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Fact Check: नमाज पढ़ते ड्राइवर और इंतजार करते यात्रियों का वीडियो दुबई का है

दुबई के वीडियो को अधूरी जानकारी के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है

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Sudarshan News के एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके (Suresh Chavhanke) ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें एक शख्स बस के अंदर नमाज पढ़ता दिख रहा है. वहीं कुछ लोग बस के बाहर खड़े हैं.

क्या है दावा?: सुरेश चव्हाणके ने वीडियो को सांप्रदायिक दावे से शेयर कर कैप्शन में लिखा है, ''मुस्लिम ड्राइवर A/C बस में नमाज़ पढ़ रहा है इस लिए पैसेंजर बाहर धुप में खड़े हैं।''

  • वीडियो के साथ #Secularism जैसे हैशटैग का इस्तेमाल कर भारत में धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठाने की कोशिश की गई है. हालांकि, ये नहीं बताया गया कि वीडियो कहां का है.

रिपोर्ट लिखे जाने तक इस वीडियो को 26 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. (कई यूजर्स ने वीडियो इसी दावे से शेयर किया. अर्काइव यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)

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सच क्या है?: ये वीडियो इंडिया का नहीं, बल्कि दुबई का है. इसके अलावा, दुबई ट्रांसपोर्ट सर्विस ने भी ट्वीट कर ये जानकारी दी है कि जिस वक्त ड्राइवर नमाज पढ़ रहा था वो बस के चलने का समय नहीं था.

हमने सच का पता कैसे लगाया?: वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें बस में 'DUBAI' लिखा हुआ दिखा.

  • इसके अलावा, बस के बगल में लगी स्क्रीन पर 'Mall of Emirates Bus Stn' भी लिखा दिख रहा है.

(स्क्रीनशॉट देखने के लिए स्वाइप करें)

  • बस में दुबई लिखा दिख रहा है.

    (फोटो: Altered by The Quint)

  • यहां से क्लू लेकर हमने गूगल पर इससे जुड़े कीवर्ड सर्च किए.

  • हमें दुबई की रोड एंड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की वेबसाइट पर 'Mall of Emirates' नाम के बस स्टेशन से जुड़ी जानकारी मिली. ये बस स्टेशन दुबई में ही है.

  • इसके अलावा, हमने इस बस स्टेशन को गूगल मैप पर भी चेक किया और पाया कि ये दुबई में ही मौजूद है.

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  • इसके अलावा, हमें 11 जून को Ujala नाम के यूजर का ट्वीट भी मिला, जिसमें इसी वीडियो का इस्तेमाल किया गया था.

  • यूजर ने वीडियो लोकेशन दुबई की बताते हुए लिखा, ''बस ड्राइवर प्रार्थना के लिए 5 मिनट चाह रहा था और लोगों को भी इंतजार करने में कोई समस्या नहीं थी.''

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  • यूजर ने इस घटना को एक सकारात्मक बताते हुए ये भी लिखा, ''इसी तरह दया भावना से मानवता बची रहेगी. कल्पना कीजिए अगर हमारे देश में ये हो रहा हो तो उसके ऑनलाइन और ऑफलाइन परिणाम क्या होंगे.''

  • इस ट्वीट पर दुबई रोड एंड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से रेप्लाई कर लिखा कि ड्राइवर के कार्यक्षेत्र के बाहर किया गया कोई भी काम जांच के अधीन है. रेप्लाई में ये स्पष्ट भी किया गया कि घटना के समय बस चलने का निर्धारित समय नहीं था.

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इसके जवाब में यूजर ने लिखा कि 4 से 5 मिनट बाद बस के दरवाजे खोल दिए गए और बस फिर से चल दी. इस पर भी RTA ने रिप्लाई कर आगे की जांच के लिए सही समय और तारीख की जानकारी भी पूछी थी.

निष्कर्ष: साफ है कि दुबई का वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से शेयर कर भारत का बताया जा रहा है.

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