अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने अहमदाबाद के एक HAM रेडियो एक्सपर्ट के दावे को नकार दिया. इस अधीर सैयद नाम के शख्स ने दावा किया था कि स्पेसक्राफ्ट क्रू ड्रैगन के क्रू ने इस महीने उनसे बात की थी.
30 मई शनिवार को, SpaceX के ऑटोमेटेड स्पेसक्राफ्ट क्रू ड्रैगन में नासा के एयरोनॉट्स बॉब बेहनकेन और डंग हर्ले ने कैनेडी स्पेस सेंटर फ्लोरिडा से स्पेस की यात्रा की. ये पहली बार था जब अमेरिकी एयरोनॉट्स को स्पेस में एक प्राइवेट कंपनी भेज रही थी.
2 जून को अहमदाबाद के HAM रेडियो चलाने वाले अधीर सैयद ने दावा किया है कि जब वो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) को कनेक्ट कर रह थे तो उनको स्पेस एक्स क्रू ड्रैगन के एयरोनॉट्स से रिस्पॉन्स मिला है.
लेकिन अब नासा ने कहा है कि सैय्यद के दावे सही नहीं हैं. क्रू ड्रैगन HAM रेडियो के जरिए कम्यूनिकेट करे, तकनीकी रूप से ये संभव ही नहीं है. हांलाकि ये बात सही है कि HAM रेडियो के जरिए एक्सपर्ट्स ने ISS से संपर्क साधा है.
सैयद कौन हैं और उनका क्या दावा था?
अधीर सैयद अहमदाबाद के रहने वाले हैं. अधीर पेशे से इंजीनियर हैं और HAM रेडियो एंथूसियास्ट है. उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए 3 जून को दावा किया कि उन्हें क्रू ड्रैगन एयरोनॉट्स से रिस्पॉन्स मिला है. ANI सैयद की बातचीत को लिखा- ‘मैं वीडियो कॉल पर छात्रों को समझा रहा था कि ISS से कैसे कनेक्ट करना है, तभी मुझे उनसे रिस्पॉन्स मिला है.’
इसके बाद कई सारे मेनस्ट्रीम न्यूज मीडिया आउटलेट्स जैसे अहमदाबाद मिरर, मैनएक्सपी, इंडिया टीवी, NDTV और टाइम्स नाउ न्यूज ने इस खबर को रिपोर्ट किया.
आर्काइव किया हुआ वीडियो यहां देखा जा सकता है
नासा का खंडन
अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा के प्रवक्ता ने द क्विंट को एक मेल के जवाब में बताया है कि उन्होंने स्पेसएक्स और बाकी दोनों संस्थानों से इसके बारे में पूछा लेकिन उनको इसके बारे में कुछ भी नहीं पता है.
हमने स्पेसएक्स और बाकी दोनों संस्थानों से इसके बारे में पूछा लेकिन उन्होंने बताया कि उनको इसके बारे में कुछ भी नहीं पता है. क्रू को HAM रेडियो से कोई कम्यूनिकेशन नहीं मिला है.गारे जॉर्डन, प्रवक्ता, नासा
प्रवक्ता ने ये भी बताया कि क्रू ड्रैगन के लिए ये तकनीकी रूप से असंभव है कि वो HAM रेडियो के जरिए कम्यूनिकेट कर सके. अमेरिका के विज्ञान कवर करने वाले पत्रकार जेनिफर लेमन ने सबसे पहले नासा के इस खंडन को छापा था.
HAM रेडियो नेटवर्क
HAM रेडियो नेटवर्क रेडियो तरंगो के जरिए काम करता है. हाम रेडियो नेटवर्क में वायरलेस ट्रांसरिसीवर (रेडियो ट्रांसमीटर और रिसीवर) के जरिए संपर्क स्थापित किया जाता है. आप भारत सरकार की वेबसाइट विज्ञान परिषद पर इसके बारे में और पढ़ सकते हैं.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)