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बेंगलुरु: पुलिस की गाड़ी में रखी गणपति की मूर्ति का पूरा सच यह रहा

गणेश मूर्ति को प्रदर्शनकारियों से अलग करने के लिए जीप में रखा गया था, मूर्ति को अरेस्ट या डिटेन नहीं किया गया था.

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सोशल मीडिया पर पुलिस वैन में रखी गणेश प्रतिमा (Ganesh Pratima) का एक वीडियो वायरल हो रहा है इसे भ्रामक दावों के साथ वायरल किया जा रहा है.

दावा: वीडियो को शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की पुलिस ने 'गणेश जी को हिरासत' में लिया है.

गणेश मूर्ति को प्रदर्शनकारियों से अलग करने के लिए जीप में रखा गया था, मूर्ति को अरेस्ट या डिटेन नहीं किया गया था.

इस पोस्ट का अर्काइव यहां देखें

(सोर्स - X/स्क्रीनशॉट)

इस पोस्ट को X पर पांच लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है.

(ऐसे हो दावे करने वाले अन्य पोस्ट के अर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हरियाणा में एक रैली के दौरान इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा, "कांग्रेस शासित कर्नाटक में गणपति को जेल में डाला जा रहा है. " इस वीडियो को यहां देखें

क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है. यह वीडियो 13 सितंबर 2024 का है.

  • हिंदू संगठनों ने नागमंगला गणेश जुलूस की घटना को लेकर बेंगलुरु के टाउन हॉल में प्रदर्शन किया था.

  • पुलिस के मुताबिक इसमें हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की गई थी.

  • पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था और बाद में अधिकारियों ने विधि-विधान के साथ गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया था.

  • गणेश मूर्ति को प्रदर्शनकारियों से अलग करने के लिए जीप में रखा गया था, मूर्ति को अरेस्ट या डिटेन नहीं किया गया था.

हमनें सच का पता कैसे लगाया ? हमने इस घटना से जुड़े कीवर्ड्स जैसे (Ganesh idol, Bengaluru, police) इंटरनेट पर सर्च किए.

  • हमारी सर्च में हमे Hindustan Times की यह रिपोर्ट मिली जिसमें लिखा था पुलिस वैन में गणेश प्रतिमा की तस्वीर वायरल होने के बाद, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि इसे विसर्जन के लिए लिया गया था.

  • यह घटना बेंगलुरु के टाउन हॉल में हुई थी जहां कर्नाटक के नागमंगला में हाल ही में हुई झड़पों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी और विरोध स्थल पर पुलिस तैनात की गई थी.

India Today में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के मांड्या जिले के नागमंगला कस्बे में गणेश चतुर्थी जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुईं थीं. हिंसा के कारण बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ हुई, हिंदुओं की दुकानों, बाइक शोरूम और कपड़ों की दुकानों में आग लगाने की खबरें थीं.

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बेंगलुरु पुलिस से बातचीत: इस घटना को वेरीफाई करने के लिए हमने बेंगलुरु सेंट्रल डिवीजन के पुलिस उपायुक्त (DCP) से बात की जिन्होंने हमे बताया कि,

"13 सितंबर 2024 को हिंदू समूहों ने नागमंगला गणेश जुलूस की घटना को लेकर बेंगलुरु के टाउन हॉल में विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की गई. प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया. बाद में अधिकारियों ने विधि-विधान के साथ गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया."
DCP, बेंगलुरु सेंट्रल डिवीजन

इसके साथ ही हमें बेंगलुरु पुलिस के आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर यह पोस्ट मिली जिसमें इस घटना के बारे में बताया गया था. इस पोस्ट में गणेश विसर्जन की तस्वीरें भी शामिल है.

निष्कर्ष: बेंगलुरु में पुलिस की गाड़ी में रखी गणपति की मूर्ति के वीडियो को भ्रामक दावों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है.

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