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यूपी में हिंदू-मुस्लिम विवाद का बताया जा रहा ये वीडियो, छत्तीसगढ़ का है

ये वीडियो उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का बताकर शेयर किया जा रहा है, जबकि वहां ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं.

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में भीड़ 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए गाड़ियों को नुकसान पहुंचाती दिख रही है. वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रतापगढ़ में एक हिंदू संगठन ने मस्जिद के ऊपर से झंडा हटा दिया है.

दावे में आगे कहा गया है कि मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने जबरन दुर्गा पूजा (Durga Puja) पंडाल में घुसकर धार्मिक समारोह में बाधा डाली थी, इसलिए उसका बदला लेने के लिए ऐसा किया गया है.

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हालांकि, हमने पड़ताल में पाया कि ये वीडियो छत्तीसगढ़ के कवर्धा का है, जहां 3 अक्टूबर को कुछ लोगों ने भगवा झंड़ा उतार दिया था. इसके बाद, सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया. स्थानीय लोगों ने रैलियां निकाली, और मुस्लिमों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जिससे हिंसा भड़क गई. इसके बाद, पूरे जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया.

दावा

कार और बाइक को नुकसान पहुंचाती भीड़ का वीडियो इस दावे से शेयर किया जा रहा है, "प्रतापगढ़ जिले के लालगंज कस्बे में दुर्गा पूजा के पंडाल में घुस कर मुस्लिम समुदाय के लोगो ने पूजा बंद करवा दी और मां दुर्गा का पताका निकालकर फेंक दिया, उसके बाद हिंदू संगठन सक्रिय हो गए, एक एक मुस्लिम को उनके घरों से निकाल कर बुरी तरह पीटा, मस्जिदों के झंडे उखाड़ कर फेंक दिए गए|"

फेसबुक पर किए गए ऐसे दावों के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं. इसके अलावा, ट्विटर पर किए गए दावों के आर्काइव आपको यहां और यहां देखने को मिलेंगें.

पड़ताल में हमने क्या पाया

वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें तोड़-फोड़ की गई गाड़ी की नंबर प्लेट दिखी. नंबर प्लेट छ्त्तीसगढ़ की थी.

यहां से संकेत लेकर, हमने जरूरी कीवर्ड सर्च करके देखे. हमें 8 अक्टूबर को फेसबुक पर अपलोड किया गया यही वीडियो मिला, जिसके मुताबिक वीडियो कवर्धा हिंसा से जुड़ा है.

3 अक्टूबर को एक स्थानीय शख्श का कुछ लोगों के साथ धार्मिक निंदा को लेकर विवाद हुआ था.

घटना के दो दिन बाद, इलाके में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया. विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल जैसे संगठनों के सदस्यों ने पुलिस के खिलाफ ''शांतिपूर्ण'' प्रोटेस्ट किया और उन पर विफलता का आरोप लगाया.

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हमें यूपी पुलिस के फैक्ट-चेकिंग ट्विटर अकाउंट का एक ट्वीट भी मिला, जिसमें कहा गया था कि वीडियो प्रतापगढ़ का नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हुए एक घटना का है. ये घटना 5 अक्टूबर 2021 को हुई थी.

प्रतापगढ़ पुलिस के ट्विटर अकाउंट से भी इस वीडियो के बार में ट्वीट कर बताया गया कि लालगंज थानाक्षेत्र में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. ट्वीट में ये भी लिखा गया कि पुलिस इस झूठे दावे को फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

हमें Dainik Bhaskar में कवर्धा हिंसा से जुड़ी एक रिपोर्ट भी मिली, जिसमें वायरल वीडियो के विजुअल जैसे ही विजुअल थे. रिपोर्ट में एक टूटी हुई मोटरसाइकिल, एक लाल कार और बगल में पड़ी सफेद वैन देखी जा सकती हैं, जो वायरल वीडियो में भी दिख रही हैं.

(नोट: वायरल वीडियो से इन गाड़ियों के स्क्रीनशॉट देखने के लिए दाएं स्वाइप करें.)

  • वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट

    (फोटो:स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

इसके अलावा, हमने एक स्थानीय रिपोर्टर से भी संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि ये वीडियो कवर्धा का ही है.

मतलब साफ है, छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हुई सांप्रदायिक हिंसा का वीडियो यूपी के प्रतापगढ़ में हुई सांप्रदायिक हिंसा का बता गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.

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