बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वो लोगों से “कट्टरपंथी” मुस्लिम समूहों के बजाय भारतीय जनता पार्टी (BJP) को वोट देने की अपील करती देखी जा सकती हैं. वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि BSP यूपी में चल रहे विधानसभा चुनाव में BJP को सपोर्ट कर रही है.
हालांकि, हमने पाया कि वायरल वीडियो अभी का नहीं, बल्कि 2006 का है. इसके अलावा, हमें ऐसी कोई न्यूज रिपोर्ट भी नहीं मिली, जिसमें BJP और BSP के गठबंधन के बारे में बताया गया हो.
दावा
वीडियो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, "मुसलमान कट्टरपंथी हैं, चुनाव ना जीत जाए इसलिए मैने अपना वोट BJP को ट्रांसफर कर दिया।: मायावती".
पड़ताल में हमने क्या पाया
जरूरी कीवर्ड का इस्तेमाल कर सर्च करने पर, हमें ABP News का फरवरी 2017 में पब्लिश एक वीडियो मिला. न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, यही 30 से 35 सेकंड की वीडियो क्लिप 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले वायरल हुई थी. तब इसका इस्तेमाल ये दावा करने के लिए किया गया था कि मायावती मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, ये वीडियो 2006 के अक्टूबर और नवंबर में हुए स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान का है. रिपोर्ट में वीडियो के लंबे वर्जन का इस्तेमाल किया गया था.
वीडियो में, मायावती ने कहा,-
'आप देखेंगे कि मेरठ का मेयर हमारी पार्टी से था, लेकिन इस बार हम नहीं जीते? ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि उस सीट में हिंदू-मुस्लिम में बदल गई. आप जानते हैं कि मुस्लिम समुदाय के लोग कट्टरपंथियों को पसंद करते हैं. हमारी पार्टी की उम्मीदवार भी मुस्लिम थी. लेकिन हमारी पार्टी छोड़कर जो सिटिंग एमएलए गया था, उसने अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाया. आपको मालूम है कि कैसे उन्होंने कट्टरपंथी बयान दिए थे, जिससे मुसलमान एकजुट हो गया. उनकी पत्नी चुनाव जीत सकती थीं. हमारी पार्टी की कैंडिडेट कट्टरपंथी नहीं थी. ''कट्टरपंथी'' मुस्लिम की पत्नी को चुनाव जीतने से रोकने के लिए, मैंने मतदाताओं को अपना वोट बीजेपी को ट्रांसफर करने के लिए कहा.''
इसके बाद, हमने कीवर्ड सर्च करके ऐसी न्यूज रिपोर्ट देखीं जो BSP और 2006 के स्थानीय निकाय चुनावों से संबंधित थीं. हमें 11 नवंबर 2006 को पब्लिश Hindustan Times की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें मायावती के उस स्टेटमेंट के बारे में लिखा गया था, जिसमें उन्होंने BJP को वोट ट्रांसफर करने की बात की थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी छोड़ने वाले विधायक (हाजी याकूब कुरैशी) के समर्थकों ने मायावती के इस बयान की वजह से उनका पुतला फूंका. इस वजह से मायावती को स्पष्टीकरण देना पड़ा. HT की रिपोर्ट के मुताबिक, मायावती ने कहा, ''कुछ चैनलों ने दिखाया है कि मैंने मुस्लिमों को कट्टरपंथी कहा है. मेरे बयान को इस तरह से तोड़-मरोड़कर पेश करना गलत है."
उन्होंने आगे कहा, ''इस्लाम के साथ-साथ सभी धर्म भाईचारे और सद्भावना की बात करते हैं. कोई भी धर्म समाज में कलह का बीज बोने की इजाजत नहीं देता. हर कोई जानता है कि हाजी याकूब कुरैशी ने हमेशा नफरत को भुनाने की कोशिश की. हाजी के कुकृत्य का मुस्लिमों ने भी विरोध किया है. कट्टरपंथी विचारधारा की हार हो, इसलिए मैंने अपनी पार्टी का वोट ट्रांसफर कर दिया, क्योंकि दूसरी पार्टी हाजी की पत्नी को हराने की स्थिति में थी.''
मायावती ने आगे कहा, ''मुस्लिम बहुजन समाज का हिस्सा है और मैंने कभी मुस्लिमों को कट्टरपंथी नहीं कहा.''
नवंबर 2006 में Times of India पर पब्लिश PTI की रिपोर्ट में मायावती के बयान और उसके बाद हुई नाराजगी के बारे में लिखा गया था.
मतलब साफ है, मायावती का पुराना वीडियो ये गलत दावा करने के लिए शेयर किया गया कि यूपी चुनाव में बीजेपी और बीएसपी एक साथ हैं.
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