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'राजनीति में अपराधीकरण' पर बात करता ये शख्स नहीं है IPS ऑफिसर शैलजा कांत मिश्रा

वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स एक यूट्यूबर है और ये वीडियो साल 2020 में अपलोड किया गया था.

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सोशल मीडिया पर एक शख्स का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो भारत में राजनीति के अपराधीकरण के बारे में बात करते नजर आ रहे हैं. दावा किया गया कि वीडियो दिखने वाला शख्स लखनऊ (Lucknow) के IPS ऑफिसर 'शैलजा कांत मिश्रा' हैं.

यूजर्स ने वीडियो में दिख रहे शख्स की ये कहते हुए तारीफ की है कि शख्स ने देश की राजनीतिक और चुनावी सिस्टम की समस्याओं को उजागर किया है. लोगों ने ये भी लिखा है कि ये पब्लिक की गलती है कि ऐसे 'अपराधियों' को चुनाव जीतने देती है.

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हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि वीडियो में दिख रहा शख्स शैलजा कांत मिश्रा नहीं हैं. ये शख्स एक डिजिटल कंटेंट क्रिएटर नीतीश राजपूत है. ये वीडियो नीतीश के यूट्यूब चैनल पर साल 2020 से मौजूद है.

पूर्व आईपीएस ऑफिसर मिश्रा उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद के वाइस चेयरमैन के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

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दावा

वीडियो में दिख रहे शख्स को लखनऊ के आईपीएस ऑफिसर शैलजा कांत मिश्रा बताते हुए दावे में लिखा गया, ''कृपा हर देशवासी तक कड़वा सत्य पहुँचाए।आज़ादी के बाद से हम ग़ुलामों की तरह आपराधिक नेताओं को समर्पित हैं। इमर्जन्सी,ऑपरेशन ब्लूस्टार,1984 में सिखों की हत्या,गोदरा ट्रेन में हिंदुओं को ज़िंदा जलाना,दिल्ली में शराब पर छूट से पैसे कामना…? क़ुसूर हमारा है,हम नपुंसक हैं,नेता नहीं।"

Harinder S Sikka नाम के यूजर के शेयर किए गए इस वीडियो को स्टोरी लिखते समय तक 4 लाख 34 हजार से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं.

वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स एक यूट्यूबर है और ये वीडियो साल 2020 में अपलोड किया गया था.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

ऐसे ही अन्य पोस्ट के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं. ये वीडियो साल 2020 से ही ऐसे ही दावों के साथ वायरल होता रहा है. उस दौरान के पोस्ट के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

वायरल वीडियो में एक सोशल मीडिया हैंडल '@nitishrajpute' लिखा देखा जा सकता है. हमने इस हैंडल को सर्च किया तो हमें एक ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट मिला.

वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स एक यूट्यूबर है और ये वीडियो साल 2020 में अपलोड किया गया था.

वायरल वीडियो में दिख रहे सोशल मीडिया हैंडल से हमें नीतीश का इंस्टाग्राम अकाउंट मिला.

(फोटो: स्क्रीनशॉट/इंस्टाग्राम/Altered by The Quint)

हमने पाया कि वीडियो में दिख रहा शख्स एक डिजिटल कंटेंट क्रिएटर है, न कि कोई आईपीएस ऑफिसर. ऊपर आप उनके इंस्टाग्राम बायो में ये जानकारी देख भी सकते हैं.

इसके अलावा, हमने उनके ऑफिशियल यूट्यूब चैनल को भी चेक किया. हमें "Why Criminals Win Elections'' टाइटल वाला ओरिजिनल वीडियो मिला. जिसे 26 जुलाई 2020 को अपलोड किया गया था. साफ है कि एक पुराना वीडियो शेयर कर ये गलत दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहा शख्स एक आईपीएस ऑफिसर है.

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कौन है आईपीएस शैलजा कांत मिश्रा?

शैलजा कांत मिश्रा 1977 बैच के रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर हैं जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के वाइस चेयरमैन के पद पर हैं.

वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स एक यूट्यूबर है और ये वीडियो साल 2020 में अपलोड किया गया था.

बाएं शैलजा कांत मिश्रा, दाएं नीतीश राजपूत

(फोटो: Altered by The Quint)

दोनों तस्वीरों के बीच तुलना साफ दिखाती है कि वीडियो में दिख रहे शख्स आईपीएस मिश्रा नहीं हैं.

मतलब साफ है कि नीतीश राजपूत नाम के एक यूट्यूबर का पुराना वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि वो एक आईपीएस ऑफिसर हैं.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

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