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मोहन भागवत का अधूरा वीडियो वायरल, RSS पर आरक्षण के खिलाफ होने का आरोप

पूरा भाषण देखने पर पता चलता है कि इसमें मोहन भागवत ने आरक्षण को जारी रखने के समर्थन में बात कही थी

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लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है.

वीडियो में क्या है ? : 8 सेकंड की क्लिप में भागवत कहते हैं, 'संघ के लोग बाहर से अच्छी बातें करेंगे, लेकिन जब वे अंदर जाएंगे तो कहेंगे कि हम आरक्षण के खिलाफ हैं, हम इस बारे में खुलकर नहीं बोल सकते.'

(यही दावा करते अन्य पोस्ट्स के अर्काइव यहां और यहां देखे जा सकते हैं.) हमें अपने व्हाट्सएप टिपलाइन नंबर पर इस बारे में एक सवाल मिला.

क्या मोहन भागवत ने ऐसा कहा था?: नहीं, मोहन भागवत का अधूरा वीडियो गलत दावे से वायरल है.

  • इस वीडियो के लंबे वर्जन में, भागवत को एक कथित वीडियो क्लिप की आलोचना करते हुए सुना जा सकता है, जिसमें दावा किया गया था कि RSS आरक्षण के खिलाफ है.

  • ये वीडियो हैदराबाद का है, इस कार्यक्रम का आयोजन शहर के एक स्कूल विद्या भारती विज्ञान केंद्र (VBVK) ने किया था.

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हमें सच कैसे पता चला ? : सबसे पहले हमने वायरल वीडियो पर न्यूज एजेंसी ANI का लोगो देखा.

  • आगे हमने "मोहन भागवत ANI आरक्षण" जैसे कीवर्ड्स सर्च किए तो हमें ANI का एक X (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट मिला.

  • ये हैदराबाद में दिए गए मोहन भागवत के भाषण का लंबा वर्जन था. भागवत विद्या भारती विज्ञान केंद्र (VBCK) की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. यहां उन्होंने कहा,

मैं यहां आया और पाया कि एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा है कि आरएसएस आरक्षण के खिलाफ है और हम इस बारे में बाहर नहीं बोल सकते. अब यह पूरी तरह से झूठ है. संघ शुरू से ही संविधान के अनुसार सभी आरक्षणों का समर्थन करता रहा है. हमारा मानना है कि आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए जब तक कि यह उन लोगों के लिए आवश्यक है जिन्हें इसकी आवश्यकता है, क्योंकि हमारे समाज में भेदभाव के कारण उनका प्रावधान किया गया है. कोटा तब तक बना रहना चाहिए जब तक कि भेदभाव समाप्त नहीं हो जाते.
  • वायरल वीडियो ने वीडियो के उस हिस्से को काट दिया है, जिसमें मोहन भागवत कथित वीडियो क्लिप के बारे में बात करते हैं, जिसमें दावा किया गया है कि RSS आरक्षण के खिलाफ है.

  • द हिंदू और द इकोनॉमिक टाइम्स ने भी भागवत के भाषण पर रिपोर्ट की, जहां उन्होंने 28 अप्रैल को वायरल क्लिप के बारे में बात की थी.

निष्कर्ष : RSS प्रमुख मोहन भागवत का अधूरा वीडियो इस गलत दावे से वायरल है कि उन्होंने आरक्षण का विरोध किया.

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