सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें एक शख्स रिपोर्टर से बात करते वक्त भावुक हालत में दिख रहा है. फोटो को व्यंगात्मक कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) में शिवलिंग मिलने पर अब्दुल को रोना आ गया. आमतौर पर 'अब्दुल' शब्द सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधने के लिए इस्तेमाल होता है.
तंजिया लहजे में शेयर किए जा रहे इस कैप्शन से लग सकता है कि फोटो में दिख रहा शख्स शिवलिंग मामले में रिपोर्टर से बात करते हुए रो रहा है पर असल में ये सच नहीं है. वायरल फोटो उसी इलाके की है जहां ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर है. लेकिन, इस फोटो का शिवलिंग को लेकर चल रहे हालिया विवाद से कोई संबंध नहीं है.
ये फोटो असल में दिसंबर 2021 की एक ग्राउंड रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट है. इंडिया टुडे के डिजिटल विंग UP Tak ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के वक्त ये रिपोर्ट की थी. रिपोर्ट में नौशाद आलम नाम का शख्स ये कहते-कहते भावुक हो गया था कि मंदिर को भव्य बनाकर मस्जिद को छिपा दिया गया है. फोटो में दिख रहे मुस्लिम शख्स का ज्ञानवापी मस्जिद और शिवलिंग को लेकर चल रहे हालिया विवाद से कोई संबंध नहीं है.
दावा
वायरल फोटो के साथ व्यंगात्मक कैप्शन शेयर किए जा रहे हैं. कई कैप्शंस में एक समुदाय विशेष को निशाना बनाया गया है. ऐसे ही एक पोस्ट का कैप्शन है - धर्म निरपेक्षता का खूबसूरत प्रदर्शन. ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद अब्दुल की आंखों से निकले खुशी के आंसू. अब्दुल को मालूम है कि अब एक और मस्जिद गई.
पड़ताल में हमने क्या पाया?
चूंकि वायरल फोटो में India Today के डिजिटल विंग UP TAK का माइक दिख रहा था. वहीं येंडेक्स पर फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ऐसा ही एक और विजुअल मिला, जिसपर बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर लिखा हुआ था.
अब हमें अंदाजा हुआ कि ये विजुअल यूपी तक की किसी रिपोर्ट का है और बाबा विश्वनाथ धाम, वाराणसी का है. अब हमने UP TAK के यूट्यूब चैनल पर बाबा विश्वनाथ धाम से जुड़ी ग्राउंड रिपोर्ट्स सर्च कीं. 15 दिसंबर 2021 की एक ग्राउंड रिपोर्ट हमें मिली.
9 मिनट लम्बे ग्राउंड रिपोर्ट के इस वीडियो में 4:45 मिनट बाद उसी शख्स को बात करते देखा जा सकता है जिसका फोटो ज्ञानवापी मस्जिद के हालिया मामले से जोड़कर वायरल है.
अपना नाम नौशाद आलम बताते हुए ये शख्स रिपोर्टर को बताता है ''हम कोलकाता से आए हैं, विजिटर हैं, टूरिस्ट हैं. हम आए नमाज पढ़ने. हमको तो ये हालात देखके समझ नहीं आ रहा है कि मस्जिद को पूरा ढंक दिया गया है और मंदिर को इस तरह विशाल बनाया गया है.
5 मिनट 51 सेकंड बाद नौशाद भावुक हो जाते हैं फिर रिपोर्टर के सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं ''पहली बार आए हैं और मस्जिद में पहली बार नमाज़ अदा की है. देख कर जो दुख हुआ है, 40 साल की जिंदगी में मैंने पहले कभी भी नहीं उठाया था.''
वीडियो में 6:06 मिनट पर वही फ्रेम देखा जा सकता है, जिसका स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
साफ है कि रिपोर्टर से बात करते हुए भावुक होते दिख रहे इस शख्स की ये तस्वीर दिसंबर 2021 की है. इस फिर फोटो में दिख रहे नौशाद आलम के भावुक होने का ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे हालिया विवाद से कोई संबंध नहीं है. नौशाद असल में इस बात को लेकर भावुक हुए थे कि मंदिर को भव्य बनाकर मस्जिद ढंक दी गई है.
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