सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि कुंभ में हो रहे सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन पर सवाल उठाने पर पत्रकार प्रज्ञा मिश्रा की हत्या कर दी गई है. दावे के साथ गंभीर रूप से घायल दिख रही एक महिला की फोटो और एक सीसीटीवी फुटेड भी शेयर किया जा रहा है.
पत्रकार प्रज्ञा मिश्रा की हत्या का दावा झूठा है. उन्होंने खुद ट्वीट कर पुष्टि की है कि वे पूरी तरह स्वस्थ्य और सुरक्षित हैं. वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि दावे के साथ शेयर की जा रही फोटो और वीडियो असल में दिल्ली के रोहिणी में 10 अप्रैल को हुए एक हत्याकांड की हैं.
दावा
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा मैसेज है - Pragya mishra murdered in broad daylight Because she was talking in news about kumbh mela in the era of cornavirus. She was talking abt Grave risk of Kumbh. That might have annoyed. One more activist gone against talking BJP govt.
हिंदी अनुवाद - प्रज्ञा मिश्रा की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई, क्योंकि वे कोरोना वायरस के बीच हो रहे कुंभ पर बात कर रही थीं. वो कुंभ के जोखिम के बारे में बात कर रही थीं. बीजेपी सरकार के खिलाफ बोलने वाले एक और एक्टिविस्ट की हत्या.
कुछ यूजर इसी मैसेज के साथ एक सीसीटीवी फुटेज का वीडियो शेयर कर रहे हैं. जिसमें एक शख्स राह चलती महिला पर हमला करता दिख रहा है, (वीडियो की प्रकृति हिंसक है, जिस कारण इसका लिंक नहीं दिया गया है)
दावे के साथ एक फोटो भी वायरल हो रही है. जिसमें एक महिला जख्मी हालत में दिख रही है.
पड़ताल में हमने क्या पाया
प्रज्ञा मिश्रा ने अपने वेरिफाइड हैंडल से उनकी हत्या को लेकर किए जा रहे दावों को फेक बताते हुए स्पष्ट किया है कि वे पूरी तरह सुरक्षित हैं. कोरोना प्रोटोकॉल्स की वजह से अपने घर में हैं.
वायरल फोटो और वीडियो किस घटना के हैं ?
वायरल हो रहे सीसीटीवी फुटेज को पहले सोशल मीडिया पर गलत सांप्रदायिक एंगल के साथ भी शेयर किया जा चुका है. क्विंंट की वेबकूफ टीम ने वीडियो की पड़ताल की थी.
पड़ताल में सामने आया था कि दिल्ली के रोहिणी में 10 अप्रैल को हरीष मेहता नाम के शख्स ने सरेआम अपनी पत्नि की चाकू मारकर हत्या कर दी थी. रोहिणी के डीसीपी ऑफिस ने वेबकूफ टीम को दिए जवाब में पुष्टि की थी कि इस हत्या में लव जिहाद का कोई एंगल नहीं है.
पीड़िता और आरोपी एक ही समुदाय से थे. पति-पत्नि का घर पर झगड़ा हुआ. इसके बाद पति ने पत्नि को घर से बाहर निकाला और उसपर चाकू से कई हमले किए.डीसीपी प्रमोद मिश्रा के ऑफिस का जवाब
द क्विंट की वेबसाइट पर नीलू मेहता की सरेआम हुई हत्या के बाद की एक ग्राउंड रिपोर्ट भी है. 14 अप्रैल को पब्लिश हुई इस रिपोर्ट में नीलू मेहता की हत्या के बाद की एक फोटो भी है. ये फोटो वायरल हो रही फोटो से पूरी तरह मेल खाती है.
मतलब साफ है कि दिल्ली में 10 अप्रैल को हुई हत्या का वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर पत्रकार प्रज्ञा मिश्रा की हत्या के गलत दावे से शेयर किए जा रहे हैं.
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