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विंध्याचल मंदिर के इस घायल पुजारी पर नहीं किया मुस्लिमों ने हमला, झूठा है दावा

फोटो में दिख रहा पुजारी मंदिर में ही दूसरे पुजारी के साथ झगड़े में घायल हुआ था.

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सोशल मीडिया पर खून से लथपथ और घायल पुजारी की दो फोटो वायरल हो रही हैं. दावा किया जा रहा है कि फोटो में दिख रहा शख्स अमित पांडेय है, जो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मिर्जापुर के विंध्याचल मंदिर में पुजारी है. उन पर मुस्लिम समुदाय (Muslims) के लोगों ने हमला किया.

हालांकि, हमने पाया कि फोटो में दिख रहा शख्स अमित पांडेय ही है, जो उसी मंदिर के एक दूसरे पुजारी से विवाद के बाद घायल हुआ था.

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विंध्याचल थाने के एसओ शैलेश कुमार के मुताबिक, पुजारी पांडेय का एक दूसरे पुजारी से झगड़ा हो गया था और जब पुलिस मौके पर पहुंची तो पुजारी ने पुलिस अधिकारी पर भी हमला किया.

दावा

फोटो शेयर कर दावे में लिखा जा रहा है कि मिर्जापुर के मां विंध्याचल मंदिर के पुजारी अमित पांडेय को 'जिहादियों' ने जान से मारने की कोशिश की. (जिहादी शब्द, अक्सर राइट विंग द्वारा मुस्लिम समुदाय को संदर्भित करने के लिए अपमानजनक रूप में इस्तेमाल किया जाता है)

सोशल मीडिया पर किए गए ऐसे ही दावे के आर्काइव आप यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने एक पोस्ट पर मिर्जापुर पुलिस के वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट की ओर से दिया गया जवाब मिला. इसमें बताया गया था कि विंध्याचल पुलिस के पास दर्ज ये मामला पुराना है और इसमें विधिक कार्रवाई भी की गई है.

एक अन्य ट्वीट पर भी रिस्पॉन्ड करते हुए मिर्जापुर पुलिस के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ये भी बताया गया कि ये घटना 26 जून, 2020 की है.

हमने गूगल पर 'Amit Pandey Vindhyachal Priest' जैसे कीवर्ड सर्च कर, इस घटना से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स देखीं.

Times of India के मुताबिक, पांडेय ने मंदिर के अंदर एक वीडियो रिकॉर्ड करने को लेकर असहमति की वजह से, मां विंध्यवासिनी मंदिर के एक दूसरे पुजारी पर हमला किया. दूसरे पुजारी की पहचान विश्वनाथ पांडेय के तौर पर हुई है, जिसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.

TOI के मुताबिक, जब पुलिस मौके पर जांच करने पहुंची तो अमित पांडेय ने शुरू में मंदिर में ही खुद को एक जगह बंद कर लिया और बाद में रविकांत मिश्रा नाम के एक पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया. जैसे ही दूसरे पुलिसकर्मी पांडेय को रोकने के लिए दौड़े, तो उसने खुद को घायल करना शुरू कर दिया.
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हिंदी न्यूज पब्लिकेशन Patrika के मुताबिक, मिश्रा का सिर गंभीर रूप से घायल हो गया और पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं.

क्विंट ने विंध्याचल पुलिस के स्टेशन ऑफिसर शैलेश कुमार राय से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि ये मामला पुराना है और ये दावा झूठा है कि मुस्लिमों ने पुजारी पर हमला किया.

राय ने बताया कि ये मामला मंदिर के दो पुजारियों के बीच लड़ाई से जुड़ी है और दूसरे पुजारी की पहचान विश्वनाथ पांडेय के रूप में हुई थी.

अमित पांडेय ने एक पुलिसकर्मी रविकांत मिश्रा और दूसरे पुजारी पर हमला किया था. रविकांत को 6 टांके लगे थे. अमित पांडेय के खिलाफ 22-23 मामले हैं और वो हिस्ट्रीशीटर है. पुलिस जब उसे पकड़ने गई तो उसने खुद को भी चोट पहुंचाना शुरू कर दिया. फिलहाल, अमित पांडेय फरार है.
शैलेष कुमार राय, SO विंध्याचल पुलिस
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इस घटना के संबंध में दर्ज दो एफआईआर की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि दावे में जो खून से लथपथ अमित पांडेय की फोटो दिख रही है, वो इसलिए क्योंकि पुलिस ने जब गिरफ्तारी की कोशिश की तो अमित ने गर्दन के पास खुद को काट लिया था.

मतलब साफ है, मिर्जापुर के मां विध्यवासिनी मंदिर में साल 2020 में हुए दो पुजारियों के बीच एक विवाद से जुड़ी फोटो इस गलत सांप्रदायिक दावे से शेयर की जा रही हैं कि पुजारी पर मुस्लिमों ने हमला कर जान से मारने की कोशिश की.

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