कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में गीता उपदेश स्थली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है, जिसमें एक शख्स मंदिर प्रांगण में बने एक स्ट्रक्चर को दिखाते हुए दावा कर रहा है कि ये मजार है. सुदर्शन न्यूज के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से भी इस वीडियो को ट्वीट करते हुए मामले को 'लैंड जिहाद' का नाम दिया गया.
हालांकि, ये दावा सच नहीं है. पुलिस, प्रशासन से लेकर ज्योतिसर के स्थानीय रहवासियों तक का यही कहना है कि मंदिर में कोई इस्लामिक मजार नहीं थी. असल में वीडियो में जो स्ट्रक्चर दिखाया गया वो एक हिंदू ब्राह्मण परिवार के पूर्वजों का स्मारक है. स्थानीय लोगों का कहना है कि किसी शरारती तत्व ने इस स्मारक पर चादर डाल दी, जिसके बाद वीडियो वायरल हो गया.
वायरल वीडियो में जो स्मारक दिख रहा है वो स्थानीय निवासी विनोद शर्मा के पूर्वजों का है. विनोद ने भी क्विंट से बातचीत में पुष्टि की है कि ये कोई दरगाह नहीं है, जैसा कि वीडियो में दिखाया गया. विनोद ने आगे बताया कि किसी शरारती तत्व ने ये चादर डाली और उसका वीडियो गलत दावे के साथ वायरल हो गया. विनोद शर्मा ने विवाद बढ़ने के बाद अब इस स्मारक को अपने ही खेत में शिफ्ट कर लिया है.
ज्योतिसर पुलिस पोस्ट के इंचार्ज राम सनेही ने भी क्विंट से बातचीत में सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों को फेक बताया. ज्योतिसर में स्थित गीता उपदेश स्थली की जमीन सरकारी है और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अंतर्गत आती है.
जिस मंदिर से ये वीडियो बनाया गया, वो कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अंतर्गत आता है. इस मामले की पूरी जानकारी रखने वाले कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के पूर्व सीईओ ने भी क्विंट से बातचीत में पुष्टि की कि मंदिर प्रांगण में कोई मजार नहीं थी, ये हिंदू परिवार के ही पूर्वजों का स्मारक था.
दावा
8 मई को सुदर्शन न्यूज के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से वीडियो ट्वीट कर लिखा गया - कुरुक्षेत्र में लैंड जिहाद ? जहां भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दिया गीता का उपदेश, वहां बना दी मजार.. !! पावन हिंदू तीर्थ पर कब्जे की साजिस ?
पड़ताल में हमने क्या पाया?
वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स कहता दिख रहा है कि ''कृष्ण ने यहीं से गीता का उपदेश दिया था''. हमने गूगल पर अलग-अलग कीवर्ड्स के जरिए ये पता लगाना शुरू किया कि कुरुक्षेत्र में किस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि वहां से गीता का उपदेश दिया गया था.
हमें पता चला कि कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में 'गीता उपदेश स्थली को लेकर ऐसी मान्यता है. हमने ज्योतिसर में मजार मिलने से जुड़े कीवर्ड सर्च किए, जिससे पता चल सके कि मजार से जुड़ा कोई हालिया विवाद हुआ था या नहीं.
हमें दैनिक जागरण की 10 मई की रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि हिंदू ब्राह्मणपरिवार के पूर्वजों के स्मारक पर किसी ने चादर चढ़ा दी थी, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद विवाद बढ़ गया था.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले में ग्रीन अर्थ NGO के सदस्य नरेश भारद्वाज ने कार्रवाई की मांग की थी. हमने नरेश भारद्वाज से भी इस मामले को समझने के लिए संपर्क किया. उन्होंने क्विंट से बातचीत में पुष्टि की कि मंदिर प्रांगण में कोई मजार नहीं थी. ये हिंदू परिवार के पूर्जों का स्मारक था, जिसपर किसी शरारती तत्व ने चादर चढ़ाई और फिर उसका वीडियो गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
हमारी संस्था मूल रूप से तो पर्यावरण के मुद्दों पर काम करती है. पिछले कुछ दिनों से हम गीता उपदेश स्थली पर पेड़-पौधे लगाने का काम कर रहे थे. तभी पता चला कि एक अफवाह फैल गई कि इस मंदिर में मजार बनी है, जबकि हमें तो ऐसा कुछ नहीं दिखा था. फिर पता चला कि वीडियो में जो दिखाया जा रहा है वो ब्राह्मण परिवार का पूजा स्थल था. इस व्यक्ति ने प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए वीडियो बनाया. वीडियो सामने आने के बाद कुछ संगठन आए और कहने लगे कि ये मजार है. मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने भी कहा कि ये मजार नहीं है. फिर हमने जब ब्राह्मण परिवार से बात की, तो उन्होंने बताया कि ये कोई मजार नहीं है. अब वो लोग अपने पूर्वजों का स्मारक वहां से ले गए.नरेश भारद्वाज, एग्जीक्यूटिव मेंबर, ग्रीन अर्थ NGO, कुरुक्षेत्र
अब हमने उन विनोद शुक्ला से संपर्क किया, जिनके पूर्वजों का ये स्मारक है. विनोद शुक्ला ने भी क्विंट से बातचीत में कहा कि उनके पूर्वजों के स्मारक को वीडियो में गलत दावे के साथ दिखाया गया है, ये कोई मजार नहीं है.
