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AIDS संक्रमित तरबूज बेचने के फर्जी दावे वाली ये खबर दैनिक भास्कर ने नहीं छापी

डॉक्टर के मुताबिक, HIV पानी या खाने से नहीं फैलता, क्योंकि ये वायरस मानव शरीर से बाहर लंबे समय तक नहीं रह पाता.

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AIDS संक्रमित तरबूज बेचने के फर्जी दावे वाली ये खबर दैनिक भास्कर ने नहीं छापी
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सोशल मीडिया पर Dainik Bhaskar के नाम पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया गया है कि कुछ मुस्लिम युवक तरबूज में एड्स (AIDS) संक्रमित इंजेक्शन लगाकर बेच रहे थे, जिन्हें लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

हालांकि, हमने पाया कि ये दावा मनगढ़ंत है. हमने लखनऊ में Dainik Bhaskar कॉरेस्पॉन्डेंट से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया कि न्यूज ऑर्गनाइजेशन ने ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं छापी. उन्होंने हमें ये भी बताया कि पिछले साल भी ये स्क्रीनशॉट वायरल हुआ था.

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हमने एक डॉक्टर से भी बात की और पाया कि HIV पानी या खाने से नहीं फैलता, क्योंकि ये वायरस मानव शरीर से बाहर लंबे समय तक नहीं रह पाता.

दावा

न्यूज आर्टिकल की ये हेडलाइन है, ''एड्स संक्रमित इंजेक्शन लगाकर बेच रहे थे फल".

स्टोरी के मुताबिक, ''लखनऊ पुलिस ने गुप्त जानकारी के आधार पर आज सड़क पर खरबूजा और तरबूज बेच रहे विशेष संप्रदाय के कुछ युवकों को पकड़ा. पूछताछ में पता चला है कि युवकों ने स्वीकारा है कि वो फलों में एड्स संक्रमित इंजेक्शन लगाकर ग्राहकों को बीमार करना चाहते थे.

स्टोरी में ये भी लिखा है कि ये संक्रमित फल ज्यादातर हिंदू बहुल इलाकों में बेचे जा रहे थे और इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

इस दावे को कई सोशल मीडिया यूजर्स ने फेसबुक पर शेयर किया है, जिनमें से कुछ 2020 के पहले के हैं. इनमें से कुछ के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.

इस दावे से जुड़ी क्वेरी हमारी WhatsApp टिपलाइन पर भी आई है.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने वायरल स्क्रीनशॉट की हेडलाइन के आधार पर कीवर्ड सर्च किया, लेकिन हमें Dainik Bhaskar पर इस हेडलाइन वाली कोई रिपोर्ट नहीं मिली.

हमने Dainik Bhaskar वेबसाइट और मोबाइल ऐप्लिकेशन पर ओरिजिनल रिपोर्ट्स देखीं और पाया कि वायरल फोटो में हेडलाइन में जो फॉन्ट और कलर स्कीम इस्तेमाल किया गया है, वो उस फॉन्ट और कलर स्कीम से अलग है जिसका इस्तेमाल न्यूज ऑर्गनाइजेशन करता है.

वायरल स्क्रीनशॉट की ओरिजिनल स्क्रीनशॉट से तुलना

(फोटो: Altered By The Quint)

इसके बाद, हमने लखनऊ में Dainik Bhaskar कॉरेस्पॉन्डेंट आदित्य तिवारी से बात की. उन्होंने हमें बताया कि वायरल स्क्रीनशॉट फेक है. उन्होंने ये भी बताया कि ये स्क्रीनशॉट पिछले साल भी वायरल हुआ था.

हमने लखनऊ में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से भी संपर्क किया, लेकिन किसी के पास इस मामले से जुड़ी कोई जानकारी नहीं थी.

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हमने फोर्टिस हीरानंदानी हॉस्पिटल में डॉ फराह इंगले से संपर्क किया, ताकि ये पता लगाया जा सके कि क्या वाकई में HIV वायरस तरबूज में इंजेक्ट करने से एड्स फैल सकता है?

हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन की डायरेक्टर इंगले ने बताया, "ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (HIV) वो वायरस है जिसकी वजह से एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशियेंसी सिंड्रोम (AIDS) होता है. HIV पानी या खाने से नहीं फैलाया जा सकता है. सच ये है कि HIV मानव शरीर से बाहर लंबे समय तक जीवित नहीं रहता है.''

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, खाने, पानी, हाथ मिलाने, गले मिलने या चुंबन से एड्स नहीं होता.

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ज्यादातर लोगों को HIV संक्रमण एनल या वजाइनल सेक्स, संक्रमित सुई, सीरिंज या दूसरे ड्रग इंजेक्शन इक्विपमेंट की वजह से होता है. संक्रमित व्यक्ति के शरीर के कुछ तरल पदार्थों के सीधे संपर्क में आने से ही HIV हो सकता है. लोगों को इस तरह की अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए और ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें.
डॉ. फराह इंगले, डायरेक्टर-इंटरनल मेडिसिन, फोर्टिस हीरानंदानी हॉस्पिटल, वाशी

मतलब साफ है, एक फेक स्क्रीनशॉट को कम्यूनल एंगल के साथ शेयर कर ये झूठा दावा किया जा रहा है कि लखनऊ में HIV संक्रमित इंजेक्शन लगाकर तरबूज बेचने वाले मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया गया है.

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(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं )

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