सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें हिंदू पुजारियों के साथ मारपीट करती भीड़ दिख रही है.
क्या है दावा?: इसे शेयर कर दावा किया किया जा रहा है कि ये वीडियो कर्नाटक (Karnataka) का है जहां मुस्लिमों ने हिंदू पुजारियों पर हमला किया.
सच क्या है?: पड़ताल में हमने पाया कि ये वीडियो कर्नाटक का नहीं है. ये वीडियो महराष्ट्र के एक गांव गुहा का है.
वीडियो सांप्रदायिक झड़प का ही है, लेकिन वीडियो की लोकेशन से जुड़ा दावा गलत है.
जहां ये विवाद हुआ वहां कानिफनाथ मंदिर और एक दरगाह दोनों पास-पास ही है. यहां हिंदू पुजारियों ने अपने धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान लाउडस्पीकर लगाया हुआ था, जिसके बाद ये विवाद शुरू हुआ.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें News18 Marathi पर 13 नवंबर 2023 को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो के साथ-साथ इसी घटना से जुड़ा दूसरे एंगल से रिकॉर्ड किया गया एक अन्य वीडियो भी इस्तेमाल किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, ये वीडियो महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के गुहा गांव में मौजूद कानिफनाथ मंदिर का है.
हमें Dainik Bhaskar ग्रुपर की न्यूज वेबसाइट Divya Marathi पर भी एक और मराठी रिपोर्ट मिली. इसमें वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट इस्तेमाल किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, ये झगड़ा जहां हुआ वहां कानिफनाथ मंदिर और एक दरगाह दोनों आस-पास ही हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस जगह पर हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों ने स्वामित्व का दावा किया है. और ये मामला स्थानीय अदालत में में चल रहा है.
हमें 14 नवंबर 2023 की Hindustan Times की एक और रिपोर्ट मिली, जिसमें अहमदनगर एसपी राकेश ओला का बयान था.
ओला के मुताबिक, 13 नवंबर को सोमवती अमावस्या के मौके पर हिंदुओं के एक समूह ने कथित तौर पर कानिफनाथ देवस्थान में जाकर तेज आवाज में धार्मिक अनुष्ठान किए. इस पर इलाके के मुस्लिमों ने आपत्ति जताई.
रिपोर्ट में श्रीरामपुर रेंज के सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर बसवराज शिवपूजे का कोट भी इस्तेमाल किया गया है. उनके मुताबिक, इस मामले में दो एफआईआर दर्ज कर 62 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.
गूगल मैप पर इलाके का लगाया पता: हमने गूगल मैप पर कानिफनाथ मंदिर देखा और पाया कि यहां मौजूद विजुअल वीडियो के विजुअल से मेल खाते हैं.
हमने दोनों एफआईआर देखीं: राहुरी पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर में से एक 59 लोगों के खिलाफ थी.
एफआईआर के मुताबिक, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कानिफनाथ मंदिर के पुजारियों से स्पीकर की आवाज कम करने को कहा तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया.
संदिग्धों पर आईपीसी की धारा 324 (जानबूझकर खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 296 (धार्मिक सभा में अशांति फैलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया। ), 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा करना), 148 (घातक हथियार से लैस दंगा करना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), 506 (आपराधिक धमकी) और आर्म्स एक्ट की धारा 4 (25) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पुजारियों की ओर से दायर एक अन्य एफआईआर में बताया गया है कि मुस्लिम समुदाय को लोगों ने मंदिर में अनुष्ठान करने पर उन पर हमला किया.
ये एफआईआर आईपीसी की धारा 143, 147, 323, 324, 504, 506 और 427 के तहत 62 लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है.
हमने ज्यादा जानकारी के लिए स्थानीय पुलिस से भी संपर्क किया है. प्रतिक्रिया मिलते ही स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.
निष्कर्ष: महाराष्ट्र में सांप्रदायिक झगड़े का वीडियो कर्नाटक का बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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