सोशल मीडिया पर टूटे हुए पुल की एक फोटो वायरल है, जिसमें सतह टूटने के बाद नीचे जाली दिख रही है. फोटो को भारत का बताकर शेयर किया जा रहा है.
फोटो के साथ शेयर हो रहा कैप्शन है 'हमारी बराबरी क्या करेंगे चाइना वाले वहा कांच का पुल है और हमारे यहा जाली वाला पुल है' (SIC)
क्या ये सच है ? : नहीं, ये पुल भारत नहीं बांग्लादेश के पटुआखाली शहर में टेपुरा नदी पर बना हुआ है.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें बांग्लादेश के न्यूज प्लेटफॉर्म btcnews.com की रिपोर्ट में यही फोटो मिली.
इसके मुताबिक, 22 जून को हल्दिया हाट के पास चवरा नदी पर बना खतरनाक लोहे का पुल ढहने से 9 लोगों की मौत हो गई थी. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि अमतली के इंजीनियरिंग विभाग ने ऐसे 26 लोहे के पुल चिन्हित किए हैं, जो खतरनाक हालत में हैं.
हालांकि, इस रिपोर्ट से ये स्पष्ट नहीं हो सका कि ये फोटो कहां की है. पर यहां से अंदाजा लेकर हमने बांग्लादेश में पुल गिरने से जुड़ी अन्य रिपोर्ट्स खंगालनी शुरू कीं.
बांग्लादेश की ही एक अन्य न्यूज वेबसाइट kalerkantho.com पर भी हमें 26 पुलों के जर्जर होने से जुड़ी रिपोर्ट मिली. यहां भी इसी पुल की फोटो थी. फोटो के साथ दिए कैप्शन में बताया गया है कि ये तेपुरा गांव में स्थित जर्जर पुल है, जो अब इस्तेमाल नहीं हो रहा है.
हमें dainikbayanno.com पर 10 जुलाई 2024 को छपी एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल फोटो में दिख रहे जर्जर पुल के बारे में विस्तार से बताया गया है. यहां बताया गया है कि ये पुल बांग्लादेश के शहर पटुआखाली में टेपुरा नदी पर बना है.
पुल के एक छोर पर कालापारा उपजिला का चंपापुर यूनियन है और दूसरे छोर पर बरगुना के आमताली उपजिला का हल्दिया यूनियन है. इन दोनों यूनियनों के कम से कम 17 गांवों के लोग हर दिन पुल पार करते हैं. कई लोगों के साथ दुर्घटना भी हो चुकी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, पुल की लंबाई लगभग 200 फीट और चौड़ाई 10 फीट है. इसका निर्माण साल 2004 में हुआ था. 2019 के आखिर में पुल के कई हिस्सों में दरारें आ गईं, पिछले दो सालों में यह खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है.
निष्कर्ष : मतलब साफ है, बांग्लादेश के जर्जर ब्रिज की फोटो को भारत का बताकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
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