ADVERTISEMENTREMOVE AD

राम पर टिप्पणी करने से नहीं हुई NCP नेता की पिटाई, दावा गलत है

Fake News: वायरल वीडियो दो पुराने वीडियो को मिलाकर बनाया गया और गलत सन्दर्भ के साथ शेयर किया गया है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सोशल मीडिया पर दो वीडियो क्लिपों को मिलाकर बनाया गया एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक वीडियो में दो ग्रुप एक स्टेज पर आपस में हाथापाई करते दिख रहे हैं और दूसरे वीडियो में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता जितेंद्र अव्हाड (Jitendra Awhad) को भारी बारिश के बीच सीढ़ियों से नीचे उतरते हुए दिखाया गया है.

दावा क्या है?: वीडियो शेयर करने वालों ने दावा किया है कि एनसीपी नेता पर हिंदू भगवान भगवान राम के खिलाफ उनकी "अपमानजनक टिप्पणियों" के लिए भीड़ ने हमला किया था.

Fake News: वायरल वीडियो दो पुराने वीडियो को मिलाकर बनाया गया और गलत सन्दर्भ के साथ शेयर किया गया है.

पोस्ट का अर्काइव यहां देखा जा सकता है.

(सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)

(इसी तरह के दावों के अन्य अर्काइव यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.)

ADVERTISEMENTREMOVE AD

आव्हाड ने क्या कहा?: 3 जनवरी को, शिरडी में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, आव्हाड ने टिप्पणी की थी कि राम "मांसाहारी" थे.

  • उन्होंने यह भी कहा कि राम भगवान बहुजन समाज के हैं. आव्हाड ने कहा कि, "राम शिकार करते थे और खाते थे. आप चाहते हैं कि हम शाकाहारी बनें, लेकिन हम उन्हें अपना आदर्श मानते हैं और मटन खाते हैं."

  • इसकी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और दक्षिणपंथी धार्मिक समूहों ने बड़े स्तर पर आलोचना की थी. उन्होंने आव्हाड की गिरफ्तारी की मांग की है.

  • ये टिप्पणियां महा विकास अघाड़ी के अंदरखाने भी अच्छी नहीं रही हैं.

क्या ये दावा सही है?: नहीं, यह दावा गलत है.

  • पहला वीडियो जुलाई 2015 का है, जब सांगली में शिव प्रतिष्ठान समूह ने आव्हाड के भाषण को बाधित किया गया था.

  • एनसीपी नेता ने इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे को राज्य का भूषण पुरस्कार देने के बीजेपी के नेतृत्व वाली तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार के फैसले का विरोध किया था, जिसके कारण प्रतिष्ठान समूह और आव्हाड के कार्यकर्ताओं के बीच लड़ाई हुई क्योंकि प्रतिष्ठान समूह ने मंच पर उन पर हमला करने की कोशिश की.

  • बारिश में आव्हाड का दूसरा वीडियो नवंबर 2023 का है. यह भी भगवान राम पर उनकी ताजा टिप्पणी से पहले का है.

0

हमें सच्चाई का पता कैसे चला?:

क्लिप 1: हमने वायरल वीडियो को कई कीफ्रेमों में बांट दिया और उनमें से कुछ पर Google रिवर्स इमेज सर्च चलाया.

  • हमें 20 जुलाई 2015 को मराठी भाषा के समाचार चैनल, जी 24 की एक वीडियो रिपोर्ट मिली.

  • स्क्रीन पर हेडलाइन में लिखा था, 'जितेंद्र आव्हाड पर हमले की कोशिश.' (मराठी से हिंदी में अनुवादित)

  • हमने वायरल वीडियो के कुछ फ्रेमों की तुलना जी 24 वीडियो से की और दोनों में समानताएं पाईं.

Fake News: वायरल वीडियो दो पुराने वीडियो को मिलाकर बनाया गया और गलत सन्दर्भ के साथ शेयर किया गया है.

यहां दोनों फ्रेमों के बीच समानताएं हैं.

(Altered by The Quint)

  • इसी तरह, हमें इंडिया टुडे की 21 जुलाई 2015 की एक रिपोर्ट भी मिली जिसमें इस घटना के बारे में बताया गया था.

  • आव्हाड सांगली में मराठा समूहों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे जहां उन्होंने बाबासाहेब पुरंदरे को राज्य का भूषण पुरस्कार देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले का विरोध किया.

  • सरकार के फैसले के पक्ष में शिव प्रतिष्ठान नामक समूह एनसीपी नेता की टिप्पणियों से नाखुश था. वे उन पर हमला करने के लिए मंच पर पहुंचे, लेकिन समय रहते नेता को हटा लिया गया.

  • आव्हाड के कार्यकर्ताओं और दूसरे गुट के बीच हाथापाई हो गई.

  • इसके अलावा, हमें इस घटना के बारे में आजतक और टाइम्स ऑफ इंडिया पर रिपोर्ट मिली.

क्लिप 2: हमने दूसरी क्लिप पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसमें जितेंद्र अवहाद बारिश में चलते दिख रहे हैं और हमें 27 नवंबर 2023 को उनके आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया वही वीडियो मिला.

  • आव्हाड ने 3 जनवरी को भगवान राम पर विवादित बयान दिया था, इसलिए यह क्लिप घटना से पहले की है.

इसके आलावा हमें ऐसी कोई हालिया रिपोर्ट या वीडियो नहीं मिला जो यह बताता हो कि एनसीपी नेता पर भगवान राम के खिलाफ उनके विवादास्पद बयानों के लिए भीड़ द्वारा सार्वजनिक रूप से हमला किया गया था.

निष्कर्ष: वायरल वीडियो के दोनों क्लिप पुराने हैं और दोनों का आपस में कोई संबंध नहीं हैं, इन्हें भगवान राम पर आव्हाड की टिप्पणियों से जोड़कर गलत तरीके से हाल का बताकर शेयर किया गया है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर  9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×