सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें देखा जा सकता है कि बीच सड़क पर सेना जैसी वर्दी में दिख रहे कुछ लोग महिला के साथ पहले मारपीट करते हैं, फिर उसपर फायरिंग कर देते हैं.
दावा : वीडियो को सोशल मीडिया पर मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) से जोड़ सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दिख रही महिला कूकी हिंदू समुदाय से है और इसके साथ हो रहे सुलूक में ईसाई महिलाएं भी शामिल हैं.
क्या दावा सच है ? : नहीं, वायरल वीडियो दिसंबर 2022 से ही इंटरनेट पर उपलब्ध है, तो जाहिर है ये मणिपुर में मई 2023 से भड़की हिंसा से जुड़ा नहीं है. 2022 की मीडिया रिपोर्ट्स में वीडियो को म्यांमार का बताया गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें म्यांमार के सागांग क्षेत्र में ऐ मार तुन नाम की 24 वर्षीय टीचर को इस शक में गोली मार दी गई कि वो जुंटा यानी मणिपुर सरकार तक कुछ सूचनाएं पहुंचा रही थी.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल लैंस के जरिए रिवर्स सर्च करने पर हमें दिसंबर 2022 के कुछ सोशल मीडिया पोस्ट और रिपोर्ट्स में यही वीडियो मिला.
Burma News International की रिपोर्ट में महिला की पहचान ऐ मार तुन के रूप में की गई है, जिसने सरकार के विरोध में चल रहे आंदोलन (CDM) में हिस्सा नहीं लिया था.
नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (NUG) ने बयान जारी कर कहा था कि अगर पीपुल्स डिफेंस फोर्स (PDF) का कोई भी सदस्य महिला की हत्या के मामले में दोषी पाया जाता है, तो उसे सजा दी जाएगा.
सरकार की तरफ से ये बयान महिला की हत्या के 2 वीडियो वायरल होने के बाद आया था. रिपोर्ट्स में वीडियो को जून 2022 का बताया गया है.
असमिया भाषा के अखबार Amar Asom में भी वीडियो के विजुअल्स को मणिपुर का बताकर शेयर किया गया था. हालांकि, अखबार के एडिटर इन चीफ मनोज गोस्वामी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर स्पष्ट किया था कि मणिपुर का बताकर फोटो गलत प्रकाशित हो गई.
मणिपुर वायरल वीडियो : मणिपुर हिंसा के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसने सभी को चौंका दिया. वीडियो में पुरुषों की भीड़ दो महिलाओं को बंधक बनाकर ले जा रही है. महिलाएं मदद के लिए चिल्ला रही हैं पर उन्हें मदद नहीं मिली. वीडियो में महिलाओं को प्रताड़ित करती भीड़ कथित तौर पर मैतेई समुदाय से और पीड़ित महिलाएं कुकी समुदाय से हैं.
निष्कर्ष : मतलब साफ है, सोशल मीडिया पर म्यांमार के वीडियो को मणिपुर हिंसा से जोड़कर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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