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BJP की युवा नेता का झूठा दावा - भारत को सिर्फ 99 साल के लिए लीज पर मिली आजादी

BJP युवा मोर्चा प्रवक्ता रुचि पाठक ने यूथ कांग्रेस प्रवक्ता से बहस के बीच दावा किया कि भारत परमानेंट आजाद नहीं है

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सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो में बीजेपी (BJP) युवा मोर्चा की प्रवक्ता रुचि पाठक ये दावा करती दिख रही हैं कि कांग्रेस ने भारत को पूरी आजादी नहीं दिलाई. भारत को सिर्फ 99 साल की लीज पर आजादी मिली है. हालांकि, वेबकूफ टीम की पड़ताल में सामने आया कि इस दावे का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है. ये दावा लंबे समय से चले आ रहे उस नैरेटिव का हिस्सा है, जो लगातार ये साबित करने के लिए फैलाया जाता है कि कांग्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए उतना कुछ नहीं किया, जितना करना चाहिए था

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यूनाइटेड किंगडम (तब ब्रिटिश साम्राज्य) ने पार्लियामेंट की अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर भारत की स्वतंत्रता के रिकॉर्ड से जुड़ी सारी जानकारी अपलोड की है. यहां कहीं भी ये उल्लेख नहीं है कि भारत को स्वतंत्रता सिर्फ 99 सालों के लिए मिली थी. इतिहास के प्रोफेसर हसन इमाम ने भी क्विंट से बातचीत में इस दावे को फेक बताया.

दावा

लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल पर इस डिबेट के बीच का 6 मिनट का वीडियो है, निजीकरण (Privatisation) के मुद्दे पर बहस होती है, यूथ कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव जैन ने बीजेपी युवा मोर्चा की प्रवक्ता रुचि पाठक से तंजिया लहजे में पूछा - नेहरू जी ने तो आजादी भी दिलाई थी तो क्या आप वो भी वापस कर देंगे? इस पर रुचि कहती हैं -

''वो भी आपने कॉन्ट्रैक्ट बेस पर ली है, पूरी लड़कर नहीं ली है''. रुचि आगे कहती हैं - वही मैं बता रही हूं कि ये भी 99 साल की लीज पर ले पाए थे आप, अगर आपमें इतनी कुव्वत थी तो पूरी आजादी लेते न, उस टाइम क्यों आपने लीज पर ले ली.

वीडियो में देखा जा सकता है कि एंकर रुचि से दोबारा पूछते हैं कि क्या उनके कहने को मतलब सच में ये है कि देश की आजादी लीज पर है. रुचि अपने दावे पर कायम रहती हैं और साक्ष्य प्रस्तुत करने का दावा करती हैं.

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UK संसद पर भारत की आजादी से जुड़े रिकॉर्ड क्या कहते हैं?

हमने यूनाइटेड किंगडम (UK) संसद की ऑफिशियल वेबसाइट पर ऐसी जानकारी सर्च करनी शुरू की, जिससे पुष्टि हो सके कि क्या वाकई भारत की स्वतंत्रता में कोई टर्म्स एंड कंडीशन अप्लायड जैसा मामला था? ऐसा कुछ भी हमें नहीं मिला. यूके की संसद की वेबसाइट पर ऐसा कोई जिक्र नहीं है कि भारत को आजादी 99 साल की लीज पर मिली.

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यूके की वेबसाइट पर इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 के बारे में जो लिखा है, उसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा-

''इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट साल 1947 में पास हुआ. इस एक्ट से दो नए देश बने, भारत और पाकिस्तान. पाकिस्तान का बंटवारा पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान के रूप में हुआ, जो अब बांग्लादेश है. दो नए देशों में पंजाब और बंगाल प्रोविंसेस का बंटवारा हुआ था. हिंदू, मुस्लिम और सिख आबादी को इन डोमिनियंस ने अलग किया और अब तक का सबसे बड़ा पलायन हुआ, ये पलायन किसी युद्ध या अकाल की वजह से नहीं था. इस एक्ट ने ब्रिटिश क्राउन के लिए एक शीर्षक के रूप में 'एमपरर ऑफ इंडिया' के उपयोग को निरस्त कर दिया और रियासतों के साथ सभी मौजूदा संधियों को भी खत्म कर दिया. एक्ट के बाद लॉर्ड माउंटबेटन गवर्नर-जनरल के रूप में बने रहे और जवाहरलाल नेहरू को भारत का पहला प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया, मुहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के गवर्नर-जनरल बने और लियाकत अली खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने. 15 अगस्त 1947 तब से भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.''

