सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में महिला को बुरी तरह से पीटते एक शख्स को देखा जा सकता है.
क्या है दावा?: वीडियो को कई यूजर्स ने इसे सांप्रदायिक दावे से शेयर किया है. कैप्शन में शख्स को 'अब्दुल' बताकर ये दिखाने की कोशिश की जा रही है कि मुस्लिम (Muslim) शख्स ने महिला की पिटाई की है.
(नोट: वीडियो के हिंसात्मक दृश्यों की वजह से हमने आर्काइव लिंक का इस्तेमाल नहीं किया है.)
ये वीडियो फेसबुक और ट्विटर दोनों जगह इसी दावे से शेयर किया गया है.
सच क्या है?: वायरल वीडियो में दिख रही घटना उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की और हाल की है.
संबंधित थाना क्षेत्र बकेवर में तैनात एसएचओ आरबी सिंह ने मामले के सांप्रदायिक होने से इनकार किया है. उन्होंने बताया कि पति और पत्नी दोनों में से कोई भी मुस्लिम नहीं है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID का इस्तेमाल कर, वीडियो के कई कीफ्रेम निकालकर उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें...
Dainik Bhaskar पर 3 जून को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो के विजुअल इस्तेमाल किए गए थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, मामला इटावा के नहरिया गांव का है और 1 जून का है. जहां शिवम यादव नाम के एक शख्स ने अपनी पत्नी ज्योति यादव को डंडे से पीट-पीटकर मरणासन्न कर दिया था.
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि महिला की मां ने आरोपी दामाद और उसके माता-पिता के खिलाफ बर्बरता और दहेज की मांग को लेकर शिकायत दर्ज कराई है.
घटना से जुड़ी अन्य रिपोर्ट्स: हमें इस मामले से जुड़ी रिपोर्ट्स Amar Ujala और Zee Salaam पर भी मिलीं.
क्या कहना है पुलिस का?: क्विंट हिंदी की वेबकूफ टीम ने ज्यादा जानकारी के लिए बकेवर थाने में तैनात एसएचओ आरबी सिंह से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि मामले में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
उन्होंने बताया कि आरोपी और पीड़ित दोनों ही एक ही जाति के हैं और हिंदू हैं.
एसएचओ सिंह ने ये भी बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 325 और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), और 506 (आपराधिक धमकी का अपराध) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.
इसके अलावा, हमें इटावा पुलिस के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से किया गया एक ट्वीट भी मिला, जो किसी यूजर के ट्वीट के जवाब में किया गया था.
जवाब में बताया गया था कि इस घटना को लेकर बकेवर थाने में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है.
निष्कर्ष: साफ है कि वीडियो में दिख रहा आरोपी और पीड़िता दोनों हीं हिंदू हैं और मामले में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
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