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नरेश टिकैत के फर्जी ट्विटर हैंडल को असली समझ बैठे CM केजरीवाल

किसान नेता नरेश टिकैत और राकेश टिकैत के कई फर्जी अकाउंट ट्विटर पर एक्टिव हैं

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दिल्ली की गाजीपुर, टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर किसान ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद से ही तनावपूर्ण स्थिति है. 30 जनवरी को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने न्यूज एजेंसी ANI से हुई बातचीत में कहा कि प्रशासन ने बिजली पानी समेत कई मूलभूत सुविधाएं भी धरना स्थल से वापस ले ली हैं.

राकेश टिकैत के बयान के बाद ट्विटर अकाउंट (@NareshTikaitBKU) से दिल्ली सरकार को धन्यवाद देते हुए एक ट्वीट किया गया. इस ट्विटर अकाउंट को राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत का असली अकाउंट बताया जा रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे नरेश टिकैत का असली अकाउंट मान ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि वे और उनकी पार्टी किसानों के साथ खड़े हैं.

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वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि नरेश टिकैत के नाम से बना ट्विटर हैंडल फेक है. असल में नरेश टिकैत का कोई ट्विटर हैंडल है ही नहीं.

हमें कैसे पता चला कि अकाउंट फेक है ?

केजरीवाल ने जिस अकाउंस से हुए ट्वीट का जवाब दिया, उसे अप्रैल 2020 में क्रिएट किया गया है. इस अकाउंट के 19,100 फॉलोअर्स हैं.

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अकाउंट से किए गए पिछले ट्वीट्स पर आए यूजर्स के जवाबों से पता चलता है कि पहले इस अकाउंट का यूजरनेम (@poonampanditji) अलग था. कई यूजर्स ने ट्वीट में भी पूनम नाम का जिक्र किया है. जाहिर है पहले ये अकाउंट पूनम नाम से था.

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गूगल पर @poonampanditji सर्च करने पर पूनम पांडे कमेंट्री नाम का अकाउंट सर्च रिजल्ट में आया.

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यूजरनेम सर्च करने पर सामने आई प्रोफाइल पिक्चर को हमने गूगल पर रिवर्स सर्च किया. हमारे सामने एक अन्य ट्विटर अकाउंट (@KisaanPunam) आया. अकाउंट की बायो में दावा किया गया है कि ये भारतीय किसान यूनियन की प्रवक्ता का अकाउंट है. पूनम पंडित शूटर नाम के फेसबुक पेज पर भी यही प्रोफाइल पिक्चर इस्तेमाल की गई है.

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@NareshTikaitBKU से किए गए पुराने ट्वीट हमने चेक किए. पता चला कि इस अकाउंट से पहले पूनम पंडित की फोटोज अपलोड की जाती रही हैं. इसके अलावा इंगेजमेंट बढ़ाने के लिए लगातार रीट्वीट की मांग करते ट्वीट भी होते हैं.

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नरेश टिकैत के और भी फेक अकाउंट हैं

एक अन्य अकाउंट @NareshTikait के ट्विटर पर 56.500 से भी ज्यादा फॉलोअर्स हैं. अकाउंट सितंबर, 2017 में बना था, लेकिन इस पर सिर्फ 28 जनवरी के बाद किए गए ट्वीट ही दिखाई दे रहे हैं. जिसका मतलब है कि यूजर ने पिछले सारे ट्वीट हैंडल से हटा दिए हैं.

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द क्विंट ने भी इस अकाउंट को सच मानकर एक रिपोर्ट में इससे किए गए ट्वीट का उल्लेख किया था. बाद में वह हिस्सा रिपोर्ट से हटा लिया गया. अकाउंट से किसान आंदोलन से जुड़े सभी अपडेट पोस्ट किए जाते हैं.

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हमने अकाउंट की ट्विटर आईडी ((908323210470449153) ) को गूगल सर्च किया. पता चला कि पहले इसी आइडी से जेएनयू के पूर्व छात्र और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार के नाम से अकाउंट बनाया गया था.

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भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने वेबकूफ से बातचीत में बताया कि नरेश टिकैत का ट्विटर पर कोई अकाउंट नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि - हम जल्द ही राकेश टिकैत और नरेश टिकैत के नाम पर बनाए गए फेक अकाउंट्स को बंद करने के लिए एप्लीकेशन फाइल करेंगे.

ट्विटर सर्च करने पर पता चला कि नरेश टिकैत के नाम पर कई अकाउंट हैं. इनमें से अधिकतर में एक ही प्रोफाइल पिक्चर इस्तेमाल की गई है.

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राकेश टिकैत के भावुक भाषण के बाद सोशल मीडिया पर किसान नेताओं के नाम के कई फेक अकाउंट क्रिएट हो गए हैं. इन अकाउंट्स के फॉलोअर्स की संख्या भले ही ज्यादा न हो. लेकिन इनका इस्तेमाल भ्रामक सूचनाएं फैलाने में किया जा सकता है.

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