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यूके सरकार की वेबसाइट पर सिलसिलेवार तरीके से ये भी बताया गया है कि कैसे विश्वयुद्ध-1 के बाद भारत में राष्ट्रवादी आंदोलनों ने जोर पकड़ा, और इन आंदोलनों को देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने एक के बाद एक ''गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट'' पास किए, फिर 1937 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ग्यारह में से सात प्रांतों में मंत्रालयों का गठन किया. 1947 के एक्ट के बाद भारत को पूरी तरह स्वतंत्रता मिली.

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  • 1919 के एक्ट में ब्रिटिश अधिकारियों और कुछ चुने गए भारतीयों के बीच शक्तियों का विभाजन कर केंद्रीय और प्रांतीय विधान परिषद बनाने की बात कही गई.

  • 1935 का भारत सरकार अधिनियम (Government of India Act), 450 खंडों और 15 अलग-अलग अनुसूचियों के साथ, संसद ने पारित किया. इसे उस वक्त तक का सबसे लंबा, जटिल और विवादित कानून माना गया.

  • 1937 में इंडियन नेशनल कांग्रेस ने 11 में से 7 प्रांतों में अपने मंत्रालयों का गठन किया.

  • वायसराय माउंटबेटन की एकतरफा घोषणा थी कि भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हो जाएगा. इस घोषणा से संसद पर 'इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट' जल्दी पास करने का दबाव बना. 18 जुलाई 1947 इस एक्ट को रॉयल की स्वीकृति मिली.

यूके पार्लियामेंट की वेबसाइट पर 1919 से लेकर 1947 तक भारत को स्वायत्ता/स्वतंत्रता देने के लिए पास किए गए हर एक्ट के बारे में बताया गया है. ऐसा कहीं उल्लेख नहीं है कि भारत को स्वतंत्रता 99 साल की लीज पर मिली.
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भारत की आजादी लीज पर? क्या कहते हैं इतिहासकार

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में इतिहास के प्रोफेसर डॉ. हसन इमाम ने क्विंट से हुई बातचीत में इस दावे को पूरी तरह निराधार बताया कि भारत को आजादी 99 साल की लीज पर मिली थी.

लंबे संघर्ष के बाद भारत को आजादी मिली है. 1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेजी हुकूमत ने दुनिया भर में ये परसेप्शन बनाने की कोशिश की थी कि भारत में सांप्रदायिक, हिंसक लोग रहते हैं, जिन्हें कंट्रोल में रखने के लिए इस तरह सरकार चलाना जरूरी है जैसे चलाई जा रही है. पर स्वतंत्रता सेनानियों ने हार नहीं मानी. 1919 आते-आते अंग्रेजी हुकूमत को भी भारत को स्वायत्ता देने के लिए एक एक्ट पास करना पड़ा, इस एक्ट से भारतीय संतुष्ट नहीं थे. महात्मा गांधी समेत तमाम स्वतंत्रता सेनानिओं के साथ अंग्रेजी हुकूमत के नेगोशिएशन हुए. एक के बाद दूसरा, दूसरे के बाद तीसरा कानून बना. संसद में धीरे-धीरे भारतीयों को प्रतिनिधित्व मिलना शुरू हुआ. आखिरकार 1947 में हम पूरी तरह आजाद हुए. ये बात पूरी तरह गलत है कि हमें आजादी लीज पर मिली थी. हमें लंबे संघर्ष के बाद आजादी मिली और पूरी मिली.
प्रोफेसर हसन इमाम, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
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भारत सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी ''इंडियन इंडिपेंडेंट एक्ट'' से जुड़ी जानकारी विस्तार से दी गई है. ऐसा कहीं उल्लेख नहीं है कि भारत को स्वतंत्रता 99 साल की लीज पर मिली थी.

यूके की पार्लियामेंट वेबसाइट पर उपलब्ध रिकॉर्ड्स में ये भी बताया गया है कि पहले ब्रिटिश साम्राज्य ने जून, 1948 में भारत को स्वतंत्रता देने का फैसला लिया था, लेकिन अचानक लॉर्ड माउंटबेटन ने ऐलान 15, अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता देने का ऐलान कर दिया. यहां दी गई जानकारी के मुताबिक,

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10 फरवरी, 1947 को तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने ऐतिहासिक भाषण देते हुए कहा कि भारत को अगले साल जून में (यानी जून 1948 में) स्वतंत्रता मिल जाएगी. प्रधानमंत्री ने लॉर्ड माउंटबेन के वॉयसरॉय नियुक्त होने की भी पुष्टि की. लेकिन , बढ़ती हिंसक घटनाओं के बीच लॉर्ड माउंटबेटन ने ऐलान कर दिया कि सत्ता का हस्तांतरण 15 अगस्त को ही कर दिया जाएगा.

साफ है - बीजेपी युवा मोर्चा की नेता रुचि पांडे का ये दावा झूठा है कि भारत को आजादी सिर्फ 99 साल के लिए मिली थी.

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