उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद में एक हाउसिंग सोसाइटी में काम करने वाली महिला का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह खाने में पेशाब मिलाती दिख रही है.
दावा: वीडियो को साम्प्रदायिक दावों के साथ शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि इसका असली नाम रुबीना खातून है और यह महिला मुस्लिम है.
क्या यह दावे सही है ? नहीं, यह दावे सही नहीं हैं. आरोपी महिला का नाम रीना है. आरोपी महिला मुस्लिम समुदाय से नहीं है.
इन दावों का खंडन खुद गाजियाबाद पुलिस कर चुकी है. आरोपी महिला का नाम रीना है और उसके पति का नाम प्रमोद है.
हमने सच का पता कैसा लगाया ? हमने ऐसी ही एक वायरल पोस्ट के कमेंट सेक्शन को चेक करने पर पाया कि एक यूजर ने इस वायरल वीडियो के बारे में 16 अक्टूबर को पुलिस कमिश्ररेट गाजियाबाद द्वारा जारी किया गया एक प्रेस नोट लगा रखा था.
उत्तर प्रदेश पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर हमने इस प्रेस नोट की तलाश की.
हमारी तलाश में हमने पाया की पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट में लिखा था कि थाना क्रॉसिंग रिपब्लिक पुलिस टीम द्वारा उपरोक्त घटना कारित करने वाली अभियुक्ता रीना पत्नी प्रमोद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
इसमें कोई भी मुल्सिम शख्स या महिला शामिल नहीं थे.
FIR में क्या लिखा ? हमने मामले में दर्ज FIR की जांच करने पर पाया कि शिकायत में महिला का नाम रीना और उसके पति का नाम प्रमोद बताया गया है. शिकायत में किसी भी तरह का साम्प्रदायिक एंगल शामिल नहीं है.
पुलिस ने हमें क्या बताया ? टीम वेबकूफ ने इस मामले की पड़ताल के लिए ACP वेवसिटी लिपि नगायच से भी संपर्क किया. जिन्होंने हमें बताया कि, "आरोपी महिला का नाम रीना ही है, मामले में दर्ज FIR में भी यही नाम इस्तेमाल किया गया है, आरोपी मुस्लिम समुदाय से नहीं है. और इस घटना में कोई भी साम्प्रदायिक एंगल शामिल नहीं है. "
निष्कर्ष: खाने में पेशाब मिलाती हुई एक महिला के वायरल वीडियो को गलत साम्प्रदायिक दावों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
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