सोशल मीडिया पर एक वायरल मैसेज में ये दावा किया जा रहा है कि भारत United Nations (UN) की सुरक्षा परिषद की पहली बार अध्यक्षता कर रहा है. सोशल मीडिया यूजर भारत की इस उपलब्धि का श्रेय प्रधानमंत्री Narendra Modi को दे रहे हैं.
हालांकि, वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि ये दावा भ्रामक है. UN की सुरक्षा परिषद में शामिल हर गैर-स्थाई (Non-Permanent) सदस्य को बारी-बारी अध्यक्षता करने का मौका मिलता है. भारत पहले भी कई बार सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता कर चुका है.
दावा
सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा मैसेज है - दुनिया की कमान भारत के हाथों में, भारत बना UNO (UNSC) का अध्यक्ष तुर्की, पाक समेत कई देश बौखलाए, United Nations की अध्यक्षता भारत पहली बार करेगा
फेसबुक पर भी ये इंफोग्राफिक इसी दावे के साथ वायरल है.
पड़ताल में हमने क्या पाया
विदेश मंत्रालय की अक्टूबर 2010 की एक प्रेस रिलीज हमें मिली, जिसमें बताया है कि भारत को UC की सुरक्षा परिषद का गैर-स्थाई सदस्य चुना गया. भारत को 1 जनवरी, 2011 से लेकर अगले 2 साल के पीरियड के लिए परिषद का सदस्य चुना गया था. इस रिलीज से ये तो साफ है कि भारत 2021 में पहली बार UN की सुरक्षा परिषद का सदस्य नहीं बना. जैसा कि वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है.
विदेश मंत्रालय की इस रिलीज में आगे ये भी बताया गया है कि भारत 2011 से पहले 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, और 1991-92 में भी UN की सुरक्षा परिषद का सदस्य रह चुका है.
संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के राजदूत रह चुके सैय्यद अकबर उद्दीन ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि ये पहला मौका है जब भारत का कोई राजनेता देश की तरफ से UN की सुरक्षा परिषद में अध्यक्षता करेगा. लेकिन अकबरउद्दीन ने आगे ये भी कहा है कि 75 सालों में ये 8वां मौका है जब भारत संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद का सदस्य है. अकबरउद्दीन ने ऐसा कहीं नहीं कहा कि भारत पहली बार UN की सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है.
हमें विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची का एक ट्वीट मिला. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि पहली बार कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूएन की सिक्योरिटी काउंसिल में हो रही ओपन डिबेट की अध्यक्षता करेंगे. लेकिन, ऐसा ट्वीट में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि भारत पहली बार सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है.
UN की ऑफिशियल वेबसाइट पर दिए नियमों में हमने ये चेक किया कि किस आधार पर किसी देश को सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनाया जाता है. वेबसाइट पर सुरक्षा परिषद के नियमों से जुड़ा अलग से एक दस्तावेज है. इसमें चैप्टर नं 4 में अध्यक्षता का नियम है.
Rule 18 के मुताबिक सुरक्षा परिषद में शामिल सभी सदस्य देशों को अध्यक्षता करने का मौका मिलता है. अब कौन देश कब अध्यक्षता करेगा ये अल्फाबेटिकल ऑर्डर के हिसाब से तय होता है.
UN की वेबसाइट पर देखा जा सकता है कि 2021 में कौन-सा देश किस महीने में अध्यक्षता करेगा.
क्या भारत पहली बार बना है UN का सदस्य?
परिषद में शामिल हर सदस्य देश अध्यक्षता करता है. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि भारत को पहली बार अध्यक्षता करने का मौका मिला है. तो क्या भारत पहली बार UN की सुरक्षा परिषद का सदस्य बना? जवाब है नहीं. 2021 से पहले भी भारत 7 बार सुरक्षा परिषद का गैर-स्थाई सदस्य नियुक्त हो चुका है.
2021-22 से पहले आखिरी बार 2011-12 में भारत सुरक्षा परिषद का सदस्य नियुक्त हुआ था. साफ है कि इस दौरान भी भारत को अल्फाबेटिकल ऑर्डर के हिसाब से ठीक वैसे ही अध्यक्षता करने का मौका मिला होगा, जैसा 2021 में मिल रहा है.
द हिंदू की 3 जनवरी, 2011 की एक रिपोर्ट हमें मिली. इससे पता चलता है कि भारत को जुलाई, 2011 में UN की सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता का मौका मिला था. इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि भारत ने पहली बार जून 1950 में UN की सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता की थी. 1950 में भारतीय राजदूत सर बेनेगल नरसिंग राव ने भारत की तरफ से परिषद की अध्यक्षता की थी.
ये सच है कि पहली बार भारत की तरफ से प्रधानमंत्री ने UN की सुरक्षा परिषद की बैठक में अध्यक्षता की. लेकिन, भारत पहले भी 7 बार परिषद का सदस्य नियुक्त हो चुका है और भारत की तरफ से राजदूत अध्यक्षता कर चुके हैं.
मतलब साफ है - सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा झूठा है कि भारत पहली बार संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद (UNSC)की अध्यक्षता कर रहा है.
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