वायरल वीडियो में जो दिखाया गया है वो हमारे पूर्वजों का स्मारक है. मैं सटीक तो नहीं बता सकता कि कब बना पर 25 साल से ज्यादा पुराना है. हर दिवाली पर हम स्मारक की पूजा करने जाते थे. अब पता नहीं किसने उसपर चादर चढ़ा दी और वीडियो वायरल कर दिया. लेकिन, वीडियो में जो बातें कही जा रही हैं वो बिल्कुल गलत हैं. मंदिर में कहीं भी कोई मजार नहीं है. विवाद बढ़ने के बाद हमने उस स्मारक को अपने खेत में शिफ्ट कर लिया है.विनोद शर्मा
हमने ज्योतिसर पुलिस पोस्ट पर तैनात सब इंसपेक्टर राम सनेही से संपर्क किया. उन्होंने भी क्विंट से बातचीत में पुष्टि की कि गीता उपदेश स्थली में कोई मजार नहीं थी. वह एक हिंदू परिवार के पूर्वजों का स्मारक था जिसे विवाद बढ़ने के बाद शिफ्ट कर दिया गया.
गीता उपदेश स्थली की जमीन चित्रकूट विकास बोर्ड के अंतर्गत आती है. यानी ये सरकारी जमीन है. विवाद के वक्त चित्रकूट विकास बोर्ड के CEO रहे अधिकारी ने क्विंट से बातचीत में पुष्टि की कि मंदिर में मजार होने का दावा सच नहीं है. वीडियो में जिस स्ट्रक्चर को दिखाया गया है वो हिंदू परिवार का स्मारक था.
हमने गीता उपदेश स्थली के इस मंदिर के आसपास रहने वाले कुछ स्थानीय निवासियों से भी संपर्क किया.
मंदिर से कुछ ही दूरी पर दुकान चलाने वाले पुष्पेंद्र शर्मा ने क्विंट से बातचीत में पुष्टि की कि मंदिर में मजार होने का दावा गलत है. पुष्पिंदर ने हमें वो पूरा वाक्या भी सुनाया जब अफवाह के चलते इलाके में विवाद की स्थिति बन गई थी.
वहां कोई मजार नहीं थी. हिंदू ब्राह्मण परिवार के पूर्वजों का स्मारक था. पता नहीं किसने वहां चादर लगा दी और वीडियो वायरल हो गया. वीडियो वायरल होने के बाद किसी संगठन के लोग आए और स्मारक को तोड़ने को कहने लगे. तभी मैं वहां पहुंचा, हम सबने उन्हें बताया कि ये कोई मजार नहीं है हिंदू परिवार का स्मारक है. फिर जिस विनोद शर्मा के परिवार का स्मारक था उन्हें बुलाया गया और विनोद ने तय किया कि विवाद नहीं बढ़ने देंगे और स्मारक को शिफ्ट कर लिया. लेकिन, ये साफ है कि वो मजार नहीं थी.पुष्पेंद्र शर्मा, स्थानीय व्यापारी
पुष्पेंद्र शर्मा ने हमें स्मारक हटने के बाद के विजुअल भी भेजे. साफ देखा जा सकता है कि अब स्मारक उस जगह से हटा लिया गया है.
पुष्पेंद्र शर्मा ने हमें उसी जगह का वीडियो भी बनाकर भेजा, जहां स्मारक बना हुआ था. देखा जा सकता है कि अब भोरखा हटा लिया गया है.
पुराने विजुअल दे रहे गवाही पहले से बना है स्मारक
हमने कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में स्थित इस गीता उपदेश स्थली के कुछ पुराने वीडियोज खंगालने शुरू किए. जिनसे पता चले सके कि वीडियो वायरल होने से पहले से ही ये स्मारक वहां मौजूद है या नहीं.
हमें 25 दिसंबर, 2021 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया एक ब्लॉग मिला जिसमें इसी मंदिर का वीडियो था.
18 फरवरी, 2022 को अपलोड किया गया एक और वीडियो हमें मिला, जिसमें स्ट्रक्चर के साथ बैकग्राउंड में ग्रीन शेड भी दिख रहा है.
तीसरा वीडियो भी हमें यूट्यूब पर मिला, जो 8 नवंबर 2021 को अपलोड किया गया था. हालांकि, इस वीडियो में हमने देखा कि स्ट्रक्चर के ऊपर नीली चादर है. पड़ताल में आगे हमने ये जानने की कोशिश की कि इस नीली चादर का क्या मतलब हो सकता है?
ज्योतिसर मंदिर के पास ही रहने वाले पुष्पेंद्र शर्मा ने हमें बताया कि इस इलाके में हिंदू समुदाय के बीच भोरखे के ऊपर भी चादर चढ़ाने का रिवाज है. कई तरह की मन्नतें मांगकर भोरखे पर चादर चढ़ाई जाती है.
मंदिर में दर्शन के लिए अक्सर जाने वाले स्थानीय रहवासी विष्णू जिंदल ने भी क्विंट से बातचीत में ये पुष्टि की कि मंदिर में मजार होने का दावा गलता है. वीडियो में दिखाया जा रहा स्ट्रक्चर पूर्वजों का स्मारक था.
साफ है - हिंदू परिवार के स्मारक का वीडियो सोशल मीडिया पर इस गलत दावे से शेयर किया कि मंदिर में मजार बनना शुरू हो गई है.
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