सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स को गोलगप्पे के पानी में मसालों के अलावा टॉयलेट क्लीनर डालते हुए भी देखा जा सकता है. वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम (Muslim) कम्यूनिटी का एक शख्स गोलगप्पे के पानी में टॉयलेट क्लीनर मिलाते हुए पकड़ा गया है.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है और जागरूकता के लिए बनाया गया है. वीडियो को जिस पेज पर अपलोड किया गया था, उसमें इसी तरह के और भी स्क्रिप्टेड वीडियो मौजूद हैं.
दावा
वीडियो शेयर कर कैप्शन में लिखा गया, ''जुबेर नाम का जिहादी, पानी पताशे के पानी में हार्पिक यानि (toilet cleaner) मिलाकर लोगों को खिला रहा था... जिहादियों से कुछ भी सामान खरीदेंगे तो आपकी जान जाने का रिस्क रहेगा।''
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID का इस्तेमाल कर वीडियो को कई फ्रेम में बांटा और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें Gyan Bhandar नाम के एक यूट्यूब चैनल पर 7 जुलाई को अपलोड किया गया यही वीडियो मिला.
वीडियो का टाइटल था, ''बच्चों की सेहत से हो रहा खिलवाड़''. इसके अलावा, वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा गया था, ''बतासे के पानी में मिला रहा था टॉयलेट क्लीनर दोस्तों देखो कैसे बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है''.
इसके अलावा, वीडियो के 3 मिनट 56वें सेकेंड पर डिसक्लेमर में ये भी लिखा गया है, ''ये वीडियो पूरी तरह से स्क्रिप्टेड ड्रामा है. इसलिए, इसे गंभीरता से न लें. सभी पात्र काल्पनिक हैं. वीडियो का उद्देश्य सिर्फ लोगों को जागरूक करना है.''
यूट्यूब हैंडल के 'About' सेक्शन में जाकर देखने पर हमने पाया कि यहां पर Gyan Bhandar नाम के ही एक फेसबुक पेज का लिंक दिया गया है.
लिंक के जरिए फेसबुक पेज पर जाने पर हमने पाया कि यही वीडियो पेज पर 7 जुलाई को अपलोड किया गया था.
वीडियो के कैप्शन के मुताबिक ये वीडियो स्क्रिप्टेड है जिसे "मनोरंजन" के उद्देश्य से बनाया गया है. डिसक्लेमर में लिखा हुआ था:
''यह वीडियो एक पूर्ण कल्पना है, वीडियो में सभी घटनाओं को स्क्रिप्ट किया गया है और मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है, यह किसी भी तरह की गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता है या किसी भी तरह के अनुष्ठान को बदनाम नहीं करता है। वास्तविक व्यक्तियों, जीवित या मृत, या वास्तविक घटनाओं के साथ कोई समानता, विशुद्ध रूप से संयोग है।''
इस वीडियो के भी 3 मिनट 56वें सेकेंड पर वही डिसक्लेमर देखा जा सकता है जो यूट्यूब वीडियो पर दिख रहा है.
इसके अलावा, पेज में ऑथर की तरफ से पेज पर अपलोड किए गए कंटेंट को लेकर ये जानकारी दी गई है, ''कृपया ध्यान दें. मैं स्क्रिप्टेड वीडियो सिर्फ इसलिए बनाता हूं ताकि लोगों को जागरूक कर सकूं और उन्हें फ्रॉड से बचा सकूं.''
हमने पूरे फेसबुक पेज को स्कैन करके देखा. हमें ऐसे और भी कई स्क्रिप्टेड वीडियो मिले.
लेकिन, फिर भी भ्रामक जानकारी फैला रहा है कंटेंट क्रिएटर
ये बात सही है कि फेसबुक पेज पर कैप्शन के जरिए बताया गया है कि वो जागरूकता और मनोरंजन के लिए स्क्रिप्टेड वीडियो अपलोड करते हैं. लेकिन फिर भी इसी नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया ये वीडियो पूरी तरह से भ्रामक तरीके से पेश किया गया है.
वीडियो के 3 मिनट 56 सेकंड पर डिसक्लेमर के जरिए ये तो बताया गया है कि वीडियो पूरी तरह से स्क्रिप्टेड है. लेकिन, जहां फेसबुक पेज पर कैप्शन में डिसक्लेमर देकर जानकारी साफ तौर पर दी गई है, वहीं यूट्यूब हैंडल पर ये सतर्कता नहीं बरती गई. साथ ही, डिसक्लेमर भी वीडियो के आखिर से थोड़ी देर पहले आता है वो भी मुश्किल से 2 सेकेंड के लिए.
वीडियो से जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए हमने 'Gyan Bhandar' फेसबुक पेज चलाने वाले रॉकी रत्नेश से भी संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया..
ये मेरा वीडियो है. ये वीडियो पूरी तरह से स्क्रिप्टेड है. हमने ये वीडियो के डिस्क्रिप्शन में भी बताया है. इसे मेरे फेसबुक पेज पर 7 जुलाई को अपलोड किया गया था. इसके अलावा, मैंने अपने फेसबुक पेज के कवर फोटो और अबाउट सेक्शन में भी मैंने 'स्क्रिप्टेड' से जुड़ी जानकारी दी है.
मतलब साफ है कि स्क्रिप्टेड वीडियो को असली घटना का बताकर भ्रामक कम्यूनल दावे से शेयर किया जा रहा है.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
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