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Fact Check: ईरान हिजाब प्रोटेस्ट से नहीं है कटे बालों से बने इस झंडे का संबंध

वायरल फोटो ईडिथ डेकेट नाम की एक विजुअल आर्टिस्ट का आर्टवर्क है, जो ईरान प्रोटेस्ट से 8 साल पहले बनाया गया था.

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ईरान (Iran) में चल रहे हिजाब विवाद के बीच एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें कटे हुए बालों का एक झंडा लहराता दिख रहा है. दावा किया जा रहा है कि ईरान में प्रोटेस्ट कर रही महिला प्रोटेस्टर्स ने अपने बालों को काटकर उनका झंडा बनाया है.

फोटो को कई न्यूज ऑर्गनाइजेशन्स ने भी ईरान में चल रहे विवाद से जोड़कर शेयर किया है.

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ईरान में 'मोरैलिटी पुलिस' के खिलाफ वहां की महिलाएं अपने बाल काट रही हैं और अपने हिजाब जला रही हैं, जिसकी कहानी शुरू हुई महिसा अमीनी की पुलिस हिरासत में हुई मौत से. ऐसे में ये फोटो शेयर की जा रही है.

हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि ये फोटो एक विजुअल आर्टिस्ट ईडिथ डेकेट (Edith Dekyndt) का आर्टवर्क है, जो उन्होंने 2014 में ही क्रिएट कर दिया था. इसका हाल में ईरान में चल रहे विवाद से कोई संबंध नहीं है.

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दावा

इस फोटो को 'काली' फिल्म पोस्टर से विवाद में आई लीना मणिमेकलई ने ईरान प्रोटेस्ट से जोड़करा शेयर किया था. हालांकि, उन्होंने बाद में अपने इस पोस्ट के रेप्लाई में ये भी स्पष्ट किया कि ये ईडिथ डेकेट का आर्टवर्क है.

वायरल फोटो ईडिथ डेकेट नाम की एक विजुअल आर्टिस्ट का आर्टवर्क है, जो ईरान प्रोटेस्ट से 8 साल पहले बनाया गया था.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

इसके अलावा, कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस फोटो को शेयर कर लिखा, ''ईरानी महिला प्रदर्शनकारियों ने अपने कटे बालों से झंडा बनाया!''

वायरल फोटो ईडिथ डेकेट नाम की एक विजुअल आर्टिस्ट का आर्टवर्क है, जो ईरान प्रोटेस्ट से 8 साल पहले बनाया गया था.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

फोटो को फेसबुक और ट्विटर दोनों प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे ही दावों के साथ शेयर किया गया है. इनके आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

सोशल मीडिया यूजर्स के साथ-साथ कई Huffingtonpost, Firstpost, Hindutan Times और Mint समेत कई मीडिया ऑर्गनाइजेशन ने भी ईरान हिजाब विवाद की खबर से जोड़कर पब्लिश किया है.
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पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने फोटो को गूगल पर साधारण रिवर्स इमेज सर्च किया और साथ में लीना के ट्वीट में बताए गए नाम को भी कीवर्ड की तरह इस्तेमाल किया. हमें वही जानकारी मिली जो लीना मणिमेकलई ने अपने रेप्लाई में बताया था.

उन्होंने बताया था कि उनके एक ईरानी क्लासमेट ने उन्हें जानकारी दी है कि ये ईडिथ डेकेट का आर्टवर्क है. उन्होंने लिखा कि इस आर्टवर्क का सोर्स ''Edith Dekyndt, Ombre Indigene Part 2, Ile de la Martinique'' है

हमें e-flux नाम की वेबसाइट पर 27 जनवरी 2016 को अपलोड की गई यही तस्वीर मिली. e-flux आर्टिस्ट के लिए एक पब्लिशिंग प्लेटफॉर्म है, जिसमें आर्काइव भी उपलब्ध रहते हैं.

वायरल फोटो ईडिथ डेकेट नाम की एक विजुअल आर्टिस्ट का आर्टवर्क है, जो ईरान प्रोटेस्ट से 8 साल पहले बनाया गया था.

इस आर्टवर्क को 27 जनवरी 2016 को अपलोड किया गया था

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/e-flux)

पोस्ट की गई फोटो के ऊपर 'Edith Dekyndt: Indigenous Shadow' लिखा हुआ है और कैप्शन में 'Edith Dekyndt, Ombre Indigène Part. 2 (Ile de la Martinique), 2014' लिखा हुआ है. साथ ही, ब्रसेल्स के Weils म्यूजियम के बारे में जानकारी दी गई थी.

साथ में, ये जानकारी भी दी गई थी कि बेल्जियन आर्टिस्ट ईडिथ के काम के बारे में भी जानकारी दी गई थी.

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यहां से क्लू लेकर हमने Ombre Indigène को कीवर्ड की तरह इस्तेमाल कर सर्च किया. सर्च करने पर हमें Studio Edith Dekyndt वेबसाइट पर Ombre Indigène 2016 नाम का एक सेक्शन मिला, जहां एक वीडियो था. इस वीडियो में Weils Brussels में इंस्टॉलेशन व्यू का वीडियो मिला, जिसके 10वें सेकेंड पर वायरल फोटो से मिलता विजुअल साफ दिख रहा है.

हमें वायरल फोटो से जुड़ी 2016 की एक पीडीएफ फाइल भी मिली. जिसके 17वें पेज पर यही फोटो दिख रही है.

वायरल फोटो ईडिथ डेकेट नाम की एक विजुअल आर्टिस्ट का आर्टवर्क है, जो ईरान प्रोटेस्ट से 8 साल पहले बनाया गया था.

कटे बालों से बने झंडे की फोटो

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Studio Edith Dekyndt)

इस फोटो के कैप्शन के मुताबिक, ये वीडियो प्रोजेक्शन 2014 का है. साथ ही ये भी बताया गया था कि

बालों से बना एक झंडा मार्टीनिक में Diamant नाम के तट पर चट्टानों के ऊपर फिल्माया गया था. ये वही जगह थी जहां 8 अप्रैल 1830 की रात को एक 100 से ज्यादा अफ्रीकी गुलामों से भरी बोट डूब गई थी.
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आप वायरल फोटो और म्यूजियम वेबसाइट पर उपलब्ध फोटो में समानता नीचे देख सकते हैं.

वायरल फोटो ईडिथ डेकेट नाम की एक विजुअल आर्टिस्ट का आर्टवर्क है, जो ईरान प्रोटेस्ट से 8 साल पहले बनाया गया था.

दोनों फोटो में समानता

(फोटो: Altered by The Quint)

मतलब साफ है कि एक विजुअल आर्टिस्ट के 2014 के आर्टवर्क को ईरान में चल रहे एंटी हिजाब विवाद से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

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