दावा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि ये झारखंड में भीड़ का शिकार हुए 24 साल के तबरेज अंसारी का जनाजा है. तबरेज अंसारी को झारखंड के खरसावां जिले में चोरी के शक में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था. तबरेज से 'जयश्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे भी लगवाए थे.
सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे वीडियो के साथ लिखा है: 'झारखंड में भगवा आतंकवाद का शिकार हुए तबरेज अंसारी के जनाजा को लेकर जाते हुए लोग. अल्लाह तबरेज अंसारी की मगफिरत फरमाये. कब तक जनाजे ढोते रहोगे अगर यही भीड़ कातिल को ढूंढ कर सजा दे तो कभी मॉब लिंचिंग नहीं होगी, न कोई निर्दोष मारा जायेगा.'
कई लोगों ने ऐसे ही दावों के साथ इस वीडियो को शेयर किया है.
सच या झूठ?
सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा झूठा है. ये वीडियो झारखंड के तबरेज अंसारी के जनाजे का नहीं, बल्कि बिहार के शार्प शूटर तबरेज आलम का है.
हमें जांच में क्या मिला?
हमने वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID से फ्रेम टू फ्रेम एनालिस किया और इसे Yandex पर हर फ्रेम को रिवर्स सर्च किया. इससे हमें एक यूट्यूब लिंक मिला, जिसका टाइटल था- 'तबरेज के जनाजे में जुटी हजारों की भीड़ देखें.'
इस वीडियो को ETV भारत ने 22 सितंबर 2018 को अपलोड किया था और इसपर EenaduIndia का वॉटरमार्क देखा जा सकता है. ये वही वीडियो है जो 'तबरेज अंसारी के जनाजे' के तौर पर वायरल किया जा रहा है.
बिहार ब्यूरो से ईटीवी के एक रिपोर्टर ने क्विंट को बताया कि वीडियो में बिहार के तबरेज आलम का जनाजा है.
‘ये वीडियो जहानाबाद से है. इस वीडियो में, लोग शार्प शूटर तबरेज आलम के शव को ले जा रहे हैं, जिसे पिछले साल पटना के कोतवाली पुलिस स्टेशन में गोली मार दी गई थी.’रिपोर्टर, बिहार ब्यूरो, ईटीवी
इसके अलावा, झारखंड सरायकेला पुलिस स्टेशन के एक अफसर ने क्विंट को बताया कि तबरेज अंसारी का फ्यूनरल 22 जून को रखा गया था.
तबरेज आलम को क्यों मारा गया था?
तबरेज अंसारी, मोहम्मद शहाबुद्दीन का शार्प शूटर था. द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, तबरेज अपनी गाड़ी की तकफ बढ़ रहा था जब दो बाइकसवार ने उसपर चार गोलियां चलाईं. रिपोर्ट के मुताबिक जमीन से जुड़े विवाद पर उसकी हत्या की गई थी.
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