का है और 6 सितंबर का है, जिसमें शिया मुस्लिम समुदाय का चेहल्लुम जुलूस देखा जा सकता है.
दिल्ली पुलिस ने भी पोस्ट का बताया है कि ये दावा झूठा है और इस जुलूस का G20 शिखर सम्मेलन से कोई संबंध नहीं है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: गूगल पर कीवर्ड सर्च करने पर हमें X (पूर्वनाम ट्विटर) पर 7 सितंबर को दिल्ली पुलिस की ओर से किया गया एक पोस्ट मिला.
इस पोस्ट में दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया था कि ये जुलूस 9 सितंबर से शुरू होने वाले G20 शिखर सम्मेलन से पहले का है और इसे प्रशासन की अनुमति से निकाला गया था.
पोस्ट में दिल्ली पुलिस ने ये भी बताया कि ये कोई सांप्रदायिक प्रोटेस्ट नहीं, बल्कि एक पारंपरिक जुलूस है.
जुलूस से संबंधित रिपोर्ट्स: India Today और Hindustan Times की रिपोर्ट्स में बताया गया था कि चेहल्लुम जुलूस 7 सितंबर की सुबह निकाला जाएगा.
किसी भी तरह की समस्या और अराजकता को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने एक ट्रैफिक एडवायजरी भी जारी की थी.
नोटिस में स्पष्ट किया गया था कि जुलूस G20 होने की वजह से एक दिन पहले 6 सितंबर को सुबह 8:30 बजे शुरू होगा.
इसके अलावा, इसमें ये भी बताया गया था कि ये जुलूस किन-किन रास्तों से निकाला जाएगा.
नोटिस में ये भी बताया गया था कि 6 और 7 सितंबर को एक धार्मिक और सार्वजिनक बैठक का आयोजन किया जा रहा है.
चेहल्लुम क्या है?: चेहल्लुम पैगंबर मोहम्मद के पोते इमाम हुसैन की शहादत के जश्न में मनाया जाता है. शिया समुदाय के लोग मुहर्रम के 40वें दिन इसे मनाते हैं.
निष्कर्ष: साफ है कि चेहल्लुम जुलूस का वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से शेयर किया जा रहा है.
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